इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

“दुनिया की नाभि” पर इकट्ठे होना

“दुनिया की नाभि” पर इकट्ठे होना

“दुनिया की नाभि” पर इकट्ठे होना

क्या आपने कभी ये शब्द सुने हैं “ते पीतो ओ ते हेनुआ”? ईस्टर द्वीप में बोली जानेवाली मूल भाषा, रापा नूई में इसका मतलब है “दुनिया की नाभि।” यहाँ लोगों का इकट्ठा होना क्यों एक खास बात थी?

सबसे दूर, रहस्यमयी, अनोखा। ये शब्द ईस्टर द्वीप के बारे में बताने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। यहाँ के निवासी इस द्वीप को रापा नूई कहते हैं। दूर दक्षिण प्रशांत महासागर पर यह वाकई एक अलग-थलग इलाका है। यह चिली के सान्टियागो शहर से करीब 3,790 किलोमीटर की दूरी पर है। सितंबर 9, 1888 में यह द्वीप चिली का एक प्रांत बन गया।

इस द्वीप का आकार त्रिकोण है, इसका इलाका 166 वर्ग किलोमीटर में है, और यह तीन मृत ज्वालामुखियों से मिलकर बना है। दरअसल, प्रशांत महासागर के दूसरे कई द्वीपों की तरह, यह द्वीप भी पानी के नीचे छिपे बहुत बड़े पहाड़ की चोटी है। इस पूरे द्वीप को एक प्राकृतिक ऐतिहासिक जगह का दर्जा दिया गया है। बेशक यह द्वीप जिस चीज़ के लिए सबसे ज़्यादा मशहूर है, वह है पत्थर के रहस्यमयी बुत जिन्हें मोआइ कहा जाता है। *

खूबसूरत नज़ारों और जानी-मानी ऐतिहासिक जगहों के अलावा, ईस्टर द्वीप पर खाने के लिए तरह-तरह की लज़ीज़ चीज़ें मिलती हैं। यहाँ की ज़मीन पर अनन्‍नास, एवोकाडो, शकरकंद, पपीता जैसे फल और नौ किस्म के केले उगते हैं। और भोजन के लिए बहुत-से समुद्री जीवों के अलावा, तरह-तरह की मछलियाँ भी मिलती हैं।

ईस्टर द्वीप पर ज़्यादा ठंड नहीं पड़ती। यहाँ अकसर बारिश होती है और मेघधनुष भी दिखायी देता है। इस द्वीप पर आनेवालों को ताज़ी हवा और दिलकश नज़ारे देखने को मिलते हैं। फिलहाल, इस द्वीप पर 3,800 लोग रहते हैं। आज के निवासी, इस द्वीप पर सबसे पहले आकर बसनेवालों के वंशज हैं और इनके अलावा, यूरोप, चिली और दूसरे देशों के भी लोग यहाँ रहते हैं। यूरोप और एशिया से सैकड़ों पर्यटक इस द्वीप पर आते रहते हैं, जिनकी वजह से पर्यटन यहाँ की अर्थ-व्यवस्था का एक अहम हिस्सा बन चुका है।

पहली बार राज्य के बीज बोए गए

सन्‌ 1982 की यहोवा के साक्षियों की इयरबुक (अँग्रेज़ी) ने रिपोर्ट की: “कुछ वक्‍त के लिए ईस्टर द्वीप पर सिर्फ एक प्रचारक थी। [चिली] ब्रांच में एक मिशनरी बहन ने खत लिखकर इस बहन की आध्यात्मिक तरीके से मदद की। हालाँकि वह प्रचारक अब महाद्वीप पर वापस आ गयी है, फिर भी हमारे पास रिकॉर्ड है कि वहाँ वॉचटावर का अभिदान करनेवाले मौजूद थे। हमें बड़ा ताज्जुब हुआ जब अप्रैल 1980 में हमें द्वीप से एक दिलचस्पी रखनेवाले ने फोन करके पूछा कि स्मारक कब मनाया जाना है। फिर उसी साल के आखिर में, वालपरेज़ो से एक शादी-शुदा जोड़ा इस द्वीप पर रहने आया और तब से दिलचस्पी रखनेवालों के साथ बाइबल अध्ययन कर रहा है। अप्रैल 1981 में, इस द्वीप पर पहली बार स्मारक की सभा रखी गयी जिसमें 13 जन हाज़िर हुए। हम कितने खुश हैं कि ‘सुसमाचार’ इस अलग-थलग इलाके में भी पहुँच रहा है!”

