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यही फैसला करने की घड़ी है

यही फैसला करने की घड़ी है

यही फैसला करने की घड़ी है

“तुम कब तक दो विचारों में लटके रहोगे”?1 राजा 18:21.

1. किस वजह से हमारा समय बीते वक्‍त से अलग है?

 क्या आप मानते हैं कि सिर्फ यहोवा ही सच्चा परमेश्‍वर है? क्या आप यह भी मानते हैं कि बाइबल की भविष्यवाणियाँ, हमारे समय को शैतान के दुष्ट संसार के ‘अन्तिम दिन’ कहती हैं? (2 तीमुथियुस 3:1) अगर हाँ, तो आप इस बात से हरगिज़ इनकार नहीं करेंगे कि आज, जी हाँ अभी, फैसला करने की घड़ी है। इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि इतने सारे लोगों की जान खतरे में हो।

2. राजा अहाब की हुकूमत के दौरान इस्राएल के दस गोत्रवाले राज्य में क्या हुआ?

2 सामान्य युग पूर्व दसवीं सदी में इस्राएल देश को एक गंभीर फैसला करना था कि वह किसकी उपासना करेगा? उस वक्‍त राजा अहाब ने, मूर्तिपूजा करनेवाली अपनी पत्नी, ईज़ेबेल के बहकावे में आकर इस्राएल के दस गोत्रवाले राज्य में बाल उपासना को बढ़ावा दिया था। बाल को ऐसा देवता माना जाता था जो वर्षा लाकर देश को भरपूर फसल की आशीष देता है। बाल को पूजनेवाले कई लोग अपने इस देवता की मूरत को चूमते या उसके आगे नमन करते थे। वे मंदिर की देवदासियों के साथ नीच लैंगिक संबंध रखते थे ताकि बाल खुश होकर उनकी फसल और उनके मवेशियों पर आशीष दे। इसके अलावा, अपने बदन को चीरने और उसे लहूलुहान करने का रिवाज़ भी उनमें आम था।—1 राजा 18:28.

3. बाल उपासना का परमेश्‍वर के लोगों पर क्या असर हुआ?

3 इस्राएलियों में से सिर्फ कुछ 7,000 जन रह गए थे जिन्होंने इस तरह की उपासना करने से इनकार किया, जिसमें मूर्तियों के आगे झुकने, अनैतिक काम करने, खुद को मार-मारकर लहूलुहान करने जैसे रिवाज़ शामिल थे। (1 राजा 19:18) वे यहोवा परमेश्‍वर के चुने हुए लोग होने के नाते उसी के वफादार रहे। इस वजह से उन्हें सताया गया। उदाहरण के लिए, रानी ईज़ेबेल ने यहोवा के कई भविष्यवक्‍ताओं को मरवा डाला। (1 राजा 18:4, 13) इन ज़ुल्मों की वजह से बहुत-से इस्राएली, यहोवा और बाल दोनों की उपासना करने लगे। लेकिन एक इस्राएली का यहोवा से मुँह फेरकर किसी झूठे देवता की उपासना करना धर्मत्याग और यहोवा के साथ सरासर गद्दारी करना था। यहोवा ने इस्राएलियों से वादा किया था कि अगर वे उससे प्यार करेंगे और उसकी आज्ञाएँ मानेंगे तो वह उन्हें ज़रूर आशीष देगा। मगर, उसने खबरदार भी किया कि अगर वे सिर्फ ‘उसी की भक्‍ति’ (NW) करने की आज्ञा तोड़ देंगे, तो वह उनका सत्यानाश करेगा।—व्यवस्थाविवरण 5:6-10; 28:15, 63.

4. मसीहियों के बीच उठनेवाले हालात के बारे में यीशु और उसके प्रेरितों ने क्या भविष्यवाणी की थी, और यह भविष्यवाणी कैसे पूरी हुई है?

