विषय-सूची
विषय-सूची
15 जनवरी, 2008
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
11-17 फरवरी, 2008
‘प्रभु में आपको जो सेवा सौंपी गयी है, उसका ध्यान रखो’
पेज 4
गीत नं. 18 (162), 6 (45)
18-24 फरवरी, 2008
अपने ‘सिखाने की कला’ पर ध्यान दीजिए
पेज 8
गीत नं. 16 (143), 4 (43)
25 फरवरी, 2008–2 मार्च, 2008
“सही मन” रखनेवाले सुसमाचार को कबूल कर रहे हैं
पेज 13
गीत नं. 28 (224), 3 (32)
3-9 मार्च, 2008
पेज 20
गीत नं. 8 (53), 17 (187)
10-16 मार्च, 2008
जीवन जल के सोतों के पास ले जाए जाने के योग्य ठहराए गए
पेज 24
गीत नं. 24 (185), 18 (162)
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1-3 पेज 4-17
ये तीनों लेख, मसीही सेवा में लगे रहने का आपका इरादा और भी बुलंद करेंगे। ये आपको याद दिलाएँगे कि आपको क्यों जोशीला होना चाहिए, आप कैसे अपने ‘सिखाने की कला’ निखार सकते हैं और इस बात से आपका हौसला बढ़ाएँगे कि अभी-भी बहुत-से लोग सुसमाचार को कबूल कर रहे हैं।
अध्ययन लेख 4, 5 पेज 20-28
इन दोनों लेखों में सच्चे मसीहियों की आशा के बारे में गहराई से जाँच की गयी है। चाहे आपकी आशा मसीह के साथ स्वर्ग में रहने की हो, या इसी धरती पर उसके राज्य के अधीन रहने की, इन लेखों से यहोवा की अपार कृपा और अथाह बुद्धि के लिए आपकी कदर ज़रूर बढ़ेगी।
इस अंक में ये लेख भी हैं:
अध्ययन के लिए प्रहरीदुर्ग पत्रिका का नया अंक
पेज 3
उन्होंने अपनी ज़िंदगी खुशियों के रंग से भर दी है—क्या आप भी ऐसा करेंगे?
पेज 17
यहोवा का वचन जीवित है—मत्ती किताब की झलकियाँ
पेज 29
मसीहियों को कब गेहूँ की तरह छाना जाता है
पेज 32