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परमेश्‍वर का वचन बिना पूरा हुए नहीं रहता

परमेश्‍वर का वचन बिना पूरा हुए नहीं रहता

परमेश्‍वर का वचन बिना पूरा हुए नहीं रहता

“जितनी भलाई की बातें हमारे परमेश्‍वर यहोवा ने हमारे विषय में कहीं उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही; वे सब की सब तुम पर घट गई हैं।”—यहोशू 23:14.

1. यहोशू कौन था, और अपनी ज़िंदगी के आखिरी दौर में उसने क्या किया?

 वह एक प्रतापी और दिलेर सेनापति था। उसे परमेश्‍वर पर पक्का विश्‍वास था और वह खराई से चलता था। वह हमेशा मूसा के साथ रहता था। यहोवा ने सोच-समझकर उसे इस्राएल जाति की अगुवाई करने के लिए चुना था। उसे इस्राएलियों को भयानक वीराने से उस देश में पहुँचाना था, जहाँ दूध और मधु की धारा बहती है। वह शख्स था, यहोशू जिसकी सभी बड़ी इज़्ज़त करते थे। यहोशू ने अपनी ज़िंदगी के आखिरी दौर में इस्राएल के पुरनियों को एक ज़ोरदार भाषण दिया। और बेशक, उस भाषण से पुरनियों का विश्‍वास मज़बूत हुआ होगा। बाइबल में दर्ज़ यह भाषण आज, आपके विश्‍वास को भी मज़बूत कर सकता है।

2, 3. जब यहोशू ने पुरनियों से बात की तब इस्राएल के हालात कैसे थे, और यहोशू ने उनसे क्या कहा?

2 कल्पना कीजिए कि जब यहोशू ने पुरनियों से बात की थी, तब इस्राएल के हालात कैसे थे। बाइबल बताती है: “इसके बहुत दिनों के बाद, जब यहोवा ने इस्राएलियों को उनके चारों ओर के शत्रुओं से विश्राम दिया, और यहोशू बूढ़ा और बहुत आयु का हो गया, तब यहोशू सब इस्राएलियों को, अर्थात्‌ पुरनियों, मुख्य पुरुषों, न्यायियों, और सरदारों को बुलवाकर कहने लगा, मैं तो अब बूढ़ा और बहुत आयु का हो गया हूं।”—यहोशू 23:1, 2.

3 यहोशू 110 साल का हो चला था। वह परमेश्‍वर के लोगों के इतिहास के सबसे रोमांचक दौर में जीया था। उसने अपनी आँखों से परमेश्‍वर के बड़े-बड़े कारनामे देखे थे और उसके कई वादों को पूरा होते भी देखा था। इसलिए उसने पूरे यकीन के साथ कहा: “तुम सब अपने अपने हृदय और मन में जानते हो, कि जितनी भलाई की बातें हमारे परमेश्‍वर यहोवा ने हमारे विषय में कहीं उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही; वे सब की सब तुम पर घट गई हैं, उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही।”—यहोशू 23:14.

4. यहोवा ने इस्राएलियों से कौन-से वादे किए थे?

4 यहोशू ने अपने जीते-जी यहोवा के किन वादों को पूरा होते देखा था? हम ऐसे तीन वादों पर गौर करेंगे, जो यहोवा ने इस्राएल जाति से किए थे। पहला, वह उन्हें गुलामी से छुड़ाएगा। दूसरा, वह उनकी हिफाज़त करेगा। और तीसरा, वह उनकी देखभाल करेगा। आज, यहोवा ने अपने लोगों से इसी तरह के वादे किए हैं और हमने उन वादों को अपने जीवन में पूरा होते देखा है। कैसे? इस बारे में चर्चा करने से पहले, आइए देखें कि यहोवा ने यहोशू के ज़माने में अपने उन वादों को कैसे पूरा किया था।

यहोवा ने अपने लोगों को छुड़ाया

5, 6. यहोवा ने इस्राएलियों को छुटकारा दिलाने के लिए क्या किया, और इससे क्या ज़ाहिर हुआ?

