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बहेलिये के जाल से बचाए जाना

बहेलिये के जाल से बचाए जाना

बहेलिये के जाल से बचाए जाना

‘यहोवा तुझे बहेलिये के जाल से बचाएगा।’—भजन 91:3.

1. “बहेलिया” कौन है, और वह क्यों खतरनाक है?

 आज सभी सच्चे मसीहियों को एक ऐसे दुश्‍मन का सामना करना पड़ता है, जो इंसानों से भी ज़्यादा तेज़ और चालाक है। उसे भजन 91:3 में “बहेलिया” कहा गया है। यह दुश्‍मन कौन है? यह पत्रिका जून 1, 1883 के (अँग्रेज़ी) अंक से बताती आयी है कि यह “बहेलिया” कोई और नहीं, बल्कि शैतान इब्‌लीस है। जिस तरह एक बहेलिया चिड़ियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाता है, उसी तरह यह ताकतवर दुश्‍मन बड़ी चालाकी से यहोवा के लोगों को फुसलाकर उन्हें अपने जाल में फँसाने की कोशिश करता है।

2. शैतान की तुलना एक बहेलिये से क्यों की गयी है?

2 प्राचीन समय में, लोग पक्षियों का सुरीला गीत सुनने, उनके रंग-बिरंगे पंखों को निहारने, उनका माँस खाने और बलि चढ़ाने के लिए उन्हें पकड़ते थे। मगर असल में देखा जाए तो पक्षियों को पकड़ना इतना आसान नहीं, क्योंकि वे बहुत ही होशियार होते हैं और खतरा भाँपते ही फुर्र से उड़ जाते हैं। इसलिए बाइबल के ज़माने में, एक बहेलिया सबसे पहले पक्षियों की हरकतों और उनकी आदतों को ध्यान से देखता था। फिर उन्हें पकड़ने के लिए वह बड़ी चतुराई से जाल बिछाता था। बाइबल, शैतान की तुलना एक बहेलिये से करके हमें यह समझने में मदद देती है कि शैतान के हथकंडे क्या हैं। बहेलिये की तरह, शैतान भी हमारी आदतों और शख्सियत को बड़े ध्यान से देखता है और हमें पकड़ने के लिए छिपे हुए फंदे बिछाता है। (2 तीमुथियुस 2:26) और अगर हम उन फंदों में फँस जाएँ, तो हम आध्यात्मिक मायनों में तबाह हो जाएँगे। यानी परमेश्‍वर के साथ हमारा रिश्‍ता टूट जाएगा और आखिर में हमारा हमेशा के लिए विनाश हो जाएगा। इसलिए अपने आपको बचाने के लिए हमें यह पता लगाना होगा कि वह कौन-कौन-से फंदे बिछाता है।

3, 4. शैतान कैसे एक जवान सिंह और एक नाग की तरह हमला करता है?

3 भजनहार, शैतान की तुलना सिर्फ एक बहेलिये से ही नहीं, बल्कि एक जवान सिंह और नाग से भी करता है। इस तरह, वह हमारे सामने शैतान की एक जीती-जागती तसवीर पेश करता है। (भजन 91:13) जैसे एक सिंह सामने से हमला करता है, वैसे ही शैतान सीधे-सीधे हमला करता है। कैसे? वह कई बार यहोवा के लोगों पर ज़ुल्म ढाता है या ऐसे कानून जारी करवाता है, जिससे वे मुसीबत में फँस सकते हैं। (भजन 94:20) इस तरह के हमले होने पर कुछ लोग, यहोवा को छोड़ सकते हैं। मगर अकसर, दुश्‍मनों के खुलकर विरोध करने का उलटा ही असर होता है। नतीजा, परमेश्‍वर के लोगों में एकता और भी बढ़ जाती है। लेकिन तब क्या, जब शैतान नाग की तरह हमला करता है?