4 आज, ईसाईजगत का भी कुछ ऐसा ही हाल है। चर्च के सदस्य खुद को मसीही कहते हैं, मगर उनका व्यवहार, उनके विश्‍वास और त्योहार, बाइबल की शिक्षाओं के खिलाफ हैं। ईज़ेबेल की तरह ईसाईजगत के पादरी, यहोवा के साक्षियों को सताने में सबसे आगे हैं। यही नहीं, वे लंबे अरसे से युद्धों में सरकारों का साथ देते आए हैं और इस तरह चर्च के लाखों-करोड़ों सदस्यों का खून बहाने के ज़िम्मेदार हैं। बाइबल बताती है कि जब धर्म इस तरह दुनियावी सरकारों का साथ देता है तो यह आध्यात्मिक मायने में व्यभिचार है। (प्रकाशितवाक्य 18:2, 3) इसके अलावा, ईसाईजगत अपने सदस्यों में, यहाँ तक कि पादरियों में सचमुच के व्यभिचार को भी दिनों-दिन बरदाश्‍त करने लगा है। यीशु मसीह और उसके प्रेरितों ने भविष्यवाणी की थी कि इस तरह बड़े पैमाने पर धर्मत्याग होगा। (मत्ती 13:36-43; प्रेरितों 20:29, 30; 2 पतरस 2:1, 2) ईसाईजगत के एक अरब से ज़्यादा सदस्यों का आखिरी अंजाम क्या होगा? इन लोगों और झूठे धर्म से गुमराह हुए बाकी लोगों की तरफ यहोवा के सच्चे उपासकों की क्या ज़िम्मेदारी बनती है? इन सवालों का साफ-साफ जवाब पाने के लिए हमें उन रोमांचक घटनाओं पर गौर करना होगा जिनके आखिर में “बाल को इस्राएल में से नाश” किया गया था।—2 राजा 10:28.

अपने भटके हुए लोगों के लिए परमेश्‍वर का प्यार

5. यहोवा ने अपने भटके हुए लोगों के लिए प्यार और परवाह कैसे दिखायी?

5 यहोवा परमेश्‍वर उन लोगों को सज़ा देने से खुश नहीं होता जो उससे विश्‍वासघात करते हैं। वह प्यार करनेवाला पिता है और चाहता है कि दुष्ट जन, पश्‍चाताप करके उसके पास लौट आएँ। (यहेजकेल 18:32; 2 पतरस 3:9) अहाब और ईज़ेबेल के दिनों में यहोवा ने अपने लोगों को बाल उपासना के अंजामों से खबरदार करने के लिए और इस तरह अपने प्यार का सबूत देने के लिए कई भविष्यवक्‍ताओं को भेजा। एलिय्याह ऐसा ही एक भविष्यवक्‍ता था। उसने ऐलान किया था कि पूरे देश में सूखे की ज़बरदस्त मार पड़ेगी। उसके बाद, उसने राजा अहाब से कहा कि वह इस्राएलियों और बाल के नबियों को कर्म्मेल पर्वत पर इकट्ठा करे।—1 राजा 18:1, 19.

6, 7. (क) एलिय्याह ने इस्राएल में फैले धर्मत्याग की जड़ कैसे पकड़ी? (ख) बाल के नबियों ने क्या किया? (ग) एलिय्याह ने क्या किया?

6 लोग उसी जगह इकट्ठा हुए जहाँ पर एक वक्‍त यहोवा की वेदी हुआ करती थी, मगर शायद ईज़ेबेल को खुश करने के लिए “गिराई गई थी।” (1 राजा 18:30) अफसोस कि वहाँ मौजूद इस्राएलियों को पक्का मालूम नहीं था कि यहोवा और बाल में से कौन बारिश ला सकता है और देश में पड़े सूखे को सचमुच खत्म कर सकता है। बाल की तरफ से 450 नबी मौजूद थे जबकि यहोवा की तरफ से एलिय्याह अकेला भविष्यवक्‍ता था। उन इस्राएलियों की समस्या की जड़ पकड़ते हुए एलिय्याह ने उनसे पूछा: “तुम कब तक दो विचारों में लटके रहोगे”? फिर मसले को साफ-साफ समझाते हुए उसने कहा: “यदि यहोवा [सच्चा] परमेश्‍वर हो, तो उसके पीछे हो [लो]; और यदि बाल हो, तो उसके पीछे हो [लो]।” एलिय्याह चाहता था कि दुविधा में पड़े ये इस्राएली सिर्फ यहोवा की भक्‍ति करने का फैसला करें, किसी और की नहीं। इसलिए उसने एक परीक्षा रखने का सुझाव दिया जिससे साबित हो जाए कि कौन सच्चा परमेश्‍वर है। कैसी परीक्षा? यहोवा और बाल के लिए एक-एक बछड़े की बलि चढ़ायी जाएगी। यहोवा और बाल में से जो आग भेजकर बलिदान को होम करेगा, वही सच्चा परमेश्‍वर होगा। बाल के नबियों ने अपने बलिदान को तैयार किया और वे घंटों अपने देवता को पुकारते रहे: “हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन!” जब एलिय्याह उनका ठट्ठा करने लगा, तो वे और भी ज़ोर से चिल्लाने लगे और छुरियों से खुद को इस कदर घायल किया कि वे खून से लथपथ हो गए। मगर उनकी सुननेवाला कोई नहीं था।—1 राजा 18:21, 26-29.