5 जब इस्राएली मिस्र में गुलाम थे, तब उन्होंने यहोवा को मदद के लिए पुकारा और उसने उनकी सुनी। (निर्गमन 2:23-25) यहोवा ने जलती हुई झाड़ी में से मूसा से कहा: “अब मैं उतर आया हूं कि [अपने लोगों को] मिस्रियों के वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकालकर एक अच्छे और बड़े देश में [पहुंचाऊं] जिस में दूध और मधु की धारा बहती है।” (निर्गमन 3:8) यहोवा ने अपना वादा पूरा करने के लिए जो-जो चमत्कार किए, उन्हें देखना कितना रोमांचक रहा होगा! जब मिस्र के राजा, फिरौन ने इस्राएल जाति को छोड़ने से साफ इनकार कर दिया, तब मूसा ने उससे कहा कि परमेश्‍वर नील नदी का पानी लहू में बदल देगा। यहोवा का यह वचन बिना पूरा हुए नहीं रहा। नील नदी का पानी लहू में बदल गया, सारी मछलियाँ मर गयीं और पानी पीने लायक नहीं रहा। (निर्गमन 7:14-21) इसके बाद भी, फिरौन ने इस्राएलियों को नहीं छोड़ा। फिर यहोवा ने मिस्र पर नौ और विपत्तियाँ लायीं। हर विपत्ति से पहले, उसने मूसा के ज़रिए फिरौन को बताया कि वह क्या करनेवाला है। (निर्गमन, अध्याय 8-12) जब दसवीं विपत्ति में मिस्रियों के सभी पहिलौठे मारे गए, तो फिरौन ने इस्राएलियों को जाने का हुक्म दिया। और इस्राएली वहाँ से निकल पड़े।—निर्गमन 12:29-32.

6 इसके बाद, यहोवा ने इस्राएलियों को अपनी चुनी हुई जाति के तौर पर अपनाया। इस्राएलियों के छुटकारे से हर तरफ यहोवा की महिमा हुई कि वह अपने वादों को पूरा करनेवाला परमेश्‍वर है और उसका एक भी वचन बिना पूरा हुए नहीं रहता। साथ ही, इससे यह भी ज़ाहिर हुआ कि यहोवा दूसरी जातियों के तमाम देवी-देवताओं से कहीं महान है। जब इस छुटकारे के बारे में पढ़ने से ही हमारा विश्‍वास इतना मज़बूत होता है, तो ज़रा सोचिए अगर हम उस छुटकारे का अनुभव करते, तो हमारा विश्‍वास और कितना मज़बूत होता! यहोशू उस छुटकारे का चश्‍मदीद गवाह था, इसलिए उसे कोई शक नहीं था कि यहोवा ही “सारी पृथ्वी के ऊपर परमप्रधान है।”—भजन 83:18.

यहोवा ने अपने लोगों की हिफाज़त की

7. यहोवा ने इस्राएलियों को फिरौन की सेना से कैसे बचाया था?

7 यहोवा का दूसरा वादा था कि वह अपने लोगों की हिफाज़त करेगा। जब यहोवा ने इस्राएल जाति को मिस्र से छुड़ाकर वादा किए गए देश तक पहुँचाने का वचन दिया, तो उसमें यह दूसरा वादा भी शामिल था। लेकिन उसने अपने लोगों की हिफाज़त कैसे की? याद कीजिए, फिरौन ने कैसे गुस्से से पागल होकर अपनी ताकतवर सेना के साथ, जिसमें सैकड़ों रथ भी थे, इस्राएलियों का पीछा किया था। जब मगरूर फिरौन ने इस्राएलियों को पहाड़ों और सागर के बीच फँसा देखा, तो ज़रा सोचिए कि उसका यकीन और कितना बढ़ गया होगा कि अब कोई भी उन्हें उसके हाथों से नहीं बचा सकता! लेकिन तभी परमेश्‍वर ने अपने लोगों की हिफाज़त करने के लिए, उनके और मिस्रियों के बीच बादल का खंभा खड़ा कर दिया। बादल के जिस तरफ मिस्री थे, वहाँ अंधकार छा गया, जबकि इस्राएलियों की तरफ उजियाला बना रहा। बादल ने मिस्री सेना को आगे बढ़ने नहीं दिया। तब मूसा ने अपनी लाठी लाल सागर की तरफ उठायी और पानी दो हिस्सों में बँट गया। इस तरह, इस्राएलियों के लिए भागने का रास्ता खुल गया, मगर वही रास्ता मिस्रियों के लिए मौत का फंदा बना गया। यहोवा ने फिरौन की ताकतवर सेना को लाल समुद्र में डुबोकर पूरी तरह नाश कर दिया और अपने लोगों को उनके हाथों से बचा लिया।—निर्गमन 14:19-28.