बाद में, जनवरी 30, 1991 को ब्रांच ने एक स्पेशल पायनियर जोड़े, डार्यो और विन्‍नी फर्नान्डिस को इस द्वीप पर भेजा। भाई फर्नान्डिस कहते हैं: “हवाई जहाज़ में पाँच घंटे सफर करने के बाद हम पृथ्वी के इस सबसे अलग-थलग इलाके में पहुँचे, जिसकी संस्कृति रहस्य के पर्दे के पीछे छिपी है।” वहीं के एक भाई और एक बहन की मदद से सभाओं और प्रचार का फौरन इंतज़ाम किया गया। यह बहन अभी-अभी अपने दो बच्चों के साथ द्वीप पर आयी थी। परिवार से आनेवाले दबावों, अपने धर्म के लिए धुन और जीने के ऐसे तौर-तरीके जो पॉलिनेशिया की संस्कृतियों में आम हैं, इन सभी मुश्‍किलों के बावजूद इन भाई-बहनों ने अपनी मेहनत पर यहोवा की आशीष देखी। भाई और बहन फर्नान्डिस अब स्पेशल पायनियर तो नहीं हैं, मगर वे द्वीप पर ही बस गए हैं और अपने बेटे की परवरिश कर रहे हैं जिसका जन्म यहीं हुआ था। आज इस द्वीप पर, राज्य के 32 प्रचारक मौजूद हैं। इनमें से कुछ रापा नूई के मूल निवासी हैं और ऐसे भी हैं जो इस द्वीप पर आकर बस गए थे, या राज्य प्रचारकों की जहाँ ज़रूरत ज़्यादा है वहाँ सेवा करने के इरादे से यहाँ आए हैं।

सर्किट सम्मेलन के लिए तैयारी

इस द्वीप और महाद्वीप के बीच इतनी बड़ी दूरी होने की वजह से, साल में तीन बार इस द्वीप की कलीसिया को खास सम्मेलन दिन, सर्किट सम्मेलन और ज़िला अधिवेशन कार्यक्रमों के वीडियो टेप भेजे जाते थे। मगर सन्‌ 2000 के खत्म होने तक, चिली में ब्रांच कमिटी इस द्वीप पर पहली बार सम्मेलन रखने की सोच रही थी। आखिरकार यह फैसला किया गया कि नवंबर 2001 में यहाँ एक सर्किट सम्मेलन रखा जाए और इस खास मौके पर हाज़िर होने का न्यौता, चिली के अलग-अलग भागों में रहनेवाले कुछ चुनिंदा भाई-बहनों को दिया गया। हवाई जहाज़ के शेड्‌यूल की वजह से, सम्मेलन का कार्यक्रम रविवार और सोमवार को दिन रखा गया।

जिन 33 भाई-बहनों को न्यौता दिया गया था, वे यह सोचकर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे कि उस दूर-दराज़ इलाके में पहले सर्किट सम्मेलन में वे हाज़िर होने जा रहे हैं। हवाई जहाज़ की लंबी उड़ान से प्रशांत महासागर को पार करने के बाद, जब हवाई अड्डे पर इन भाई-बहनों का वहाँ के भाइयों ने स्वागत किया तो उन्हें बहुत सुकून मिला। सम्मेलन के लिए आए मेहमानों का स्वागत खूबसूरत लेइस (फूल की पंखड़ियों से बने हार) से किया गया, जो उस द्वीप पर दिया जानेवाला एक आम तोहफा है। उसके बाद उन्हें उनके ठहरने की जगहों पर ले जाया गया और कुछ देर द्वीप के नज़ारों का आनंद लेने के बाद, वे सभी जो सम्मेलन कार्यक्रम में हिस्सा लेनेवाले थे किंगडम हॉल में इकट्ठा हुए।

