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सही जवाबों की तलाश

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मैं अपनी सेहत की देखभाल कैसे कर सकता हूँ?

मैं अपने परिवार को सुखी कैसे बना सकता हूँ?

अपनी नौकरी को बरकरार रखने के लिए, मैं क्या कर सकता हूँ?

क्या आपने कभी खुद से ऐसे सवाल पूछे हैं? अगर हाँ, तो क्या इनके जवाब में आपको ऐसी व्यावहारिक सलाह मिली है जिसे लागू करके आपको वाकई फायदा पहुँचा हो? हर साल, पूरी दुनिया में लगभग 2,000 ऐसी किताबें छापी जाती हैं जिनमें इस तरह के कई अहम विषयों पर सुझाव दिए जाते हैं। सिर्फ ब्रिटेन में ही, हर साल लोग करीब 6.6 अरब रुपए ऐसी किताबों पर खर्च करते हैं, जिनमें ज़िंदगी की समस्याओं का सामना करने के ढेरों सुझाव दिए जाते हैं। अमरीका में, हर साल ऐसी किताबों की बिक्री से तकरीबन 26.4 अरब रुपए की कमाई होती है, जो लोगों को अपनी समस्याएँ खुद सुलझाने में मदद देने का दावा करती हैं। ये आँकड़े साफ दिखाते हैं कि रोज़मर्रा की समस्याओं से निपटने के लिए, अच्छी सलाह की तलाश में आप अकेले नहीं हैं, बल्कि आपके जैसे और भी बहुत-से लोग हैं।

इन ढेर सारी किताबों में जो सलाह पायी जाती है, उसके बारे में एक लेखक कहते हैं: “बहुत-सी नयी किताबों में वही पुरानी बातें दोहरायी जाती हैं।” दरअसल, इन किताबों में दिए ज़्यादातर सुझाव, उन बुद्धि-भरी सलाहों की एक झलक हैं जो दुनिया की सबसे पुरानी किताब में दर्ज़ हैं। यह पूरे संसार में सबसे ज़्यादा बाँटी जानेवाली किताब है। इस पूरी किताब का या इसके कुछ हिस्सों का अनुवाद लगभग 2,400 भाषाओं में किया जा चुका है। अब तक इसकी 4.6 अरब से भी ज़्यादा कॉपियाँ छापी जा चुकी हैं। यह किताब है, बाइबल।

बाइबल साफ-साफ कहती है: “हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्‍वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है।” (2 तीमुथियुस 3:16) यह सच है कि बाइबल, उन किताबों जैसी नहीं है जो अपनी समस्याओं को खुद सुलझाने में मदद देने का दावा करती हैं। इसके बजाय, इसका खास मकसद यह ज़ाहिर करना है कि इंसानों के लिए परमेश्‍वर की मरज़ी क्या है। मगर फिर भी, बाइबल इस बारे में काफी कुछ बताती है कि इंसान के जीवन में आनेवाली आम परेशानियों से कैसे निपटा जाए। साथ ही, यह वादा करती है कि जो कोई इसकी हिदायतों को मानेगा, उसे फायदा होगा। (यशायाह 48:17,18) जी हाँ, एक इंसान चाहे किसी भी जाति या संस्कृति का हो, कम पढ़ा-लिखा हो या ज़्यादा, अगर वह बाइबल में दी व्यावहारिक सलाहों को अपने जीवन में अमल करे, तो वह ज़रूर कामयाब होगा। तो फिर, क्यों न आप अगला लेख पढ़कर देखें और खुद तय करें कि सेहत, परिवार और नौकरी-पेशे जैसे विषयों के बारे में बाइबल जो सलाह देती है, वह सचमुच में व्यावहारिक है या नहीं? (w07 4/1)