4 एक नाग छिपकर अपने शिकार को डसता है। उसी तरह, इब्‌लीस अपने शातिर दिमाग से काम लेकर बड़ी मक्कारी और खतरनाक तरीके से हम पर हमला करता है। वह परमेश्‍वर के कुछ लोगों के दिमाग में ज़हर घोलने और धोखा देकर उनसे अपनी इच्छा पूरी करवाने में कामयाब रहा है। और इसके बहुत ही भयानक अंजाम निकले हैं। लेकिन खुशी की बात है कि हम शैतान की युक्‍तियों से अनजान नहीं हैं। (2 कुरिन्थियों 2:11) आइए हम ‘बहेलिये’ के चार खतरनाक फंदों पर गौर करें।

इंसान का डर

5. ‘मनुष्यों का भय खाने’ का फंदा इतना असरदार क्यों है?

5 “बहेलिया” यह बखूबी जानता है कि हर इंसान में दूसरों की मंज़ूरी पाने की ख्वाहिश होती है। मसीही इतने पत्थरदिल नहीं कि लोग उनके बारे में जैसी सोच या भावनाएँ रखते हैं, उनका उन पर कोई असर नहीं होता। इसी बात का इब्‌लीस नाजायज़ फायदा उठाता है। मिसाल के लिए, वह यहोवा के कुछ लोगों को ‘मनुष्यों का भय खाने’ के फंदे में फँसाता है। (नीतिवचन 29:25) अगर परमेश्‍वर के सेवक, इंसान के डर की वजह से दूसरों के साथ मिलकर वही काम करते हैं जिसे यहोवा मना करता है, या फिर वह काम नहीं करते जिसकी परमेश्‍वर का वचन आज्ञा देता है, तो वे ‘बहेलिये’ के जाल में फँस जाते हैं।—यहेजकेल 33:8; याकूब 4:17.

6. कौन-सी मिसाल दिखाती है कि एक जवान ‘बहेलिये’ के जाल में फँस सकता है?

6 मिसाल के लिए, हो सकता है कि एक जवान ने अपने स्कूल के साथियों के दबाव में आकर सिगरेट पी ली हो। उस दिन स्कूल जाते वक्‍त, उसने शायद ही सोचा होगा कि वह सिगरेट पीएगा। मगर जल्द ही वह ऐसा कर बैठता है। नतीजा, वह खुद की सेहत को नुकसान पहुँचाता है और परमेश्‍वर को भी नाराज़ करता है। (2 कुरिन्थियों 7:1) मगर वह इस जाल में फँसा कैसे? शायद वह बुरी सोहबत में पड़ गया हो और इस डर से सिगरेट पी ली हो कि अगर वह ऐसा नहीं करेगा, तो उसके दोस्त उसका मज़ाक उड़ाएँगे। इसलिए जवानो, ‘बहेलिये’ के बहकावे में मत आइए और उसके बिछाए फंदे से खबरदार रहिए! यहाँ तक कि छोटी-मोटी बातों में भी समझौता मत कीजिए! इसके अलावा, बाइबल बुरी संगति से दूर रहने की जो चेतावनी देती है, उसे मानिए।—1 कुरिन्थियों 15:33.

7. शैतान कैसे कुछ मसीही माता-पिताओं को बस अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने में उलझाए रख सकता है?