जिससे उम्मीद न थी, उसी ने प्रचार किया

सम्मेलन के लिए जाते वक्‍त, कुछ भाई-बहनों को उस इलाके के पादरी की बातें सुनकर हैरानी हुई जो उनके आने के बारे में रेडियो पर कुछ कह रहा था। उसने कहा कि महाद्वीप से पर्यटक आए हैं जो लोगों के घर-घर जाकर दुनिया के अंत के बारे में बताएँगे। हालाँकि उसने अपने चर्च के सदस्यों से इन पर्यटकों की बातें न सुनने की गुज़ारिश की, फिर भी उसकी घोषणा ने इस बात की खबर फैला दी कि द्वीप पर यहोवा के साक्षियों का एक बड़ा समूह मौजूद है। इससे द्वीप पर रहनेवालों के मन में जिज्ञासा पैदा हुई। बाद के दिनों में, सम्मेलन के लिए आए भाई-बहनों ने बड़े व्यवहार-कुशल तरीके से उनके साथ सुसमाचार का हौसला बढ़ानेवाला संदेश बाँटा।

सम्मेलन शुरू होता है

सम्मेलन के पहले दिन यानी रविवार की सुबह, द्वीप के भाई किंगडम हॉल के दरवाज़े पर मेहमानों का स्वागत करने के लिए खड़े थे। “इयोराना कोइ! इयोराना कोइ!” “आपका स्वागत है!” कुछ बहनों ने अपनी पारंपरिक पोशाक पहनी थी और अपने बालों को बिलकुल पॉलिनेशियाई ढंग से खूबसूरत फूलों से सँवारा था।

कार्यक्रम की शुरूआत मधुर संगीत से हुई। उसके बाद सौ लोगों ने सुर-में-सुर मिलाकर यह राज्य गीत गाया “दृढ़ रहो, अटल रहो!” (“Be Steadfast, Unmovable!”) ऐसा गीत इस द्वीप पर पहले कभी नहीं सुना गया था। जब चेयरमैन ने द्वीप की भाषा, रापा नूई में सबका हार्दिक स्वागत किया तो द्वीप के भाई अपने आँसुओं को न रोक सके। दोपहर के ब्रेक के दौरान तीन लोगों ने पानी में बपतिस्मा लेकर परमेश्‍वर को अपना समर्पण ज़ाहिर किया। जब पहले दिन का कार्यक्रम खत्म हुआ, सभी यहोवा के और दुनिया भर में फैले अपने भाईचारे के बहुत करीब महसूस कर रहे थे।—1 पतरस 5:9.

सुबह का प्रचार

द्वीप के खास किस्म के हालात की वजह से, सर्किट सम्मेलन के दूसरे दिन का कार्यक्रम दोपहर के खाने के बाद शुरू हुआ। इसलिए, सम्मेलन में आए मेहमानों ने इन हालात का फायदा उठाते हुए सुबह के वक्‍त प्रचार में हिस्सा लिया। उनको कैसे अनुभव हुए?

एक बुज़ुर्ग महिला ने जिसके आठ बेटे-बेटियाँ हैं, साक्षियों से कहा कि वह उनसे बात नहीं कर सकती क्योंकि वह एक कैथोलिक है। जब उन्होंने महिला से कहा कि वे ऐसी समस्याओं के बारे में बात करना चाहते हैं जिनका सामना हर कोई करता है जैसे ड्रग्स की लत, परिवार में मुश्‍किलें, तो वह सुनने के लिए राज़ी हो गयी।

एक और बुज़ुर्ग महिला एक साक्षी जोड़े के साथ बेरुखी से पेश आयी। उसने कहा: ‘जाओ जाकर महाद्वीप के लोगों से बात करो जो दूसरों के साथ कितनी बेरहमी से पेश आते हैं।’ जोड़े ने उससे कहा कि ‘राज्य के सुसमाचार’ का यह संदेश हर किसी को दिया जाता है और इस द्वीप पर उनके आने का मकसद यही था कि वे एक सम्मेलन में हाज़िर हों जो सभी को परमेश्‍वर के प्रेम में बढ़ते जाने में मदद देगा। (मत्ती 24:14) उन्होंने उससे पूछा: ‘क्या आप फिरदौस में लंबी ज़िंदगी जीना पसंद करेंगी, जहाँ के हालात ऐसे ही होंगे जैसे इस द्वीप पर हैं, यहाँ तक कि बीमारी और मौत नहीं होगी।’ जब उन्होंने उसे समझाया कि इस द्वीप पर ज्वालामुखी बरसों पुराने हैं, तो वह महिला सोच में पड़ गयी कि इंसान की ज़िंदगी उन ज्वालामुखियों की तुलना में इतनी कम क्यों हैं। उसने पूछा: “हमारी ज़िंदगी इतनी छोटी क्यों होती है?” जब उसे भजन 90:10 दिखाया गया तो उसे पढ़कर बड़ा ताज्जुब हुआ।

