प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2006 नीतिवचन किताब की झलकियाँ अपनी ज़बान पर काबू रखकर प्यार और आदर दिखाइए ‘अपनी जवानी की पत्नी के साथ आनन्दित रहिए’ विश्वास और परमेश्वर के भय के ज़रिए साहसी बनना प्रेम से साहस बढ़ता है यहोवा पर आशा रख और साहसी बन एक बुज़ुर्ग जिसने कभी अकेलापन महसूस नहीं किया क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले? प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2006 प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2006 हिंदी प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 अक्टूबर, 2006 https://assetsnffrgf-a.akamaihd.net/assets/ct/d8f8c0370e/images/cvr_placeholder.jpg