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क्या वफादारी निभाने का कोई फायदा है?

क्या वफादारी निभाने का कोई फायदा है?

क्या वफादारी निभाने का कोई फायदा है?

बीमा कंपनी के एक नुमाइंदे, कार्ल ने येन्स नाम के एक बुज़ुर्ग से कहा: “आप अपने स्वास्थ्य बीमा के लिए कुछ ज़्यादा ही पैसा लगा रहे हैं। अगर आप हमारी कंपनी से बीमा करवाएँगे, तो हर महीने आपके 900 रुपए बचेंगे। और यह एक बहुत बड़ी रकम है।” *

जवाब में येन्स ने कहा: “शायद तुम जो कह रहे हो, वह सच है। लेकिन इस कंपनी से अपना स्वास्थ्य बीमा कराए मुझे कई बरस हो गए हैं और अब मैं यह कंपनी नहीं बदलना चाहता। और फिर उन्होंने हमेशा मेरी बहुत मदद की है, इसलिए मैं उनके साथ वफादारी निभाना चाहता हूँ।”

तब कार्ल ने कहा: “मैं मानता हूँ कि वफादार रहना एक अच्छी बात है। मगर यह वफादारी आपके लिए बहुत महँगी पड़ रही है!”

कार्ल ने बिलकुल सही कहा। अकसर किसी का वफादार बने रहने के लिए एक इंसान को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। वफादारी निभाने में समय, ताकत और अटल इरादे की भी ज़रूरत होती है। मगर क्या वफादारी निभाने के लिए यह सब करने का कोई फायदा है?

तारीफ सभी करते हैं, मगर निभाते नहीं

जनता की राय की जाँच करनेवाली जर्मनी की आलन्सबाख संस्था ने एक सर्वे लिया। इसमें वफादारी निभाने के बारे में जितने लोगों से सवाल किए गए, उनमें से 96 प्रतिशत लोगों का कहना है कि यह बहुत ही अच्छा गुण है। आलन्सबाख संस्था ने एक और सर्वे लिया जिसमें 18 से 24 साल के जवानों से यही सवाल पूछा गया। नतीजा, हर 3 में 2 जवानों ने कहा कि यह एक अच्छा गुण है।

हालाँकि वफादारी की सभी तारीफ करते हैं, लेकिन जब वफादारी निभाने की बात आती है, तो हकीकत कुछ और ही होती है। मिसाल के लिए, यूरोप के बहुत-से देशों में अकसर पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ बेवफाई करते हैं और परिवार के सदस्य एक-दूसरे से विश्‍वासघात करते हैं। कई बार दोस्त, दोस्त को दगा दे देते हैं। एक ज़माना था जब कर्मचारी अपने मालिक के नमक का हक अदा करते थे, और ग्राहक विश्‍वास की वजह से बार-बार एक ही दुकान पर जाते थे। मगर ज़माना बदल गया है। आखिर हालात आज ऐसे क्यों हैं?

ज़िंदगी की भाग-दौड़ में लोगों के पास वफादारी निभाने के लिए न तो फुरसत होती है, ना ही अटल इरादा। एक बार जब लोग धोखा खाते हैं, तो उसके बाद वे न तो किसी पर भरोसा करना चाहते हैं, ना ही किसी के वफादार रहना चाहते हैं। दूसरी तरफ, कुछ लोग मानते हैं कि ज़िंदगी दो पल की है, आज हम ज़िंदा हैं तो कल न जाने क्या हो, ऐसे में वफादारी दिखाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

वजह चाहे जो भी हो, एक बात तय है कि वफादारी की तारीफ तो सभी करते हैं, मगर निभाते बहुत कम लोग हैं। ऐसे में ये सवाल उठते हैं: क्या वफादार रहने का कोई फायदा है? अगर हाँ, तो हमें किसका वफादार रहना चाहिए और हम किन तरीकों से वफादारी निभा सकते हैं? वफादार रहने के क्या फायदे हैं?

[फुटनोट]

^ इस और अगले लेख में कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

[पेज 3 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

वफादारी की तारीफ तो सभी करते हैं, मगर निभाते बहुत कम लोग हैं