“आज मुझे यकीन हो गया है कि परमेश्वर है!”
“आज मुझे यकीन हो गया है कि परमेश्वर है!”
आ लयिकसांड्र नाम की एक स्त्री, यूक्रेन देश से है, मगर वह चेक रिपब्लिक के प्राग शहर में नौकरी करती है। एक दिन, जब वह काम से घर लौटने के लिए एक ट्राम स्टॉप पर खड़ी थी, तो उसकी नज़र ज़मीन पर पड़े एक पर्स पर गयी। आने-जानेवाले लोग इसे अपने पैरों तले रौंद रहे थे। आलयिकसांड्र ने पर्स को उठा लिया और जब उसने पर्स खोला तो उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। उसमें 5,000 कॉरना (चेक रिपब्लिक में इस्तेमाल होनेवाला नोट) की कई गड्डियाँ थीं! कोई भी उस पर्स को ढूँढ़ता हुआ नज़र नहीं आ रहा था। आलयिकसांड्र जैसे परदेशी के लिए चेक रिपब्लिक में गुज़ारा करना बहुत मुश्किल था। तो क्या वह उन पैसों को रख लेगी?
घर पहुँचने के बाद, आलयिकसांड्र ने अपनी बेटी, विक्टॉरीआ को वह पर्स दिखाया। उन दोनों ने पर्स में बहुत ढूँढ़-ढाँढ़ की, यह सोचकर कि जिसका पर्स है, उसका कोई नाम-पता मिल जाए, मगर ऐसा कुछ नहीं मिला। लेकिन उसमें से एक कागज़ निकला जिसमें एक तरफ तो बैंक का एक खाता नंबर लिखा हुआ था और दूसरी तरफ, कई नंबर लिखे हुए थे। पर्स से वहीं के एक बैंक का नाम-पता भी मिला और साथ में कागज़ का एक टुकड़ा मिला जिस पर लिखा था “3,30,000 कॉरनी” (तकरीबन साढ़े चार लाख रुपए)। पर्स में कुल मिलाकर उतने ही पैसे थे।
आलयिकसांड्र को लगा कि कागज़ पर जो नंबर दिया गया है वह शायद उस बैंक का टेलीफोन नंबर होगा। लेकिन बैंक को फोन मिलाने की उसकी कोशिश नाकाम रही। इसलिए अपनी बेटी के साथ उसने खुद बैंक जाकर सारी बात बतायी। उन्होंने पर्स में मिले खाता नंबर के बारे में पूछताछ की मगर बैंक में उस नंबर का कोई खाता नहीं था। अगले दिन, आलयिकसांड्र दूसरे नंबर के साथ फिर बैंक आयी। इस बार बैंकवालों ने कहा कि उस नंबर का एक खाता है, और वह एक महिला का है। जब आलयिकसांड्र और विक्टॉरीआ ने उस महिला को फोन किया और पर्स के बारे में पूछा, तो उसने जवाब दिया कि हाँ, मैंने अपना पर्स खोया है। जब आलयिकसांड्र और विक्टॉरीआ ने आखिरकार उस महिला को पर्स लौटाया, तो उसने तहेदिल से उनका शुक्रिया अदा किया और कहा: “बताइए, इन पैसों को लौटाने के बदले, मैं आपको क्या इनाम दूँ?”
विक्टॉरीआ ने जवाब दिया: “हमें कोई इनाम नहीं चाहिए। अगर इनाम लेना ही होता, तो क्या हम ये पैसे आपको लौटाते?” फिर उसने अपनी टूटी-फूटी चेक भाषा में समझाया: “हम आपको ये पैसे इसलिए लौटा रहे हैं क्योंकि हम यहोवा की साक्षी हैं। बाइबल से तालीम पाया हमारा विवेक इस बात को गलत मानता है कि जो चीज़ हमारी नहीं है, उसे हम रख लें।” (इब्रानियों 13:18) इस पर उस महिला ने खुश होकर कहा: “आज मुझे यकीन हो गया है कि परमेश्वर है!” (w06 7/15)