7 मसीही माता-पिता, बाइबल में दी अपनी इस ज़िम्मेदारी को बड़ी गंभीरता से लेते हैं कि वे अपने परिवार के लिए खाने-पीने और पहनने-ओढ़ने की ज़रूरतें पूरी करें। (1 तीमुथियुस 5:8) मगर शैतान का लक्ष्य है, उन्हें बस इसी काम में उलझाए रखना। इसलिए वह नौकरी की जगह पर, मालिकों के ज़रिए उन पर दबाव डाल सकता है कि वे ज़्यादा घंटे काम करें। और शायद इसी दबाव में आकर कुछ मसीहियों ने सभाओं में न आने की अपनी आदत बना ली है। जब ज़िला अधिवेशन के पूरे कार्यक्रम में हाज़िर होने और भाइयों के साथ मिलकर यहोवा की उपासना करने की बात आती है, तो वे शायद अपने मालिक से छुट्टी माँगने से भी डरें। लेकिन हम, शैतान के इस फंदे से कैसे बच सकते हैं? एक तरीका है, “यहोवा पर भरोसा रखना।” (नीतिवचन 3:5, 6) इसके अलावा, अगर हम याद रखें कि हम सब यहोवा के परिवार के सदस्य हैं और उसने हमारी देखभाल करने का ज़िम्मा उठाया है, तो हम नौकरी-पेशे के मामले में सही नज़रिया रख पाएँगे। माता-पिताओ, क्या आपको यहोवा पर विश्‍वास है कि जब आप उसकी मरज़ी पूरी करेंगे, तो वह किसी-न-किसी तरीके से आपकी और आपके परिवार की देखभाल करेगा? या क्या आप इंसान के डर के फंदे में फँसकर शैतान की इच्छा पूरी करने लगेंगे? हमारी आपसे गुज़ारिश है कि आप प्रार्थना करें और इन सवालों पर गहराई से सोचें।

धन-दौलत की चमक-दमक

8. शैतान किस तरह धन-दौलत की चमक-दमक दिखाकर हमें अपने जाल में फँसाने की कोशिश करता है?

8 शैतान, धन-दौलत की चमक-दमक दिखाकर भी हमें अपने जाल में फाँसने की कोशिश करता है। आज का व्यापार जगत, रातों-रात अमीर बनने की ढेरों तरकीबें निकालता है, जिसके झाँसे में परमेश्‍वर के कुछ लोग भी आ सकते हैं। कभी-कभी मसीहियों को यह बढ़ावा दिया जाता है: “पहले कुछ बन जाओ, धन-दौलत कमा लो। और जब सबकुछ हासिल कर लोगे, तो आराम से ज़िंदगी बसर करना। और फिर चाहो तो तुम पायनियर सेवा भी कर सकते हो।” कलीसिया के कुछ लोग ऐसे गलत किस्म के तर्क दे सकते हैं, जो अपने मुनाफे के लिए भाई-बहनों का नाजायज़ फायदा उठाना चाहते हैं। इसलिए ध्यान से सोचिए कि आप पैसा क्यों कमाना चाहते हैं। कहीं आपकी सोच यीशु के दृष्टांत में बताए उस “मूर्ख” धनवान की तरह तो नहीं है?—लूका 12:16-21.

9. कुछ मसीही चीज़ें बटोरने के फंदे में क्यों फँस जाते हैं?

9 शैतान अपने दुष्ट संसार के ज़रिए लोगों के दिल में वस्तुओं का लोभ पैदा करता है। अगर यह लोभ एक मसीही में पैदा हो जाए, तो इसका उसकी ज़िंदगी पर बुरा असर पड़ सकता है। यह उसमें परमेश्‍वर के वचन के बीज को दबाकर उसे “निष्फल” कर सकता है। (मरकुस 4:19) बाइबल उकसाती है कि अगर हमारे पास खाने-पहनने को हो, तो हमें उसी में संतोष करना चाहिए। (1 तीमुथियुस 6:8) लेकिन इस सलाह को न मानने की वजह से कई मसीही ‘बहेलिये’ के जाल में फँस गए हैं। आखिर उन्होंने बाइबल की इस सलाह को दरकिनार क्यों किया? उन्होंने शायद अपने गुरूर में आकर यह सोचा हो कि उनके रहन-सहन का स्तर ऊँचा होना चाहिए। हमारे बारे में क्या? क्या चीज़ें बटोरने की इच्छा हम पर इस कदर हावी हो चुकी है कि हम सच्ची उपासना को दूसरी जगह देने लगे हैं? (हाग्गै 1:2-8) बड़े अफसोस की बात है कि आर्थिक तंगी के समय, कुछ लोगों ने अपनी ज़िंदगी के ऊँचे स्तर को, जिसके वे आदी थे, बनाए रखने के चक्कर में अपनी आध्यात्मिकता कुरबान कर दी। जब मसीही इस तरह धन-दौलत और ऐशो-आराम की चीज़ों के पीछे भागते हैं, तो यह देखकर “बहेलिया” बड़ा खुश होता है!