8. (क) पहले वीराने में, और फिर (ख) वादा किए गए देश में दाखिल होने के बाद, यहोवा ने इस्राएलियों की कैसे हिफाज़त की?

8 लाल सागर पार करने के बाद, इस्राएली “विशाल और भयानक जंगल में” भटकते रहे, “जहां जहरीले सांप-बिच्छू थे तथा जिसकी भूमि जल-रहित और सूखी थी।” (व्यवस्थाविवरण 8:15, NHT) उस दौरान भी, यहोवा ने अपने लोगों की हिफाज़त की। लेकिन वादा किए गए देश में दाखिल होने के बाद क्या? कनानी नहीं चाहते थे कि इस्राएली उनके इलाके में आएँ, इसलिए उनसे लड़ने के लिए कनानियों की ताकतवर सेनाएँ तैयार थीं। इसके बावजूद, यहोवा ने यहोशू से कहा: “उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार होकर उस देश को जा जिसे मैं उनको अर्थात्‌ इस्राएलियों को देता हूं। तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोड़ूंगा।” (यहोशू 1:2, 5) यहोवा का यह वचन बिना पूरा हुए नहीं रहा। करीब छः सालों में यहोशू ने 31 राजाओं को मात दी और वादा किए गए देश के काफी बड़े इलाके पर कब्ज़ा कर लिया। (यहोशू 12:7-24) सच, अगर यहोवा इस्राएलियों की हिफाज़त और देखभाल न करता, तो इतनी बड़ी जीत हासिल करना उनके लिए नामुमकिन होता!

यहोवा ने अपने लोगों की देखभाल की

9, 10. यहोवा ने वीराने में अपने लोगों की देखभाल कैसे की?

9 अब आइए यहोवा के तीसरे वादे पर गौर करें कि वह अपने लोगों की देखभाल करेगा। इस्राएलियों को मिस्र से छुड़ाने के कुछ ही समय बाद, परमेश्‍वर ने वचन दिया: “देखो, मैं तुम लोगों के लिये आकाश से भोजन वस्तु बरसाऊंगा; और ये लोग प्रतिदिन बाहर जाकर प्रतिदिन का भोजन इकट्ठा करेंगे।” यहोवा ने जो कहा, वही हुआ। उसने अपने वचन के मुताबिक “आकाश से भोजन” दिया। और “जब इस्राएलियों ने देखा तो [वे] आपस में कहने लगे, ‘यह क्या है?’” (NHT) परमेश्‍वर का दिया वह भोजन मन्‍ना था।—निर्गमन 16:4, 13-15.

10 जब इस्राएली 40 साल वीराने में भटक रहे थे, तब यहोवा ने उनकी देखभाल की। उसने उन्हें खाना और पानी मुहैया कराया। साथ ही, उसने इस बात का भी पूरा खयाल रखा कि उनके कपड़े पुराने होकर फट न जाएँ और पैरों में कोई सूजन न आए। (व्यवस्थाविवरण 8:3, 4) यहोशू ने खुद अपनी आँखों से यह सबकुछ होते देखा था। यहोवा ने इस्राएलियों से किए अपने सारे वादे पूरे किए। उसने उन्हें छुड़ाया, उनकी हिफाज़त और देखभाल भी की।

हमारे ज़माने में छुटकारा

11. दो अक्टूबर, 1914 को ब्रुकलिन बेथेल में क्या घोषणा की गयी, और उस वक्‍त यहोवा क्या करनेवाला था?

