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क्या आपको याद है?

क्या आपको याद है?

क्या आपको याद है?

क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ पढ़ने का आनंद लिया है? देखिए कि क्या आप नीचे दिए गए सवालों के जवाब दे पाते हैं या नहीं:

• यह क्यों बेहद ज़रूरी है कि हम मसीही, यहोवा की तरफ अपनी खराई बनाए रखें?

यहोवा की तरफ अपनी खराई बनाए रखने से हम दिखाते हैं कि हम खुशी-खुशी उसकी हुकूमत के अधीन रहना चाहते हैं। और हम साबित करते हैं कि शैतान झूठा है। साथ ही, हमारी खराई की बिनाह पर परमेश्‍वर हमारा न्याय करता है। इसलिए एक अच्छा भविष्य पाने के लिए खराई बनाए रखना बहुत ज़रूरी है।—12/15, पेज 4-6.

• यीशु की कुछ उपाधियाँ बताइए जो दिखाती हैं कि परमेश्‍वर के मकसद में यीशु क्या भूमिका निभाता है?

इकलौता बेटा, वचन, आमीन, नए करार का बिचवई, महायाजक, वादा किया गया वंश।—12/15, पेज 15.

• यह क्यों गौरतलब है कि एलिय्याह नबी ने बारिश के लिए प्रार्थना करते वक्‍त अपने सेवक से कहा कि वह समुद्र की ओर देखे? (1 राजा 18:43-45)

एलिय्याह ने अपने सेवक से समुद्र की ओर देखने की जो बात कही, उससे पता चलता है कि वह जल-चक्र से वाकिफ था। वह जानता था कि बादल समुद्र के ऊपर बनते थे और फिर उसके देश की तरफ आकर वहाँ बरसने लगते थे।—4/1, पेज 25-6.

• प्रचार में अपनी खुशी बढ़ाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

सबसे पहले तो हमें प्रचार के लिए अपने मन को तैयार करना चाहिए। हमें इस बारे में गहराई से सोचना चाहिए कि हमारा संदेश सुनने से लोगों को कितना फायदा हो सकता है। और प्रचार करते वक्‍त हमारा लक्ष्य होना चाहिए, बाइबल अध्ययन शुरू करना। अगर हम पाते हैं कि ज़्यादातर लोग हमारे संदेश में दिलचस्पी नहीं दिखाते, तो हमें उनसे बात करने के तरीके में बदलाव करना चाहिए। हमें ऐसे विषयों पर उनसे चर्चा करनी चाहिए जिनमें वे दिलचस्पी रखते हैं।—1/15, पेज 8-10.

• बाइबल की शिक्षाओं के मुताबिक एक मसीही को अंत्येष्टि के रस्मो-रिवाज़ों की तरफ कैसा नज़रिया रखना चाहिए?

जब एक मसीही का कोई अज़ीज़ मर जाता है, तो उसे गहरा दुख होता है। मगर वह मरे हुओं के बारे में यह सच्चाई भी जानता है कि वे अचेत हैं। इसलिए वह ऐसे रस्मो-रिवाज़ों में हिस्सा नहीं लेगा जो इस अंधविश्‍वास पर आधारित हैं कि जो मर गए हैं, वे ज़िंदा लोगों की मदद कर सकते हैं या उन्हें नुकसान पहुँचा सकते हैं। उसके अविश्‍वासी रिश्‍तेदार उसके बारे में चाहे जो भी कहें, वह इन रस्मो-रिवाज़ों को हरगिज़ नहीं मानेगा। कुछ मसीही पहले से यह लिखकर रखते हैं कि उनकी मौत होने पर अंत्येष्टि कार्यक्रम कैसा होना चाहिए ताकि अविश्‍वासी रिश्‍तेदार इस मामले में कोई बखेड़ा खड़ा न करें।—2/15, पेज 29-31.

• क्या “याशार नाम की पुस्तक” और “यहोवा के संग्राम नाम पुस्तक,” ईश्‍वर-प्रेरित किताबें थीं जो बाद में खो गयीं? (यहो. 10:13; गिन. 21:14)

नहीं। बाइबल के ज़माने की ये किताबें ईश्‍वर-प्रेरणा से नहीं लिखी गयी थीं। बाइबल के लेखकों ने अपनी किताबों में उनका हवाला दिया था।—3/15, पेज 32.