विषय-सूची
विषय-सूची
15 सितंबर, 2008
अध्ययन के लिए
दिए गए हफ्तों के लिए अध्ययन लेख:
3-9 नवंबर, 2008
पुराने ज़माने में यहोवा अपने लोगों का “छुड़ानेवाला” था
पेज 3
गीत नं. 11 (85), 6 (45)
10-16 नवंबर, 2008
पेज 7
गीत नं. 1 (13), 16 (143)
17-23 नवंबर, 2008
शादी में ‘तीन तागे की डोरी’ को बरकरार रखिए
पेज 16
गीत नं. 14 (117), 23 (200)
24-30 नवंबर, 2008
‘दुनिया की फितरत’ का डटकर मुकाबला कीजिए
पेज 20
गीत नं. 9 (37), 21 (191)
अध्ययन लेखों का मकसद
अध्ययन लेख 1, 2 पेज 3-11
इन दो लेखों में भजन 70 पर चर्चा की गयी है। इस भजन में हम पढ़ते हैं कि यहोवा हमारा “छुड़ानेवाला है।” ये लेख बताते हैं कि यहोवा ने पुराने ज़माने में अपने सेवकों को कैसे छुड़ाया और आज हमें कैसे छुड़ाता है।
अध्ययन लेख 3 पेज 16-20
आज शादीशुदा जोड़ों के लिए सुखी रहना वाकई एक चुनौती है। उन जोड़ों के लिए भी जो यहोवा के सेवक हैं। इस लेख में कारगर सुझाव दिए गए हैं कि मसीही कैसे अपनी शादी में यहोवा को एक अहम हिस्सा बना सकते हैं और मुश्किलें आने पर क्या कर सकते हैं।
अध्ययन लेख 4 पेज 20-24
हमारे आगे दो चुनाव हैं। क्या हम परमेश्वर की पवित्र शक्ति पाने की कोशिश करेंगे और उसे अपने ऊपर काम करने देंगे? या क्या हम दुनिया की फितरत को अपने ऊपर हावी होने देंगे? इन दो चुनावों के बारे में इस लेख में चर्चा की गयी है और यह हमें सही चुनाव करने में मदद देगा, जिससे हमें खुशी मिलेगी।
इस अंक में ये लेख भी हैं:
“बड़ी उत्सुकता” के साथ सही ज्ञान में बढ़ते जाइए
पेज 12
बाज़ारों में खुशखबरी का ऐलान करना
पेज 25
यीशु की मिसाल पर चलिए—परमेश्वर की वैसे उपासना कीजिए जैसे वह चाहता है
पेज 26
यहोवा का वचन जीवित है—थिस्सलुनीकियों और तीमुथियुस को लिखी पत्रियों की झलकियाँ
पेज 29
पेज 32