7 अब एलिय्याह की बारी आयी। सबसे पहले उसने यहोवा की वेदी की मरम्मत की और उस पर बछड़े के टुकड़े रखे। इसके बाद, उसने चार घड़े पानी बलिदान पर उँडेलने के लिए कहा। ऐसा तीन बार किया गया जब तक कि वेदी के चारों ओर बना गड्ढा पानी से भर नहीं गया। फिर एलिय्याह ने प्रार्थना की: “हे इब्राहीम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा! आज यह प्रगट कर कि इस्राएल में तू ही परमेश्‍वर है, और मैं तेरा दास हूं, और मैं ने ये सब काम तुझ से वचन पाकर किए हैं। हे यहोवा! मेरी सुन, मेरी सुन, कि ये लोग जान लें कि हे यहोवा, तू ही परमेश्‍वर है, और तू ही उनका मन लौटा लेता है।”—1 राजा 18:30-37.

8. परमेश्‍वर ने एलिय्याह की प्रार्थना का जवाब कैसे दिया और एलिय्याह ने क्या कार्रवाई की?

8 सच्चे परमेश्‍वर ने एलिय्याह की प्रार्थना का जवाब दिया। उसने आकाश से आग भेजकर बलिदान और वेदी दोनों को भस्म कर दिया। इस आग ने वेदी के चारों ओर बने गड्ढे का पानी भी सुखा दिया! ज़रा सोचिए, यह देखकर इस्राएलियों पर कैसा ज़बरदस्त असर हुआ होगा। “सब लोग मुंह के बल गिरकर बोल उठे, यहोवा ही [सच्चा] परमेश्‍वर है, यहोवा ही [सच्चा] परमेश्‍वर है”! फिर, एलिय्याह ने फौरन कार्रवाई की। उसने इस्राएलियों को आदेश दिया: “बाल के नबियों को पकड़ लो, उन में से एक भी छूटने न पाए”! इसके बाद, बाल के सभी 450 नबियों को कर्म्मेल पर्वत के नीचे लाकर मार डाला गया।—1 राजा 18:38-40.

9. सच्चे उपासकों की दोबारा आज़माइश कैसे हुई?

9 वह क्या ही यादगार दिन था! साढ़े तीन साल के सूखे के बाद उसी दिन यहोवा ने पूरे देश में बरखा बरसायी! (याकूब 5:17, 18) क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि घर लौटते वक्‍त इस्राएलियों ने आपस में क्या-क्या बातें की होंगी? आखिर यहोवा ने साबित कर दिखाया कि वही सच्चा परमेश्‍वर है। लेकिन बाल के उपासकों ने हार नहीं मानी। ईज़ेबेल ने यहोवा के सेवकों पर ज़ुल्म ढाने की अपनी मुहिम जारी रखी। (1 राजा 19:1, 2; 21:11-16) एक बार फिर, परमेश्‍वर के लोगों की खराई की आज़माइश हुई। जब बाल उपासकों के खिलाफ यहोवा के न्याय का दिन आया, तो क्या यहोवा ने अपने लोगों को सिर्फ उसी की भक्‍ति करते पाया?

अभी फैसला करो

10. (क) आज हमारे ज़माने में अभिषिक्‍त मसीही क्या करते रहे हैं? (ख) प्रकाशितवाक्य 18:4 में दी आज्ञा को मानने के लिए क्या करना ज़रूरी है?

