प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 जुलाई, 2006 क्या आप सचमुच खुश हैं? खुशी पाने के लिए एक भरोसेमंद मदद जी हाँ, आप भी खुशी पा सकते हैं “मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं!” “तेरी चितौनियां मेरा सुखमूल . . . हैं” वे परमेश्वर की चुनी हुई जाति में पैदा हुए जवानो, यहोवा की सेवा करना चुन लो एक ऐसी मुलाकात जिससे उसकी सोच ही बदल गयी क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले? प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 जुलाई, 2006 प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 जुलाई, 2006 हिंदी प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 जुलाई, 2006 https://assetsnffrgf-a.akamaihd.net/assets/ct/e781f8601f/images/cvr_placeholder.jpg