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क्या आपको याद है?

क्या आपको याद है?

क्या आपको याद है?

क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ पढ़ने का आनंद लिया है? देखिए कि क्या आप नीचे दिए गए सवालों के जवाब दे पाते हैं या नहीं:

• हम “शुद्ध भाषा” यानी परमेश्‍वर और उसके मकसदों के बारे में सच्चाई, अच्छी तरह बोलना कैसे सीख सकते हैं? (सप. 3:9)

कोई भी भाषा सीखने की कुछ तरकीबें होती हैं। उसी तरह “शुद्ध भाषा” अच्छी तरह बोलने के लिए ज़रूरी है कि हम गौर से सुनें, भाषा बोलने में माहिर लोगों की नकल करें, बाइबल की किताबों के नाम और उसकी आयतें मुँह-ज़बानी याद करें, सीखी हुई बातें दोहराएँ, खुद को पढ़कर सुनाएँ, व्याकरण यानी सच्चाई के आदर्श पर ध्यान दें, सुधार करने के लिए लगातार मेहनत करें, अध्ययन करने का एक पक्का समय तय करें और “बोलने” का अभ्यास करें।—8/15, पेज 21-25.

• शब्द ‘तीन तागे से बटी डोरी,’ शादी पर कैसे लागू किए जा सकते हैं?

शब्द ‘तीन तागे से बटी डोरी’ को लाक्षणिक तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। (सभो. 4:12) इन शब्दों को अगर शादी पर लागू किया जाए, तो पति-पत्नी डोरी के दो तागे हैं, जो यहोवा यानी डोरी के बीचवाले तागे से बटे हुए हैं। इसलिए जब पति-पत्नी यहोवा को अपने रिश्‍ते का सबसे अहम हिस्सा बनाते हैं, तो उन्हें मुश्‍किलों का सामना करने की ताकत मिलती है और वे शादी में सच्ची खुशी पाते हैं।—9/15, पेज 16.

इब्रानियों 6:2 में “हाथ रखने” का जो ज़िक्र है, उसका क्या मतलब है?

इस आयत में हाथ रखने का मतलब, प्राचीनों को नियुक्‍त करना नहीं है। इसके बजाय, इसका शायद मलतब है, पवित्र शक्‍ति का वरदान देना। (प्रेरि. 8:14-17; 19:6)—9/15, पेज 32.

• अगुवाई करनेवाले भाई दूसरों का कैसे आदर कर सकते हैं?

एक तरीका है, वे उनसे ऐसा कोई काम करने के लिए न कहें, जिसे करने के लिए वे खुद तैयार न हों। इसके अलावा, जब वे भाइयों से कुछ काम करने की गुज़ारिश करते हैं या कोई हिदायत देते हैं, तब वे उसकी वजह बताने के ज़रिए भी आदर दिखा सकते हैं।—10/15, पेज 22.

• इस्राएल देश में चरवाहे जिस तरह मोड़दार लाठी का इस्तेमाल करते थे, उससे मसीही चरवाहे क्या सीख सकते हैं?

चरवाहे अपनी भेड़ों को हाँकने के लिए एक लंबी मोड़दार लाठी का इस्तेमाल करते थे। जब भेड़ें एक-एक करके बाड़े से बाहर निकलतीं या अंदर आतीं, तो वे चरवाहे की “लाठी के तले” निकलती थीं, जिससे वह उन सबकी गिनती कर पाता था। (लैव्य. 27:32) मसीही चरवाहों को भी चाहिए कि वे परमेश्‍वर के झुंड की हरेक भेड़ को अच्छी तरह जानें और उनकी खोज-खबर रखें।—11/15, पेज 9.