प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2005 चिन्हों का मतलब बूझना एक गंभीर मामला है! क्या आप यीशु की उपस्थिति के चिन्ह को देख पा रहे हैं? पहला इतिहास किताब की झलकियाँ क्या आपके विवेक ने अच्छी तालीम पायी है? माता-पिता की मिसाल से मेरा हौसला बढ़ा “जागते रहो”—न्याय करने का समय आ पहुँचा है! माता-पिताओ, आप अपने बच्चों के लिए कैसा भविष्य चाहते हैं? क्या आप “परमेश्वर की दृष्टि में धनी” हैं? क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले? प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2005 प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2005 हिंदी प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2005 https://assetsnffrgf-a.akamaihd.net/assets/ct/d8f8c0370e/images/cvr_placeholder.jpg