11 हमारे ज़माने के बारे में क्या? शुक्रवार, 2 अक्टूबर,1914 की सुबह को चार्ल्स टेज़ रसल (जो उस वक्‍त बाइबल विद्यार्थियों की अगुवाई करते थे) ने न्यू यॉर्क के ब्रुकलिन बेथेल के डाइनिंग रूम में आकर सबको सलाम किया। फिर अपनी कुर्सी पर बैठने से पहले, उन्होंने खुशी-खुशी यह घोषणा की: “अन्य जातियों का समय खत्म हुआ; राजाओं के दिन पूरे हुए।” जी हाँ, पूरे जहान का मालिक यहोवा, एक बार फिर अपने लोगों की खातिर कार्रवाई करनेवाला था। और उसने ऐसा किया भी।

12. सन्‌ 1919 में यहोवा ने अपने लोगों को किसकी जकड़ से छुड़ाया, और इसका क्या नतीजा निकला?

12 इस घोषणा के बस पाँच साल बाद, यहोवा ने अपने लोगों को ‘बड़े बाबुल’ यानी दुनिया-भर में साम्राज्य की तरह फैले झूठे धर्म की जकड़ से छुड़ाया। (प्रकाशितवाक्य 18:2) हममें से कुछ ही लोग उस ज़माने के होंगे, जिन्होंने अपनी आँखों से उस शानदार छुटकारे को देखा होगा। फिर भी, हम उसके नतीजे आज साफ देख सकते हैं। यहोवा ने उस वक्‍त सच्ची उपासना को बहाल किया और उन लोगों को एकता की डोर में बाँधा, जो उसकी उपासना करने के लिए तरस रहे थे। इस बारे में यशायाह नबी ने भविष्यवाणी की: “अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगे।”—यशायाह 2:2.

13. आपने यहोवा के लोगों में कितनी बढ़ोतरी होते देखी है?

13 यशायाह 2:2 की भविष्यवाणी पूरी हुई। सन्‌ 1919 में, बचे हुए अभिषिक्‍त जनों ने हिम्मत के साथ पूरी दुनिया में गवाही देने का अभियान शुरू किया, जिससे सच्चे परमेश्‍वर की उपासना बुलंद हुई। सन्‌ 1930 के दशक में, यह साफ हो गया कि ‘अन्य भेड़ों’ को भी इकट्ठा किया जा रहा है। (यूहन्‍ना 10:16, NW) पहले-पहल कुछ हज़ार लोग ही सच्चाई में आए। फिर उनकी गिनती हज़ार से दस हज़ार हो गयी। और आज लाखों की तादाद में लोग सच्ची उपासना को अपना रहे हैं! प्रेरित यूहन्‍ना को दिए एक दर्शन में इन लोगों को “बड़ी भीड़” बताया गया है, “जिसे कोई गिन नहीं सकता” और जो “हर एक जाति, और कुल, और लोग और भाषा में से” निकली है। (प्रकाशितवाक्य 7:9) क्या आपने अपनी ज़िंदगी में यह बढ़ोतरी होते देखी है? जब आप सच्चाई सीख रहे थे, तब पूरी दुनिया में कितने यहोवा के साक्षी थे? आज, यहोवा के सेवकों की गिनती 67,00,000 से भी ज़्यादा हो गयी है। यहोवा ने अपने लोगों को बड़े बाबुल से छुड़ाकर जो रास्ता खोला है, उसी की बदौलत आज हम दुनिया-भर में इतनी बढ़ोतरी होते देख रहे हैं।

14. आनेवाले वक्‍त में यहोवा छुटकारे का कौन-सा काम करेगा?