गलत किस्म का मनोरंजन

10. हरेक मसीही को किस बारे में खुद की जाँच करनी चाहिए?

10 शैतान एक और चाल चलता है और वह है, भले-बुरे के बारे में लोगों की समझ बिगाड़ना। सदोम और अमोरा के लोगों में जो रवैया था, वही रवैया आज के ज़्यादातर मनोरंजन में दिखायी देता है। यहाँ तक कि टी.वी. पर आनेवाले समाचारों और पत्रिकाओं में भी हिंसा की वारदातों को खुलकर बताया जाता है। साथ ही, इनमें सेक्स के बारे में ऐसी जानकारी दी जाती है जिससे लोगों की बुरी लालसाएँ पूरी होती हैं। इस तरह मीडिया, लोगों की “भले बुरे में भेद करने” की काबिलीयत बिगाड़ देता है। (इब्रानियों 5:14) मगर याद कीजिए कि यहोवा ने यशायाह के ज़रिए क्या कहा था। उसने कहा था: “हाय उन पर जो बुरे को भला और भले को बुरा कहते” हैं! (यशायाह 5:20) क्या “बहेलिया” गलत किस्म के मनोरंजन का इस्तेमाल करके बड़े धूर्त तरीके से आपके सोच-विचार को अपनी गिरफ्त में ले चुका है? इस बारे में खुद की जाँच करना निहायत ज़रूरी है।—2 कुरिन्थियों 13:5.

11. प्रहरीदुर्ग के एक अंक में, धारावाहिकों के बारे में क्या चेतावनी दी गयी थी?

11 आज से करीब 25 साल पहले, प्रहरीदुर्ग ने परमेश्‍वर के सेवकों के लिए परवाह दिखाते हुए उन्हें धारावाहिकों से खबरदार किया था। * उस समय के मशहूर धारावाहिकों का लोगों की ज़िंदगी पर बड़ा ज़बरदस्त असर हो रहा था, मगर उन्हें इस बात का ज़रा भी एहसास नहीं था। इस बारे में प्रहरीदुर्ग ने लिखा: “धारावाहिकों में दिखाया जाता है कि प्यार में सबकुछ जायज़ है। उदाहरण के लिए, एक धारावाहिक में एक बिन-ब्याही गर्भवती लड़की अपनी सहेली से कहती है: ‘मुझे कुछ नहीं पता, मैं बस इतना जानती हूँ कि मैं विक्टर से प्यार करती हूँ। . . . और उसके बच्चे की माँ बनना मेरे लिए सबसे बड़ी बात है!’ डायलॉग के साथ-साथ धीमे से एक ऐसी धुन बजती है, जिससे लोगों को यह मानना मुश्‍किल लगता है कि लड़की ने कोई गलत कदम उठाया है। उस लड़की की तरह आप सब दर्शक भी विक्टर को पसंद करते हैं। साथ ही, आपको उस लड़की से भी हमदर्दी है। इसलिए आपको ‘लगता’ है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। इसी धारावाहिक को देखनेवाली एक स्त्री, जिसे बाद में इसके बुरे असर का एहसास हुआ, कहती है: ‘यह कितनी हैरानी की बात है कि जो काम गलत है, हम उसे बड़ी आसानी से सही ठहरा देते हैं। हम जानते हैं कि नाजायज़ संबंध रखना पाप है। . . . मगर मुझे एहसास हुआ कि उन किरदारों के साथ हमदर्दी जताकर, मैं मन-ही-मन उनके पाप में शामिल थी।’”

12. क्या सबूत दिखाते हैं कि कुछ टी.वी. कार्यक्रमों से दूर रहने की चेतावनी आज हमारे समय के लिए एकदम सही है?