उसी वक्‍त अचानक, साक्षियों ने पासवाले घर से चिल्लाने की आवाज़ें सुनीं। उन्हें यह तो समझ नहीं आया कि चिल्ला-चिल्लाकर क्या बोला जा रहा है, मगर उस स्त्री ने उन्हें बताया कि पड़ोसी गालियाँ दे रहे हैं और यह साफ-साफ बताना चाहते हैं कि वे साक्षियों से नहीं मिलना चाहते। लेकिन, यह स्त्री अपने परिवार में “नूआ” यानी घर की सबसे बड़ी बेटी थी। उसका पिता मर चुका था, इसलिए परिवार के लिए क्या अच्छा है क्या बुरा अब यह तय करना उसकी ज़िम्मेदारी थी। अपने रिश्‍तेदारों के सामने, उसने अपनी भाषा में साक्षी भाइयों की तरफदारी की और उसे जो साहित्य दिया गया वह कबूल किया। बाद में, उसी हफ्ते के दौरान जब वह अपनी कार में जा रही थी तो साक्षियों को देखकर उसने अपने छोटे भाई को गाड़ी रोकने के लिए कहा। उसके भाई को गुस्सा आया, मगर फिर भी इस स्त्री ने साक्षियों को अलविदा कहा और यह शुभकामना दी कि उन्हें प्रचार में कामयाबी मिले।

हालाँकि ऐसा लगा कि द्वीप के कुछ लोग, महाद्वीप के साक्षियों का संदेश ठुकरा रहे थे, फिर भी धीरे-धीरे इन मेहमानों ने देखा कि रापा नूई स्वभाव से बड़े ही भले और दोस्ताना किस्म के लोग हैं। उनमें से ज़्यादातर ने बड़ी खुशी से सुसमाचार सुना। दरअसल, द्वीप पर बपतिस्मा पानेवाले 20 में से 6 साक्षी यहीं के निवासी हैं। इनमें से एक की पत्नी के साथ बाइबल अध्ययन चलाया जा रहा था। उस आदमी ने पास के कमरे से साक्षियों की बातचीत सुनी और इस तरह पहली बार बाइबल की सच्चाई सीखी। वह और उसकी पत्नी अब बपतिस्मा पाए हुए साक्षी हैं और वह कलीसिया में सहायक सेवक है।

आध्यात्मिक कार्यक्रम जारी रहता है

दोपहर के खाने के बाद, दूसरे दिन का कार्यक्रम शुरू हुआ। एक बार फिर, द्वीप के 32 भाई-बहनों और 33 मेहमानों के साथ दिलचस्पी रखनेवाले कई लोग हाज़िर हुए। लगभग सौ लोगों ने कार्यक्रम सुना, जिसमें जन भाषण भी था “प्रेम और विश्‍वास कैसे दुनिया को जीत लेते हैं।” दरअसल, जो वहाँ मौजूद थे, चाहे वे अलग-अलग संस्कृतियों से क्यों न थे, यहोवा के लोगों के बीच प्रेम का जीता-जागता सबूत देख सकते थे।—यूहन्‍ना 13:35.

सर्किट सम्मेलन के दिनों के दौरान, सर्किट और डिस्ट्रिक्ट ओवरसियरों ने पायनियर सेवकों के साथ एक खास सभा रखी। द्वीप से तीन रेग्युलर पायनियरों के साथ-साथ मेहमानों में से रेग्युलर या स्पेशल पायनियर भी सभा में आए। सभी का हौसला बढ़ा।

अगले दिन, गाइड का काम करनेवाले द्वीप के कुछ भाइयों ने मेहमानों को पूरे द्वीप की सैर करायी। वे पत्थरों की एक खान में गए जहाँ मोआइ तराशे जाते थे, साथ ही ऐसे ज्वालामुखी देखे जहाँ प्राचीनकाल में प्रतियोगिताएँ होती थीं और हाँ, सुनहरी रेत का खूबसूरत आनाकेना समुद्री किनारा भी देखा जहाँ इस द्वीप पर पहली बार आए लोगों ने कदम रखा था। *

द्वीप के भाइयों के साथ संगति करने का आखिरी मौका कलीसिया पुस्तक अध्ययन में मिला। सभा के बाद, द्वीप के साक्षियों ने मेहमानों को अपनी तरह की दावत देकर हैरान कर दिया। बाद में अपनी खास पोशाक में उन्होंने बहुत बढ़िया तरीके से लोक-नृत्य पेश किया। मेहमानों को और रापा नूई के भाई-बहनों को पूरा यकीन था कि सम्मेलन की तैयारी करने के लिए जो मेहनत की गयी वह वाकई सफल हुई।