10 आज हमारे ज़माने में अभिषिक्‍त मसीहियों ने एलिय्याह जैसा काम किया है। उन्होंने ज़बानी तौर पर और किताबों-पत्रिकाओं के ज़रिए, सभी देशों में रहनेवाले ईसाईजगत के लोगों और बाकी लोगों को खबरदार किया है कि झूठे धर्म से वास्ता रखना खतरे से खाली नहीं। नतीजा यह है कि लाखों लोगों ने झूठे धर्म से अपना नाता तोड़ने का पक्का फैसला किया है। उन्होंने यहोवा को अपना जीवन समर्पित किया है और बपतिस्मा लेकर यीशु मसीह के चेले बने हैं। जी हाँ, उन्होंने झूठे धर्म के बारे में परमेश्‍वर की इस गुज़ारिश को फौरन माना है: “हे मेरे लोगो, उस में से निकल आओ; कि तुम उसके पापों में भागी न हो, और उस की विपत्तियों में से कोई तुम पर आ न पड़े।”—प्रकाशितवाक्य 18:4.

11. यहोवा की मंज़ूरी पाने के लिए क्या करना ज़रूरी है?

11 ऐसे और भी लाखों लोग हैं जो यहोवा के साक्षियों के बताए बाइबल के संदेश को पसंद तो करते हैं, मगर दुविधा में हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए। इनमें से कुछ लोग कभी-कभी मसीही सभाओं के लिए आते हैं, जैसे कि प्रभु के संध्या भोज या ज़िला अधिवेशन के कुछ भाषण सुनने के लिए। हम इन सभी को उकसाते हैं कि वे एलिय्याह के इन शब्दों पर ध्यान से सोचें: “तुम कब तक दो नावों में पैर रखे रहोगे?” (1 राजा 18:21, नयी हिन्दी बाइबिल) उन्हें अब और देर नहीं करनी चाहिए, बल्कि अभी फैसला करना चाहिए ताकि यहोवा को अपना जीवन समर्पित करके, बपतिस्मा लेने और उसकी उपासना करने के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए जी-जान से मेहनत करना शुरू कर दें। क्योंकि इसी से तय होगा कि उन्हें हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी या नहीं!—2 थिस्सलुनीकियों 1:6-9.

12. कुछ बपतिस्मा-शुदा मसीही किस खतरनाक हालत में पड़ गए हैं और उन्हें क्या करना चाहिए?

12 अफसोस कि कुछ बपतिस्मा-शुदा मसीही पूरे जोश के साथ लगातार परमेश्‍वर की उपासना नहीं कर रहे हैं और कुछ तो पूरी तरह ठंडे पड़ चुके हैं। (इब्रानियों 10:23-25; 13:15, 16) कुछ मसीही, ज़ुल्म के डर से, रोज़ी-रोटी कमाने की चिंताओं से, अमीर बनने की कोशिश में या ऐशो-आराम पाने के स्वार्थ की वजह से परमेश्‍वर की सेवा में अपना जोश खो बैठे हैं। यीशु ने चेतावनी दी थी कि इन्हीं बातों की वजह से उसके कुछ चेले ठोकर खाएँगे, दब जाएँगे या फंदे में फँस जाएँगे। (मत्ती 10:28-33; 13:20-22; लूका 12:22-31; 21:34-36) ‘दो विचारों में लटके रहने’ के बजाय, ऐसे लोगों को ‘सरगर्म होने और मन फिराने’ की ज़रूरत है। उन्हें फौरन कार्रवाई करनी चाहिए और परमेश्‍वर के आगे अपने समर्पण का वादा निभाना चाहिए।—प्रकाशितवाक्य 3:15-19.

झूठे धर्म का अचानक अंत

13. बताइए कि जब येहू को राजा अभिषिक्‍त किया गया, तब इस्राएल में क्या हो रहा था।

13 इंसानों के लिए अभी फैसला करना क्यों ज़रूरी है, यह जानने के लिए गौर कीजिए कि सच्चा परमेश्‍वर कौन है, यह कर्म्मेल पर्वत पर साबित हो जाने के 18 साल बाद इस्राएल में क्या हुआ। बाल उपासना के खिलाफ यहोवा के न्याय का दिन अचानक आया। तब एलिय्याह का वारिस, एलीशा यहोवा के नबी के तौर पर सेवा कर रहा था। राजा अहाब का बेटा, योराम इस्राएल पर राज कर रहा था और राजमाता ईज़ेबेल भी ज़िंदा थी। एलीशा ने चुपचाप अपने सेवक को इस्राएल के सेनापति येहू के पास भेजा ताकि इस्राएल का नया राजा बनने के लिए उसका अभिषेक करे। उस वक्‍त येहू यरदन के पूर्व में, गिलाद के रामोत में इस्राएल के दुश्‍मनों के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई कर रहा था। और राजा योराम युद्ध में घायल होने की वजह से मगिद्दो के पासवाले मैदान, यिज्रेल में ठीक हो रहा था।—2 राजा 8:29–9:4.

