प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 जनवरी, 2007 सच्ची कामयाबी—आप इसे कैसे आँकते हैं? आप कामयाब कैसे हो सकते हैं “यहोवा का भयानक दिन निकट है” यहोवा “अपने मांगनेवालों को पवित्र आत्मा” देता है यहोवा ज़रूर ‘न्याय चुकाएगा’ ‘तू आनन्द ही करना’ ‘पहला पुनरुत्थान’—आज जारी है! आप मुसीबतों के तूफान का सामना कर सकते हैं क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले? प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 जनवरी, 2007 प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 जनवरी, 2007 हिंदी प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण 1 जनवरी, 2007 https://assetsnffrgf-a.akamaihd.net/assets/ct/d8f8c0370e/images/cvr_placeholder.jpg