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एक बुज़ुर्ग जिसने कभी अकेलापन महसूस नहीं किया

एक बुज़ुर्ग जिसने कभी अकेलापन महसूस नहीं किया

एक बुज़ुर्ग जिसने कभी अकेलापन महसूस नहीं किया

जब उम्र ढल जाती है, तो कई लोग चल-फिरने के काबिल नहीं रहते और खुद को अकेला महसूस करते हैं। लेकिन फर्नान रीवोरोल नाम के एक बुज़ुर्ग की बात ही अलग थी, जो 95 की उम्र में चल बसा। वह स्विट्‌ज़रलैंड के जीनीवा शहर में अकेले रहता था, क्योंकि उसकी पत्नी गुज़र चुकी थी और उसकी बेटी ने शादी करके अपना घर बसा लिया था। हालाँकि फर्नान ज़्यादातर वक्‍त अपने घर की चार दीवारी में कैद रहता था, फिर भी उसने कभी अकेलापन महसूस नहीं किया। क्यों नहीं? क्योंकि वह अकसर बैठक कमरे में, मेज़ पर बैठकर लोगों को फोन करता था और उनसे आध्यात्मिक विषयों पर बातचीत करता था।

जब फर्नान जवान था, तो उसे वाकई जेल की चार दीवारी में कैद किया गया था। वह क्यों? दरअसल हुआ यह कि सन्‌ 1939 में जब फर्नान और उसकी पत्नी, यहोवा के साक्षियों के कामों में पूरे जोश के साथ हिस्सा लेने लगे, तो उसी दौरान पूरे यूरोप में दूसरा विश्‍वयुद्ध छिड़ गया। फर्नान ने बाइबल के सिद्धांतों की बिनाह पर यह फैसला किया कि वह युद्ध में हिस्सा नहीं लेगा और दूसरों को नुकसान नहीं पहुँचाएगा। इसी फैसले की वजह से उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा और कई बार जेल भी जाना पड़ा। उसने कुल मिलाकर साढ़े पाँच साल तक जेल की सज़ा काटी और इस दौरान, उसे अपनी पत्नी और नन्ही बिटिया से जुदा रहना पड़ा।

जब भी फर्नान बीते दिनों को याद करता था, तो वह कहता था: “बहुत-से लोगों को लगा कि मैंने जानबूझकर अपनी अच्छी-खासी नौकरी त्याग दी और अपने परिवार को बीच मझधार में छोड़ दिया है। इसलिए वे मुझे दुत्कारते थे और मेरे साथ ऐसा सलूक करते थे मानो मैं कोई मुजरिम हूँ। लेकिन आज जब मैं उन मुश्‍किल-भरे दौर के बारे में सोचता हूँ, तो मुझे बस एक ही बात याद आती है कि कैसे यहोवा ने मुझे उस वक्‍त सँभाले रखा और मेरी मदद की। उस वक्‍त को गुज़रे कई साल हो चुके हैं, फिर भी यहोवा पर मेरा भरोसा आज भी उतना ही मज़बूत है जितना कि उस वक्‍त था।”

फर्नान का यही विश्‍वास उसे फोन पर दूसरों के साथ बाइबल की आशा बाँटने के लिए उकसाता था। अगर किसी शख्स के साथ उसकी अच्छी बातचीत होती, तो वह उसे डाक के ज़रिए बाइबल साहित्य भेजता था। फिर कुछ दिनों बाद, वह उसे दोबारा फोन करके पूछता था कि उसे साहित्य पढ़कर कैसे लगा। कभी-कभी तो लोग फर्नान को अपना एहसान ज़ाहिर करने के लिए खत लिखते थे। उन खतों को पढ़कर फर्नान बहुत खुश होता था।

हो सकता है कि आपके इलाके में फर्नान की तरह कोई आपसे संपर्क करे। तो क्यों न आप उसकी बात ध्यान से सुनें ताकि आप जान सकें कि वह क्या विश्‍वास करता है? जी हाँ, यहोवा के साक्षियों को आपको अपने विश्‍वासों के बारे में बताने में बेहद खुशी होगी। (w06 8/15)