14, 15. येहू को क्या काम मिला, और उसने कैसा रवैया दिखाया?

14 यहोवा ने येहू को आज्ञा दी: “तू अपने स्वामी अहाब के घराने को मार डालना, जिस से मुझे अपने दास भविष्यद्वक्‍ताओं के वरन अपने सब दासों के खून का जो ईज़ेबेल ने बहाया, पलटा मिले। क्योंकि अहाब का समस्त घराना नाश हो जाएगा, . . . और ईज़ेबेल को यिज्रैल की भूमि में कुत्ते खाएंगे, और उसको मिट्टी देनेवाला कोई न होगा।”—2 राजा 9:7-10.

15 येहू फौरन कार्रवाई करनेवाला इंसान था। टालमटोल किए बिना वह अपने रथ पर सवार हुआ और तेज़ी से यिज्रेल की तरफ निकल पड़ा। यिज्रेल का एक पहरेदार येहू के रथ चलाने के ढंग से पहचान गया कि येहू आ रहा है और उसने यह खबर राजा योराम को दी। यह सुनते ही योराम रथ पर सवार होकर अपने सेनापति से मिलने गया। जब वे एक-दूसरे से मिले तो योराम ने पूछा: “हे येहू क्या कुशल है?” येहू ने जवाब दिया: “जब तक तेरी माता ईज़ेबेल छिनालपन और टोना करती रहे, तब तक कुशल कहां?” फिर इससे पहले कि राजा योराम वहाँ से फरार हो जाए, येहू ने अपने धनुष से ऐसा तीर चलाया कि वह योराम के हृदय के आर-पार हो गया और वह मर गया।—2 राजा 9:20-24.

16. (क) ईज़ेबेल के सेवकों को अचानक किन हालात का सामना करना पड़ा? (ख) ईज़ेबेल के बारे में यहोवा का वचन कैसे पूरा हुआ?

16 ज़रा भी वक्‍त बरबाद किए बिना, येहू अपने रथ को तेज़ी से दौड़ाते हुए शहर पहुँचा। वहाँ ईज़ेबेल, बड़ी सज-धज कर तैयार थी और खिड़की से नीचे देखते हुए उसने एक धमकी के साथ येहू का स्वागत किया। उस पर ध्यान न देकर येहू ने पुकार लगायी: “मेरी ओर कौन है? कौन?” अब ईज़ेबेल के सेवकों को फौरन कार्रवाई करनी थी। दो-तीन सेवकों ने खिड़की के बाहर झाँका। उसी वक्‍त उनकी वफादारी परखी गयी क्योंकि येहू ने हुक्म दिया: “उसे नीचे गिरा दो।” उन सेवकों ने ईज़ेबेल को नीचे सड़क पर गिरा दिया जहाँ येहू के घोड़ों और उसके रथ ने उसे रौंद डाला। इस तरह इस्राएल में बाल उपासना को शुरू करनेवाली ईज़ेबेल को अपने किए की सज़ा मिल गयी। ठीक जैसे भविष्यवाणी की गयी थी, इससे पहले कि उसे दफनाया जाता कुत्ते उसका मांस खा गए।—2 राजा 9:30-37.

17. ईज़ेबेल पर आया परमेश्‍वर का न्यायदंड, हमें भविष्य में होनेवाली किस घटना का भरोसा दिलाता है?

17 ‘बड़े बाबुल’ नाम की लाक्षणिक वेश्‍या का भी इसी तरह दिल दहलानेवाला अंत होगा। यह वेश्‍या, शैतान की दुनिया के झूठे धर्मों को दर्शाती है जिनकी शुरूआत प्राचीन बाबुल शहर में हुई थी। झूठे धर्म का नामो-निशान मिटने के बाद, यहोवा परमेश्‍वर अपना ध्यान उन सभी इंसानों पर लगाएगा जिनसे शैतान के संसार के बाकी हिस्से बनते हैं। इन हिस्सों को भी नाश किया जाएगा और इस तरह धार्मिकता की नयी दुनिया के लिए रास्ता तैयार किया जाएगा।—प्रकाशितवाक्य 17:3-6; 19:19-21; 21:1-4.