14 यहोवा एक और छुटकारे का काम करनेवाला है, जिसका असर दुनिया के हरेक इंसान पर पड़ेगा। वह अपनी शक्‍ति का हैरतअँगेज़ तरीके से प्रदर्शन करेगा और अपने सभी विरोधियों को खाक में मिला देगा। दूसरी तरफ, वह अपने लोगों को छुड़ाकर धार्मिकता की नयी दुनिया में ले जाएगा। जब दुष्टता का अंत होगा और इंसान के इतिहास का सबसे शानदार युग शुरू होगा, तब चारों तरफ क्या ही खुशी का आलम होगा!—प्रकाशितवाक्य 21:1-4.

यहोवा आज अपने लोगों की हिफाज़त करता है

15. आज भी हमें यहोवा की हिफाज़त की ज़रूरत क्यों है?

15 जैसा कि हमने देखा, यहोशू के ज़माने में इस्राएलियों को यहोवा की हिफाज़त की ज़रूरत थी। क्या आज भी यहोवा के लोगों को उसकी हिफाज़त की ज़रूरत है? बेशक है! यीशु ने अपने चेलों को खबरदार किया था: “वे क्लेश दिलाने के लिये तुम्हें पकड़वाएंगे, और तुम्हें मार डालेंगे और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे।” (मत्ती 24:9) कई सालों के दौरान, यहोवा के साक्षियों का बहुत-से देशों में कड़ा विरोध किया गया है और उन्हें बुरी तरह सताया गया है। लेकिन यहोवा ने साबित कर दिखाया है कि वह अपने लोगों की मदद कर रहा है। (रोमियों 8:31) परमेश्‍वर का वचन हमें यकीन दिलाता है कि राज्य के प्रचार और सिखाने के काम को कोई भी ताकत नहीं रोक सकती, फिर चाहे वह ‘हमारी हानि के लिए बनाए गए हथियार’ ही क्यों न हो।—यशायाह 54:17.

16. क्या आपने अपनी ज़िंदगी में देखा है कि यहोवा कैसे अपने लोगों की हिफाज़त करता है? इसकी एक मिसाल दीजिए।

16 यहोवा के लोगों से दुनिया चाहे जितनी भी नफरत क्यों न करें, मगर उनकी तादाद लगातार बढ़ रही है। यहोवा के साक्षी 236 देशों में फल-फूल रहे हैं। यह इस बात का ज़बरदस्त सबूत है कि यहोवा हमारे साथ है और उन लोगों से हमारी हिफाज़त कर रहा है, जो हमारा मुँह बंद कर देना या हमें खत्म कर देना चाहते हैं। क्या आप उन ताकतवर नेताओं या धार्मिक अगुवों के नाम बता सकते हैं, जिन्होंने आपके जीवन के दौरान परमेश्‍वर के लोगों पर वहशियाना तरीके से ज़ुल्म किए थे? उनका क्या हश्र हुआ? आज की तारीख में वे कहाँ है? उनमें से ज़्यादातर का वजूद मिट चुका है, ठीक जैसे प्राचीन समय के फिरौन का नामो-निशान मिट चुका था। मगर हमारे ज़माने के उन सेवकों के बारे में क्या, जो अपनी मौत तक यहोवा के वफादार बने रहे? वे सब उसकी याददाश्‍त में महफूज़ हैं। इससे बढ़कर सुरक्षित जगह और क्या हो सकती! इन सारी बातों से साफ है कि यहोवा ने अपने लोगों की हिफाज़त करने का वादा पूरा किया है।

यहोवा आज अपने लोगों की देखभाल करता है

17. यहोवा ने आध्यात्मिक भोजन के बारे में क्या वादा किया है?

17 यहोवा ने वीराने में अपने लोगों की देखभाल की थी और वह आज भी ऐसा करता है। वह हमें “विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास” के ज़रिए आध्यात्मिक भोजन देता है। (मत्ती 24:45) उसने हमें आध्यात्मिक सच्चाइयों का ऐसा ज्ञान दिया है, जिसे सदियों से राज़ रखा गया था। एक स्वर्गदूत ने दानिय्येल से कहा था: “इस पुस्तक पर मुहर करके इन वचनों को अन्त समय तक के लिए बन्द रख। और बहुत लोग पूछ-पाछ और ढूंढ़-ढांढ़ करेंगे, और उस से ज्ञान बढ़ भी जाएगा।”—दानिय्येल 12:4.

