क्या आप लागानी एउना पेड़ की तरह हैं?
क्या आप लागानी एउना पेड़ की तरह हैं?
पपुआ न्यू गीनी के पोर्ट मॉर्ज़बी शहर के बाहर एक कस्बे में दो साक्षी, प्रचार के बाद पैदल अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में उन्हें एक खूबसूरत पेड़ नज़र आया। उनमें से जो बुज़ुर्ग साक्षी था, उसने कहा: “वाह! लागानी एउना।” फिर वह जवान भाई की तरफ मुड़कर बोला: “इस पेड़ के नाम का मतलब है, ‘सालाना पेड़।’ यह गर्म इलाकों में पाए जानेवाले बहुत-से दूसरे पेड़ों से अलग है। हर साल गर्मियों में इसकी पत्तियाँ झड़ जाती हैं और यह ऐसा नज़र आता है मानो मर गया हो। मगर जब बारिश का मौसम आता है, तो यह फिर से हरा-भरा हो जाता है, इस पर फूल खिलने लगते हैं और दोबारा यह अपनी सुंदरता बिखेरने लगता है।”
लागानी एउना से हम एक सबक सीख सकते हैं। इस पेड़ को आम तौर पर गुलमोहर कहा जाता है। कुछ विशेषज्ञों का कहना कि यह दुनिया के पाँच सबसे खूबसूरत फूलदार पेड़ों में से एक है। हालाँकि गर्मियों में इस पेड़ के सारे पत्ते और फूल झड़ जाते हैं, फिर भी इसमें काफी पानी जमा रहता है। इसकी जड़ें काफी मज़बूत होती हैं और ज़मीन की गहराई में दबी चट्टानों के इर्द-गिर्द भी बढ़ सकती हैं। इससे पेड़ की जड़ों को मज़बूत पकड़ मिलती है, इसलिए तेज़ हवाएँ भी इसे डिगा नहीं पातीं। चंद शब्दों में कहें तो खराब-से-खराब मौसम में भी लागानी एउना टिक पाता है।
हमारे जीवन में भी ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं जब हमारे विश्वास की परीक्षा हो सकती है। मगर ऐसी परीक्षाओं में डटे रहने में क्या बात हमारी मदद कर सकती है? लागानी एउना की तरह, हमें परमेश्वर के वचन से जीवन देनेवाला पानी अपने अंदर सोख लेना चाहिए और उसका भंडार जमा करना चाहिए। साथ ही, ‘अपनी चट्टान’ यहोवा परमेश्वर और उसके संगठन से मज़बूती से लिपटे रहना चाहिए। (2 शमूएल 22:3) सचमुच, लागानी एउना नाम का यह खूबसूरत पेड़ हमें क्या ही बढ़िया तरीके से याद दिलाता है कि अगर हम यहोवा से मिलनेवाली हर मदद का फायदा उठाएँगे, तो मुश्किल-से-मुश्किल हालात में भी हम अपनी आध्यात्मिक ताकत और सुंदरता बरकरार रख पाएँगे। ऐसा करके हम यहोवा की “प्रतिज्ञाओं के वारिस” होंगे जिनमें से एक है, हमेशा की ज़िंदगी का वादा।—इब्रानियों 6:12; प्रकाशितवाक्य 21:4.