12 जब ये लेख छपे थे, तब से लेकर आज तक मन को भ्रष्ट करनेवाले कार्यक्रमों की मानो बाढ़-सी आ गयी है। कई जगहों पर तो ये कार्यक्रम चौबीसों घंटे प्रसारित किए जाते हैं। स्त्री-पुरुष और नौजवान अकसर अपने दिलो-दिमाग को ऐसे ही मनोरंजन से भरते हैं। लेकिन हम मसीहियों को खबरदार रहना चाहिए कि हम इस मामले में खुद को धोखा न दें। हमारे लिए यह तर्क करना गलत होगा कि जब हमारे आस-पास हो रही बदचलनी का हम पर कोई असर नहीं होता, तो भला मनोरंजन का हम पर क्या असर होगा। अगर एक मसीही, बदचलन लोगों के अपने घर में कदम रखने की बात सपने में भी नहीं सोच सकता, तो क्या उसके लिए ऐसे लोगों के मनोरंजन देखने का चुनाव करना सही होगा?

13, 14. कुछ लोगों को धारावाहिकों के बारे में दी चेतावनी से कैसे फायदा हुआ?

13 “विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास” से मिली उस चेतावनी पर ध्यान देने की वजह से कई मसीहियों को फायदा हुआ। (मत्ती 24:45-47) इनमें से कुछ ने प्रहरीदुर्ग के संपादकों को लिखकर बताया कि उन लेखों में दी बाइबल की साफ-साफ सलाह को पढ़ने के बाद, उन पर क्या असर हुआ। * एक स्त्री ने कबूल किया: “13 साल तक मुझे एक धारावाहिक देखने की लत लगी हुई थी। मैं सोचती थी कि अगर मैं मसीही सभाओं में हाज़िर होती रहूँ और कभी-कभार प्रचार में जाऊँ, तो इस धारावाहिक से मेरी आध्यात्मिकता को कोई नुकसान नहीं होगा। मगर मैं धीरे-धीरे इसमें दिखाया जानेवाला रवैया अपनाने लगी कि अगर आपका पति आपके साथ बुरा सलूक करता है या आपको लगता है कि वह आपसे प्यार नहीं करता, तो ऐसे में किसी पराए मर्द के साथ लैंगिक संबंध रखने में कोई हर्ज़ नहीं। और इसके लिए आप नहीं, बल्कि आपका पति दोषी होगा। इसलिए जब मुझे लगा कि ‘व्यभिचार में कोई हर्ज़’ नहीं, तो मैंने यह गलत कदम उठा लिया और यहोवा और अपने पति के खिलाफ पाप कर बैठी।” इस स्त्री को कलीसिया से बहिष्कृत किया गया। बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ, उसने पश्‍चाताप किया और फिर उसे कलीसिया में वापस बहाल किया गया। प्रहरीदुर्ग के लेखों में धारावाहिकों के बारे में जो चेतावनी दी गयी थी, उससे उस स्त्री को ऐसे मनोरंजन ठुकराने की हिम्मत मिली जिससे यहोवा नफरत करता है।—आमोस 5:14,15.

14 प्रहरीदुर्ग पढ़नेवाली एक और स्त्री ने, जिसकी ज़िंदगी में भी धारावाहिकों का बुरा असर हुआ था, कहा: “इन लेखों को पढ़कर मेरी आँखों में आँसू छलकने लगे। क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि मैं पूरे दिल से यहोवा की भक्‍ति नहीं कर रही थी। इसलिए मैंने परमेश्‍वर से वादा किया कि मैं आइंदा कभी इन धारावाहिकों का गुलाम नहीं बनूँगी।” एक और मसीही स्त्री ने इन लेखों के लिए अपनी कदरदानी ज़ाहिर करने के बाद बताया कि उसे भी इन धारावाहिकों को देखने की बुरी लत थी। उसने आगे लिखा: “मैं . . . इस सोच में पड़ गयी कि कहीं इनका यहोवा के साथ मेरे रिश्‍ते पर असर तो नहीं हुआ? आखिर ये कैसे हो सकता है कि मैं ‘धारावाहिकों के किरदारों’ और यहोवा, दोनों के साथ दोस्ती रखूँ?” अगर 25 साल पहले इस तरह के टी.वी. कार्यक्रमों ने लोगों के दिलों पर इतना ज़बरदस्त असर किया था, तो ज़रा सोचिए आज इनका लोगों पर कितना असर होता होगा! (2 तीमुथियुस 3:13) हमें शैतान के इस फंदे यानी गलत किस्म के मनोरंजन से सावधान रहने की ज़रूरत है, फिर चाहे यह धारावाहिक हो, हिंसा से भरे वीडियो गेम्स हो या फिर अनैतिकता को बढ़ावा देनेवाले म्यूज़िक वीडियो हो।

