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“मेरा यह छोटा-सा तोहफा कबूल कीजिए”

“मेरा यह छोटा-सा तोहफा कबूल कीजिए”

“मेरा यह छोटा-सा तोहफा कबूल कीजिए”

ये शब्द, रशिया में यहोवा के साक्षियों के शाखा दफ्तर को मिले एक खत में लिखे थे। और इस खत के साथ ऊनी मोजों से भरा एक बड़ा बक्स भी मिला था।

दरअसल, यह तोहफा 67 साल की ऑला ने भेजा था। वह यहोवा की एक साक्षी है और रशिया के पूर्वी भाग की एक कलीसिया की सदस्य है। ऑला पिछले दस से भी ज़्यादा सालों से यहोवा की सेवा कर रही है और जोश के साथ राज्य की खुशखबरी सुनाती आयी है। मगर एक दिन अचानक उसे स्ट्रोक (मस्तिष्क आघात) हुआ और उसके पैरों को लकवा मार गया। इस हाल में भी भाई-बहनों के लिए प्यार ने ऑला को पहली सदी की मसीही स्त्री, दोरकास के जैसा काम करने के लिए उभारा। बाइबल बताती है, दोरकास अपने संगी विश्‍वासियों के लिए कपड़े बनाती थी।—प्रेरितों 9:36, 39.

ऑला ने अपने खत में लिखा: “मैं पैरों से लाचार ज़रूर हूँ, मगर हाथों से नहीं। इसलिए मैं चिट्ठियाँ लिखकर लोगों को गवाही देती हूँ।” उसने आगे लिखा: “मैंने सोचा जब तक मेरे हाथों में जान है, तब तक क्यों न मैं कुछ गर्म मोजे बुनूँ। मैं चाहती हूँ कि ये मोजे उन भाई-बहनों को दिए जाएँ, जो रशिया के पूर्वी भाग और साइबेरिया जैसे ठंडे इलाकों में जाकर राज्य घर बनाते हैं।”

यीशु मसीह ने अपने सच्चे चेलों के बारे में कहा था: “यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो।” (यूहन्‍ना 13:35) ऑला ने जो प्यार दिखाया, वही प्यार यीशु के सच्चे चेलों की पहचान है। (w07 11/15)