18. ईज़ेबेल की मौत के बाद इस्राएल में बाल उपासकों का क्या हुआ?

18 ईज़ेबेल की मौत के बाद, राजा येहू ने अहाब के सभी वंशजों और उनके खास समर्थकों को मार डालने में ज़रा-भी वक्‍त नहीं गँवाया। (2 राजा 10:11) लेकिन देश में अभी-भी ऐसे कई इस्राएली बच गए थे जो बाल के उपासक थे। इनके मामले में भी येहू ने फौरन कार्रवाई की और इस तरह दिखा दिया कि उसे “यहोवा के निमित्त कैसी जलन रहती है।” (2 राजा 10:16) येहू ने एक ढोंग रचा। उसने खुद को बाल का एक उपासक बताया और सामरिया में अहाब के बनाए बाल के मंदिर में एक बड़ा उत्सव रखा। इस्राएल के सभी बाल उपासक उस त्योहार में आए। मगर जब वे मंदिर के भीतर गए और उनके भाग निकलने की कोई गुंजाइश नहीं थी, तब येहू के आदमियों ने उनका कत्लेआम किया। बाइबल इस घटना के आखिर में कहती है: “यों येहू ने बाल को इस्राएल में से नाश करके दूर किया।”—2 राजा 10:18-28.

19. यहोवा के वफादार उपासकों की “बड़ी भीड़” के आगे कैसी बेहतरीन आशा है?

19 इस्राएल देश से बाल उपासना को जड़ से मिटा दिया गया था। उसी तरह हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि इस दुनिया के झूठे धर्मों का अचानक और बहुत भयानक अंत होगा। जब न्याय करने का वह महान दिन आएगा, उस दौरान आप किसकी तरफ होंगे? अभी, इसी वक्‍त फैसला कीजिए। हो सकता है आपको उस “बड़ी भीड़” में होने का सुनहरा मौका मिले, जो “बड़े क्लेश” से बचकर पार होगी। फिर, आप बीते दिनों को याद करके खुश होंगे और परमेश्‍वर की महिमा करेंगे कि उसने “उस बड़ी वेश्‍या का जो अपने व्यभिचार से पृथ्वी को भ्रष्ट करती थी” न्याय किया है। बाकी सच्चे उपासकों के साथ आप भी स्वर्ग में गाए जानेवाले इस गीत के सनसनीखेज़ बोल गाएँगे: “हल्लिलूय्याह, इसलिये कि प्रभु हमारा परमेश्‍वर, सर्वशक्‍तिमान राज्य करता है।”—प्रकाशितवाक्य 7:9, 10, 14; 19:1, 2, 6.

मनन के लिए सवाल

• प्राचीन इस्राएल किस तरह बाल उपासना का दोषी बना?

• बाइबल में किस बड़े धर्मत्याग की भविष्यवाणी की गयी थी और यह कैसे पूरी हुई है?

• येहू ने बाल उपासना को जड़ से कैसे मिटाया?

• परमेश्‍वर के न्याय के दिन से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

[अध्ययन के लिए सवाल]

[पेज 25 पर नक्शा]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

सोको

अपेक

हेल्कत

योकनाम

मगिद्दो

तानाक

दोतान

सामरिया

एनदोर

शूनेम

ओप्रा

यिज्रेल

यिबलाम (गत्रिम्मोन)

तिर्सा

बेतशेमेश

बेतशान

गिलाद का याबेश?

आबेलमहोला

बेतर्बेल का भवन

गिलाद का रामोत

पहाड़ों की चोटियाँ

कर्म्मेल पर्वत

ताबोर पर्वत

मोरे

गिलबो पर्वत

[सागर/खाड़ी]

भूमध्य सागर

गलील सागर

[नदी]

यरदन नदी

[झरने और कुएँ]

हरोद का कुआँ

[चित्र का श्रेय]

Based on maps copyrighted by Pictorial Archive (Near Eastern History) Est. and Survey of Israel

[पेज 26 पर तसवीरें]

नियमित तौर पर राज्य का प्रचार करना और मसीही सभाओं में जाना सच्ची उपासना के अहम पहलू हैं

[पेज 28, 29 पर तसवीर]

जो कोई यहोवा के दिन से बचना चाहता है, उसे येहू की तरह फैसला करके फौरन कार्रवाई करनी होगी