आपसी झगड़े

15. शैतान का एक और फंदा क्या है?

15 शैतान, आपसी झगड़ों को भी एक फंदे की तरह इस्तेमाल करता है और परमेश्‍वर के लोगों में फूट डालने की कोशिश करता है। हमारे पास सेवा का चाहे जो भी सुअवसर हो, फिर भी हम इस फंदे में फँस सकते हैं। कुछ मसीही, शैतान के इस फंदे में फँसकर उसकी मरज़ी पूरी करते हैं। वह कैसे? वे अपने आपसी झगड़ों को सुलझाने के बजाय उन्हें इस कदर बढ़ने देते हैं, जिससे आध्यात्मिक फिरदौस की शांति और एकता भंग होती है। यह आध्यात्मिक फिरदौस एक ऐसा खुशनुमा माहौल है, जिसका इंतज़ाम यहोवा ने किया है।—भजन 133:1-3.

16. शैतान किस धूर्त तरीके से हमारी एकता तोड़ने में लगा हुआ है?

16 पहले विश्‍वयुद्ध के दौरान, शैतान ने धरती पर मौजूद यहोवा के संगठन पर सीधे हमला करके उसे मिटाने की कोशिश की। मगर वह नाकाम रहा। (प्रकाशितवाक्य 11:7-13) इसलिए तब से वह हमारी एकता तोड़ने के लिए बड़ी धूर्तता से काम कर रहा है। जब हम अपने आपसी झगड़ों को उस हद तक बढ़ने देते हैं जिससे हमारी एकता टूट जाती है, तो हम शैतान को और भी फायदा उठाने का मौका देते हैं। इस तरह, हम खुद के जीवन में और कलीसिया में पवित्र आत्मा के काम करने में रुकावट डाल सकते हैं। और अगर ऐसा होगा, तो इससे सबसे ज़्यादा खुशी शैतान को होगी। क्योंकि वह अच्छी तरह जानता है कि अगर कलीसिया की शांति और एकता भंग हो जाए, तो प्रचार काम रुक जाएगा।—इफिसियों 4:27, 30-32.

17. जिन मसीहियों के बीच अनबन हो जाती है, उसे सुलझाने में उन्हें क्या बात मदद दे सकती है?

17 अगर आपकी किसी मसीही भाई या बहन से अनबन हो जाए, तो आप क्या कर सकते हैं? माना कि मसीहियों के बीच कई वजहों से समस्याएँ खड़ी हो सकती हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हमें झगड़ों को सुलझाए बिना यूँ ही छोड़ देना चाहिए। (मत्ती 5:23, 24; 18:15-17) इसके बजाय, हमें परमेश्‍वर के वचन में दी सलाहों को अमल में लाना चाहिए। ये सलाहें परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखी गयी हैं और सबसे बेहतरीन हैं। इसलिए जब हम बाइबल के सिद्धांतों को लागू करते हैं, तो इसके हमेशा अच्छे नतीजे निकलते हैं!

18. यहोवा की मिसाल पर चलने से, हमें अपने आपसी झगड़ों को सुलझाने में क्यों मदद मिलेगी?

