यहोवा के साक्षी क्यों आपसे बार-बार मिलने आते हैं?
यहोवा के साक्षी क्यों आपसे बार-बार मिलने आते हैं?
यहोवा के साक्षी बार-बार लोगों के घर जाकर प्रचार करने के लिए दुनिया-भर में जाने जाते हैं। कुछ लोग समझ नहीं पाते कि साक्षी क्यों बार-बार उनसे मिलने आते हैं, खासकर ऐसे लोग जो साक्षियों के संदेश में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते। साक्षियों के इस तरह प्रचार करने की वजह, रूस से मिली इन दो चिट्ठियों से ज़ाहिर होती है।
खबारअफ्स्क की रहनेवाली 19 बरस की लड़की, माशा कबूल करती है: “सच कहूँ तो पहले मैं यहोवा के साक्षियों से दूर भागती थी।” लेकिन जब माशा ने साक्षियों की प्रकाशित की गयी कुछ पत्रिकाएँ पढ़ीं, तो उनके बारे में उसका नज़रिया बदल गया। वह लिखती है: “उन पत्रिकाओं में इतनी दिलचस्प और बढ़िया जानकारी है कि क्या बताऊँ। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे हमें दुनिया को बिलकुल अलग नज़रिए से देखना सिखाती हैं। मुझे धीरे-धीरे समझ आया कि इंसान की ज़िंदगी का मकसद क्या है।”
व्लाडवास्टाक से करीब 80 किलोमीटर उत्तर में बसे शहर, यूसुरीस्क की रहनेवाली स्वेतलाना ने लिखा: “हाल ही में मैंने प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! पत्रिकाएँ पढ़नी शुरू की हैं। आज के ज़माने में लोगों को ऐसी ही पत्रिकाओं की ज़रूरत है। मुझे इनके सभी लेख पसंद हैं। इनमें दी जानेवाली जानकारी बहुत ही बढ़िया और दिलचस्प होती है और ये हमारा ज्ञान बढ़ाती हैं। शुक्र है कि आप जैसे लोग इस दुनिया में मौजूद हैं और इतना ज़रूरी काम कर रहे हैं। मैं आपका बहुत एहसान मानती हूँ!”
दुनिया-भर में रहनेवाले यहोवा के साक्षी, प्रेरित पौलुस के इस सवाल को गंभीरता से लेते हैं, जो एक इंसान को सोचने पर मजबूर करता है: “भला [लोग] प्रचारक के बिना कैसे सुनेंगे?” (रोमियों 10:14, NHT) अगली बार जब साक्षी आपसे मिलने आएँ, तो क्यों न आप चंद मिनट निकालकर उनकी बात सुनें? हो सकता है परमेश्वर के वचन, बाइबल में दिया सांत्वना का संदेश आपको भी भा जाए।