18. यह क्यों कहा जा सकता है कि आज सच्चा ज्ञान बढ़ गया है?

18 आज हम अंत समय में जी रहे हैं और परमेश्‍वर के बारे में सच्चा ज्ञान सचमुच बढ़ गया है। पवित्र आत्मा ने दुनिया-भर में सच्चाई की तलाश करनेवालों को सच्चे परमेश्‍वर और उसके मकसद के बारे में सही ज्ञान पाने में मदद दी है। परमेश्‍वर का वचन बाइबल, बेशुमार लोगों के पास मौजूद है। साथ ही, ऐसे साहित्य भी बहुतायत में उपलब्ध हैं, जिनमें बाइबल की अनमोल सच्चाइयों की समझ दी गयी है। मिसाल के तौर पर बाइबल असल में क्या सिखाती है? * किताब को ही लीजिए, जो अध्ययन के लिए तैयार की गयी है। इसके कुछ अध्याय हैं: “परमेश्‍वर के बारे में सच्चाई क्या है?,” “मरे हुए कहाँ हैं?,” “परमेश्‍वर का राज्य क्या है?,” और “परमेश्‍वर ने दुःख-तकलीफें क्यों रहने दी हैं?” ये सवाल हज़ारों सालों से इंसान को परेशान करते आए हैं। और अब इनके जवाब पाना एकदम आसान है। सदियों से लोग बाइबल से अनजान रहे हैं और ईसाईजगत ने भी अपने लोगों को गलत शिक्षाएँ दीं। इसके बावजूद, परमेश्‍वर का वचन फैलता गया और इससे यहोवा की सेवा करने की इच्छा रखनेवाले तृप्त हुए हैं।

19. आपने परमेश्‍वर के कौन-से वादे पूरे होते देखे हैं, और इससे आप किस नतीजे पर पहुँचे हैं?

19 हमने अपनी आँखों से जो होते देखा है, उसकी बिना पर हम भी यकीनन यह कह सकते हैं: “जितनी भलाई की बातें हमारे परमेश्‍वर यहोवा ने हमारे विषय में कहीं उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही; वे सब की सब तुम पर घट गई हैं, उन में से एक भी बिना पूरी हुए नहीं रही।” (यहोशू 23:14) वाकई, यहोवा अपने सेवकों को छुड़ाता है, उनकी हिफाज़त और देखभाल करता है। क्या आप परमेश्‍वर का कोई भी ऐसा वादा बता सकते हैं, जो उसके ठहराए हुए वक्‍त पर पूरा न हुआ हो? यह बताना नामुमकिन है। इसलिए हम समझदारी से काम लेते हुए परमेश्‍वर के वचन पर भरोसा रखते हैं।

20. हम क्यों पूरे यकीन के साथ एक अच्छे भविष्य की उम्मीद कर सकते हैं?

20 आनेवाले कल में क्या होगा? यहोवा ने हममें से ज़्यादातर लोगों को इसी धरती पर जीने की आशा दी है, जो खूबसूरत फिरदौस में तबदील की जाएगी। जबकि कुछ लोगों को उसने मसीह के साथ स्वर्ग में राज करने की आशा दी है। हमारी आशा चाहे जो भी हो, यहोशू की तरह वफादार बने रहने की हमारे पास हरेक वजह है। वह दिन दूर नहीं, जब हमारी आशा हकीकत में बदल जाएगी। तब हम भी यहोशू की तरह यहोवा के सभी वादों को याद करके कहेंगे: ‘वे सब के सब पूरे हुए।’ (w07 11/1)

[फुटनोट]

^ इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

क्या आप समझा सकते हैं?

• यहोशू ने यहोवा के किन वादों को पूरा होते देखा था?

• आपने परमेश्‍वर के किन वादों को पूरा होते देखा है?

• हम परमेश्‍वर के वचन के बारे में क्या यकीन रख सकते हैं?

[अध्ययन के लिए सवाल]

[पेज 25 पर तसवीरें]

आज भी यहोवा अपने लोगों की देखभाल करता है