18 यहोवा वाकई “क्षमा करने को तत्पर रहता है।” (भजन 86:5, NHT) जब हम यहोवा की मिसाल पर चलते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हम उसके प्यारे बच्चे हैं। (इफिसियों 5:1) हम सब पापी हैं और हमें यहोवा से माफी पाने की सख्त ज़रूरत है। इसलिए जब हमारा मन कहता है कि हम किसी को माफ न करें, तो हमें खबरदार हो जाना चाहिए। वरना, हम यीशु की कहानी में बताए उस दास की तरह बन सकते हैं, जिसके मालिक ने उसका भारी कर्ज़ माफ किया था। जबकि उसी कर्ज़ में से उस दास ने जो छोटी-सी रकम अपने संगी दास को उधार दी थी, उसे माफ करने के लिए वह बिलकुल भी तैयार नहीं था। जब मालिक को इसकी खबर दी गयी, तो उसने पहले दास को जेल में बंद करवा दिया। यीशु ने अपनी इस कहानी के आखिर में कहा: “इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा पिता जो स्वर्ग में है, तुम से भी वैसा ही करेगा।” (मत्ती 18:21-35) अगर हम इस कहानी पर मनन करें, साथ ही इस बात पर गहराई से सोचें कि यहोवा ने कितनी बार हमें दिल खोलकर माफ किया है, तो हमें भाइयों के साथ अपने आपसी झगड़ों को सुलझाने में ज़रूर मदद मिलेगी।—भजन 19:14.

“परमप्रधान के छाए हुए स्थान में” महफूज़ रहना

19, 20. इस खतरनाक दौर में, हमें यहोवा के “छाए हुए स्थान” और उसकी “छाया” के बारे में कैसा नज़रिया रखना चाहिए?

19 हम बहुत ही खतरनाक दौर में जी रहे हैं। अगर यहोवा प्यार से हमारी हिफाज़त न करता, तो शैतान हमें कब का मिटा चुका होता। इसलिए ‘बहेलिये’ के फंदों से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम ‘परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठे रहें’ और ‘सर्वशक्‍तिमान की छाया में ठिकाना पाएँ,’ जो आध्यात्मिक मायने में हमारे लिए हिफाज़त पाने की जगह है।—भजन 91:1.

20 आइए हम हमेशा यही नज़रिया बनाए रखें कि यहोवा की सारी चितौनियाँ और निर्देशन बंदिशें नहीं, बल्कि हमारी हिफाज़त के लिए हैं। हम सभी को एक ऐसे दुश्‍मन का सामना करना पड़ रहा है, जो इंसानों से भी ज़्यादा तेज़ और चालाक है। यहोवा की प्यार-भरी मदद के बगैर, कोई भी इंसान इस दुश्‍मन के फंदे में फँसने से नहीं बच सकता। (भजन 124:7, 8) इसलिए आइए हम यहोवा से बिनती करें कि वह हमें ‘बहेलिये’ के जाल से बचाए!—मत्ती 6:13. (w07 10/1)

[फुटनोट]

^ दिसंबर 1, 1982 की प्रहरीदुर्ग (अँग्रेज़ी), पेज 3-7.

^ दिसंबर 1, 1983 की प्रहरीदुर्ग (अँग्रेज़ी), पेज 23.

क्या आपको याद है?

• “मनुष्य का भय खाना,” क्यों एक खतरनाक फंदा है?

• शैतान कैसे धन-दौलत की चमक-दमक दिखाकर हमें अपने जाल में फँसाने की कोशिश करता है?

• शैतान ने कुछ लोगों को गलत किस्म के मनोरंजन के फंदे में कैसे फँसाया है?

• हमारी एकता तोड़ने के लिए, शैतान किस फंदे का इस्तेमाल करता है?

[अध्ययन के लिए सवाल]

[पेज 28 पर तसवीर]

कुछ लोग ‘मनुष्य का भय खाने’ के फंदे में फँस चुके हैं

[पेज 29 पर तसवीर]

क्या आप ऐसे मनोरंजन का मज़ा लेते हैं, जिससे यहोवा नफरत करता है?