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अध्ययन के लिए प्रहरीदुर्ग पत्रिका का नया अंक

अध्ययन के लिए प्रहरीदुर्ग पत्रिका का नया अंक

अध्ययन के लिए प्रहरीदुर्ग पत्रिका का नया अंक

यह पत्रिका जिसे आप पढ़ रहे हैं, ‘अध्ययन के लिए’ प्रकाशित किया गया सबसे पहला प्रहरीदुर्ग अंक है। हम आपको नए सिरे से तैयार की गयी इस पत्रिका की कुछ खासियतें बताना चाहेंगे।

‘अध्ययन के लिए’ यह अंक यहोवा के साक्षियों और उन बाइबल विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है, जो अच्छी तरक्की कर रहे हैं। यह अंक महीने में एक बार प्रकाशित किया जाएगा और इसमें चार या पाँच अध्ययन लेख होंगे। इन लेखों पर कब चर्चा की जाएगी, इसका शेड्‌यूल पत्रिका के पहले पेज पर दिया गया है। ‘अध्ययन के लिए’ तैयार की गयी प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ प्रचार में पेश नहीं की जाएँगी। इसलिए इनके पहले पेज पर एक-जैसी तसवीर होगी, जबकि ‘आम जनता के लिए’ तैयार की गयी पत्रिकाओं के पहले पेज पर हर बार अलग तसवीर होगी।

पत्रिका के पेज 2 पर आप देखेंगे कि हर अध्ययन लेख या लेखों का मकसद चंद शब्दों में दिया गया है। इससे प्रहरीदुर्ग अध्ययन चलानेवाले भाइयों को अध्ययन लेखों की तैयारी करने में काफी मदद मिलेगी, जिससे वे सभाओं में इन लेखों पर अच्छी तरह चर्चा कर सकेंगे। पेज 2 पर लेखों के मकसद के अलावा दूसरे लेखों की सूची भी दी गयी है।

आप गौर करेंगे कि अध्ययन लेख पहले से थोड़े छोटे हैं। इससे प्रहरीदुर्ग अध्ययन के दौरान खास आयतों पर चर्चा करने के लिए ज़्यादा समय मिलेगा। हम आपको तहेदिल से बढ़ावा देते हैं कि आप हर हफ्ते के लेख की सभी आयतों को पढ़ें। कुछ आयतों के आगे “पढ़िए” लिखा है। उन आयतों को प्रहरीदुर्ग अध्ययन के दौरान पढ़ा जाना चाहिए और उन पर चर्चा की जानी चाहिए। अगर वक्‍त मिले तो दूसरी आयतें भी पढ़ी जा सकती हैं। कुछ लेखों में आप पाएँगे कि चंद आयतों के आगे “तुलना कीजिए” लिखा है। ये आयतें पैराग्राफ में दिए खास मुद्दों से सीधे-सीधे नहीं जुड़ी हैं। इसलिए इन्हें आम तौर पर कलीसिया की सभाओं में नहीं पढ़ा जाएगा। मगर हाँ, ये आयतें चर्चा किए जा रहे मुद्दों के बारे में ज़्यादा जानकारी ज़रूर देती हैं, या फिर उन मुद्दों को दूसरे तरीके से लागू ज़रूर करती हैं। हम आपको बढ़ावा देते हैं कि आप प्रहरीदुर्ग अध्ययन की तैयारी करते वक्‍त इन आयतों को पढ़ लें। हो सकता है, आप अपने जवाबों में इनका ज़िक्र कर पाएँ।

अब से यहोवा के साक्षियों की सालाना रिपोर्ट प्रहरीदुर्ग में नहीं दी जाएगी। इसके बजाय, सन्‌ 2008 से यह रिपोर्ट हमारी राज्य सेवकाई के इंसर्ट में और इयरबुक में दी जाएगी। लेकिन जैसे कि पहले बताया गया है, ‘अध्ययन के लिए’ अंकों में दूसरे लेख भी होंगे। हालाँकि इनमें से ज़्यादातर लेखों की सभाओं में चर्चा नहीं की जाएगी, मगर आपको बढ़ावा दिया जाता है कि आप इन्हें ध्यान से पढ़ें। क्योंकि इनमें भी वही आध्यात्मिक भोजन दिया गया है, जो “विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास” के ज़रिए मुहैया कराया जाता है।—मत्ती 24:45-47.

एक आखिरी बात: ‘अध्ययन के लिए’ और ‘आम जनता के लिए’ प्रकाशित की जानेवाली प्रहरीदुर्ग दो अलग-अलग पत्रिकाएँ नहीं हैं। ये दोनों प्रहरीदुर्ग हैं जो परमेश्‍वर के राज्य की घोषणा करता है। दोनों पत्रिकाओं के पेज 2 पर प्रहरीदुर्ग का मकसद समझाने के लिए एक-जैसे पैराग्राफ दिए गए हैं। हर साल निकलनेवाले बाउंड वॉल्यूम में दोनों अंकों को शामिल किया जाएगा। और “क्या आपको याद है?” भाग में दोनों अंकों से जानकारी दी जाएगी। यह भाग ‘अध्ययन के लिए’ अंकों में प्रकाशित किया जाएगा।

सन्‌ 1879 से युद्धों, तंगहाली और ज़ुल्मों के बावजूद, प्रहरीदुर्ग पत्रिका लगातार परमेश्‍वर के राज्य के बारे में सच्चाई का ऐलान करती आयी है। हमारी दुआ है कि यहोवा की आशीष से आगे भी ये पत्रिकाएँ, जिन्हें नए सिरे से तैयार किया गया है, इसी तरह सच्चाई का ऐलान करती रहें। हम यह भी दुआ करते हैं कि यहोवा आप सभी पढ़नेवालों को आशीष दे, ताकि आप प्रहरीदुर्ग के इस नए अंक का अच्छे-से-अच्छा इस्तेमाल कर सकें।