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रूसी संगीत में परमेश्‍वर का नाम

रूसी संगीत में परमेश्‍वर का नाम

रूसी संगीत में परमेश्‍वर का नाम

सन्‌ 1877 में रूस के एक जाने-माने संगीतकार, मोडेस्ट मुसोर्गस्की ने बाइबल के देशों में हुई एक प्राचीन घटना पर एक संगीत रचा। इस संगीत को गायकों के एक दल को गाना था। मुसोर्गस्की ने अपने एक दोस्त को लिखा: “मैंने बाइबल की एक कहानी पर एक संगीत लिखा है, जिसका नाम है जीसस नविनस [यहोशू]। यह संगीत पूरी तरह बाइबल से लिया गया है, यहाँ तक कि नविनस ने कनान देश में एक-के-बाद-एक जिन देशों पर फतह हासिल की, वह सब भी मैंने लिखा है।” इसके अलावा, मुसोर्गस्की ने “सन्हेरीब का विनाश” जैसी दूसरी रचनाओं में भी, बाइबल की घटनाओं और किरदारों का ज़िक्र किया।

लेकिन गौर करने लायक बात यह है कि “जीसस नविनस” और सन्‌ 1874 में तैयार किए गए संगीत “सन्हेरीब का विनाश” में, मुसोर्गस्की ने परमेश्‍वर के नाम का ज़िक्र करते हुए, उसका रूसी उच्चारण इस्तेमाल किया। इब्रानी शास्त्र के मूल पाठ में यह नाम इन अक्षरों से लिखा गया है: יהוה (य ह व ह)। यही नहीं, उस शास्त्र में यह नाम करीब 7,000 बार आता है।

मुसोर्गस्की की ये रचनाएँ साफ दिखाती हैं कि 20वीं सदी की शुरूआत से बहुत पहले, रूस के लोग बाइबल में दिया परमेश्‍वर का नाम, यहोवा जानते थे। और यह सही भी है, क्योंकि खुद यहोवा ने मूसा से कहा था: “देख, सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा।”—निर्गमन 3:15. (w07 9/1)

[पेज 32 पर तसवीर]

सन्‌ 1913 में सेंट पीटर्सबर्ग शहर का संगीत स्कूल, जहाँ मुसोर्गस्की के कई संगीत लेख रखे हुए हैं

[पेज 32 पर चित्रों का श्रेय]

पन्‍ना जिसमें धुन और बोल लिखे हैं: The Scientific Music Library of the Saint-Petersburg State Conservatory named after N.A. Rimsky-Korsakov; सड़क का नज़ारा: National Library of Russia, St. Petersburg