जो मेहमान आए, उन्हें अपने इन भाई-बहनों से गहरा लगाव हो गया, जो दुनिया से दूर इस इलाके में रहते थे और जिनके साथ उन्होंने एक लाजवाब हफ्ता बिताया था। द्वीप से जाते वक्‍त, भाई-बहनों से विदा लेना आसान नहीं था। इन नए दोस्तों की दोस्ती और आध्यात्मिक हौसला-अफज़ाई को वे अपने दिल में संजोए रखेंगे। हवाई अड्डे पर, द्वीप के भाइयों ने मेहमानों के गले में सीपियों के हार पहनाए जो उन्होंने खुद अपने हाथों से बनाए थे।

मेहमान जाते-जाते, यह वादा कर गए: “इयोराना! लाउ हे होकी माइ ए रापा नूई ए,” जिसका मतलब है: “अलविदा! मैं तुम्हारे पास फिर आऊँगा, रापा नूई।” जी हाँ, वे अपने इन नए दोस्तों और आध्यात्मिक परिवार के सदस्यों से फिर मिलने के लिए बेताब हैं, जी हाँ उसी अनोखे, सबसे दूर, रहस्यमयी और दोस्ताना ईस्टर द्वीप पर!

[फुटनोट]

^ जुलाई-सितंबर, 2000 की सजग होइए! देखिए, जिसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

^ रानो राराकू ज्वालामुखी के मुहाने पर पत्थरों से कई नक्काशियाँ की हुई हैं। जो इस द्वीप पर राज करना चाहते थे, उनके बीच प्रतियोगिता की शुरूआत की जगह रानो काउ पहाड़ पर थी। खिलाड़ियों को चोटी से नीचे उतरकर एक छोटे द्वीप तक तैरकर जाना था, वहीं के एक पक्षी का अंडा लेकर वापस बड़े द्वीप तक तैरकर आना था और अंडे को बिना हानि पहुँचाए उस चोटी के ऊपर तक पहुँचाना था।

[पेज 24 पर बक्स]

ईस्टर द्वीप पर प्रचार

इस यादगार सम्मेलन के लगभग दो साल पहले, एक सर्किट ओवरसियर और उसकी पत्नी द्वीप पर आए और उन्हें कई बढ़िया अनुभव हुए। मसलन, तब उनकी हैरानी का ठिकाना न रहा जब उनके रहने की जगह पर उन्हें ले जानेवाली एक बहन ने याद दिलाया कि ‘आपने ही 16 साल पहले दक्षिण चिली में मेरे साथ बाइबल का अध्ययन किया था, उस वक्‍त मैं एक किशोरी थी।’ सच्चाई के जो बीज वहाँ बोए गए थे, वे रापा नूई में फले।

उन्हें यह मज़ेदार अनुभव भी मिला: यादगार के लिए चीज़ें बेचनेवाले एक दुकानदार ने न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन ऑफ द होली स्क्रिप्चर्स्‌ लिया और उसके साथ ज्ञान जो अनन्त जीवन की ओर ले जाता है किताब भी ली। ये दोनों किताबें यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित की हैं। जब वे दुकानदार के पास दोबारा गए, तो उसने कहा कि वह उस बाइबल को पढ़ नहीं पाया। वे उसके पास फ्रांसीसी भाषा की बाइबल छोड़ गए थे, मगर उसे तो स्पैनिश चाहिए थी! उसकी समस्या का फौरन हल किया गया और उस आदमी ने द्वीप पर रहनेवाले साक्षियों की मदद से और हाँ, अपनी भाषा की बाइबल की मदद से यह जाना कि बाइबल को समझना आखिरकार इतना मुश्‍किल नहीं है।

[पेज 22 पर नक्शा]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

ईस्टर द्वीप

चिली

[पेज 23 पर तसवीरें]

सर्किट सम्मेलन में बपतिस्मा लेनेवालों में से दो जन

[पेज 25 पर तसवीरें]

रानो राराकू ज्वालामुखी की ढलान; अंदर का चित्र: द्वीप पर पैदा होनेवाला ग्वायाबा नाम का एक जंगली फल