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“हम चाहते हैं कि हमारा जवाब ‘हाँ’ हो!”

“हम चाहते हैं कि हमारा जवाब ‘हाँ’ हो!”

“हम चाहते हैं कि हमारा जवाब ‘हाँ’ हो!”

नाइजीरिया में यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तर को हाल ही में एक खत मिला, जिसकी कुछ बातें इस तरह हैं:

“हमारा बेटा, ऐन्डरसन 14 साल का था जब वह गुज़र गया। अपनी मौत से पहले, वह दो चूज़े पाल रहा था। वह उन्हें बेचकर शाखा दफ्तर को पैसे दान करना चाहता था, ताकि उनका इस्तेमाल दुनिया भर में होनेवाले प्रचार काम के लिए किया जा सके। लेकिन इससे पहले कि चूज़े बड़े होते और ऐन्डरसन उन्हें बेचता, उसकी मौत हो गयी।

“अपने बेटे के इस अधूरे सपने को साकार करने के लिए हमने उन चूज़ों को पालकर बड़ा किया और बेचा। अब हम उसके नाम से यह दान आपको भेज रहे हैं। यहोवा ने पुनरुत्थान का जो वादा किया है, उसकी वजह से हमें पूरा यकीन है कि हम बहुत जल्द ऐन्डरसन को ज़िंदा देखेंगे। और जब वह हमसे पूछेगा कि क्या हमने उसकी ख्वाहिश पूरी की, तो हम चाहते हैं कि हमारा जवाब ‘हाँ’ हो! हम ऐन्डरसन के साथ-साथ ‘गवाहों के उस बड़े बादल’ को भी देखने के लिए बेताब हैं जो दोबारा जी उठेंगे।”—इब्रानियों 12:1; यूहन्‍ना 5:28, 29.

जैसे इस खत से साफ पता चलता है, पुनरुत्थान एक ऐसी आशा है जिससे सच्चे मसीहियों को हिम्मत मिलती है। वह समय क्या ही खुशियों भरा होगा जब ऐन्डरसन के परिवार की तरह लाखों परिवार अपने उन अज़ीज़ों को दोबारा गले लगाएँगे, जिन्हें उनके दुश्‍मन, मौत ने उनसे जुदा कर दिया है।—1 कुरिन्थियों 15:24-26.

बाइबल बताती है कि परमेश्‍वर के राज्य के अधीन, धार्मिकता के नए संसार में पुनरुत्थान की आशा पूरी होगी और दूसरे कई बढ़िया बदलाव होंगे। (2 पतरस 3:13) उस वक्‍त परमेश्‍वर इंसानों के लिए जो करेगा, उसके बारे में बाइबल कहती है: “वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।”—प्रकाशितवाक्य 21:4.