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यीशु मसीह की कदर करना जो मूसा से महान है

यीशु मसीह की कदर करना जो मूसा से महान है

यीशु मसीह की कदर करना जो मूसा से महान है

“यहोवा परमेश्‍वर तुम्हारे भाइयों के बीच में से तुम्हारे लिए मेरे जैसा एक भविष्यवक्‍ता खड़ा करेगा। जो कुछ वह तुमसे कहे, उन सब बातों को तुम सुनना।”—प्रेषि. 3:22.

1. यीशु मसीह ने दुनिया के इतिहास पर कैसा असर किया है?

 आज से दो हज़ार साल पहले बेतलेहेम नाम के एक इलाके में एक बच्चे का जन्म हुआ। यह बच्चा इतना खास था कि उसके पैदा होने पर स्वर्गदूतों का एक दल परमेश्‍वर की जयजयकार करने लगा, जिसे कुछ चरवाहों ने भी सुना। (लूका 2:8-14) जब वह लड़का बड़ा हुआ तो तीस साल की उम्र में उसने प्रचार का काम शुरू किया। हालाँकि उसने यह काम सिर्फ साढ़े तीन साल तक किया, मगर इससे दुनिया का इतिहास ही बदल गया। जी हाँ, आपने सही अंदाज़ा लगाया। वह जवान कोई और नहीं यीशु मसीह था। उन्‍नीसवीं सदी के जाने-माने इतिहासकार फिलिप शाफ ने यीशु के बारे में लिखा: “हालाँकि यीशु ने अपने बारे में कभी कोई किताब नहीं लिखी, मगर उसके कामों और उसकी शिक्षाओं ने लोगों पर गहरी छाप छोड़ी। उसने लेखकों, कवियों, गीतकारों और शिल्पकारों में इस कदर प्रेरणा जगायी कि उन्होंने उस पर बेहिसाब रचनाएँ रचीं। देखा जाए तो बीते ज़माने में और आज के ज़माने में जितने भी महा-पुरुष हुए हैं, उन सबने मिलकर भी दुनिया पर इतना असर नहीं किया जितना कि अकेले यीशु ने।”

2. प्रेषित यूहन्‍ना ने यीशु और उसकी सेवा के बारे में क्या कहा?

2 प्रेषित यूहन्‍ना ने खुशखबरी की अपनी किताब में यीशु की सेवा का ब्यौरा लिखने के बाद आखिर में कहा: “दरअसल, ऐसे और भी बहुत-से काम हैं जो यीशु ने किए थे। अगर कभी इनके बारे में पूरा ब्यौरा लिखा जाए, तो मैं समझता हूँ कि जो खर्रे लिखे जाते वे पूरी दुनिया में भी न समाते।” (यूह. 21:25) यूहन्‍ना जानता था कि यीशु ने साढ़े तीन साल के दौरान जो यादगार काम किए और जितनी अनमोल बातें सिखायीं, उनके बारे में सबकुछ दर्ज़ करना नामुमकिन है। फिर भी उसने अपनी किताब में जितना लिखा, उससे हमें यीशु के बारे में बहुत अहम जानकारी मिलती है।

3. हम यीशु की भूमिका के बारे में गहरी समझ कैसे पा सकते हैं?

3 खुशखबरी की चार किताबों के अलावा, बाइबल की दूसरी किताबों से भी हम यीशु मसीह के बारे में ऐसी कई बातें सीखते हैं जिनसे हमारा विश्‍वास मज़बूत होता है। उदाहरण के लिए, बाइबल प्राचीन समय के कुछ वफादार पुरुषों के बारे में जो बताती है, उससे हमें इस बात की गहरी समझ मिलती है कि परमेश्‍वर के मकसद में यीशु क्या भूमिका निभाता है। आइए ऐसे कुछ वफादार पुरुषों के बारे में जानें।

वफादार पुरुष जिन्होंने मसीह को दर्शाया

4, 5. प्राचीन समय के किन वफादार पुरुषों ने यीशु को दर्शाया था? उनके और यीशु के बीच क्या समानताएँ हैं?

4 ऐसे तीन वफादार पुरुष हैं, मूसा, दाविद और सुलैमान। खुशखबरी की चारों किताबें दिखाती हैं कि वे यीशु को दर्शाते हैं। इन वफादार पुरुषों ने अपनी ज़िंदगी में जो ज़िम्मेदारियाँ निभायीं और जो काम किए, उनसे एक झलक मिली कि यीशु, परमेश्‍वर के अभिषिक्‍त जन और ठहराए राजा के नाते क्या-क्या करता। अब सवाल है कि इन वफादार सेवकों ने किन-किन तरीकों से यीशु को दर्शाया और इस बारे में बाइबल में दी जानकारी से हम क्या सीख सकते हैं?

5 मूसा के बारे में चंद शब्दों में कहें तो वह एक भविष्यवक्‍ता, बिचवई और छुटकारा दिलानेवाला था। यीशु भी एक भविष्यवक्‍ता, बिचवई और छुटकारा दिलानेवाला है। दाविद के बारे में देखें तो पहले वह एक चरवाहा था, बाद में वह इसराएल का राजा बना और उसने इसराएल के दुश्‍मनों पर जीत हासिल की। यीशु भी एक चरवाहे की तरह परमेश्‍वर के लोगों की अगुवाई करता है और वह एक विजयी राजा है। (यहे. 37:24, 25) और सुलैमान के बारे में बाइबल दिखाती है कि जब तक उसने परमेश्‍वर की आज्ञाएँ मानीं, तब तक वह एक बुद्धिमान राजा साबित हुआ और उस दौरान इसराएल देश में हर कहीं शांति थी। (1 राजा 4:25, 29) उसी तरह, यीशु भी बहुत बुद्धिमान है और उसे “शांति का राजकुमार” कहा गया है। (यशा. 9:6) तो ज़ाहिर है कि यीशु मसीह और इन तीन वफादार पुरुषों के बीच कई समानताएँ हैं। मगर परमेश्‍वर के मकसद में यीशु की भूमिका उनसे कहीं ज़्यादा श्रेष्ठ है। वह कैसे? इसे समझने के लिए सबसे पहले हम मूसा पर गौर करेंगे और देखेंगे कि उसमें और यीशु में कौन-सी समानताएँ हैं। इससे हम यीशु की भूमिका को और भी बेहतर तरीके से समझ पाएँगे और उसकी कदर कर पाएँगे।

मूसा—उसने यीशु को दर्शाया

6. प्रेषित पतरस ने कैसे समझाया कि यीशु की बात पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है?

6 ईसवी सन्‌ 33 के पिन्तेकुस्त के कुछ ही समय बाद, प्रेषित पतरस ने यरूशलेम के मंदिर में उपासना के लिए इकट्ठी भीड़ को समझाया कि यीशु की बात पर ध्यान देना क्यों ज़रूरी है। दरअसल हुआ यह कि पतरस और यूहन्‍ना ने एक आदमी को चंगा किया जो जन्म से लँगड़ा था। यह देखकर वहाँ मौजूद लोगों को इतना अचंभा हुआ कि ‘उनके होश उड़ गए’ और वे यह जानने के लिए पतरस और यूहन्‍ना के पास दौड़े-दौड़े आए कि यह चमत्कार कैसे हुआ। तब पतरस ने उन्हें समझाया कि यह चमत्कार यहोवा की पवित्र शक्‍ति से मुमकिन हुआ जो यीशु मसीह के ज़रिए काम कर रही थी। इसके बाद, उसने इब्रानी शास्त्र से मूसा की एक भविष्यवाणी का हवाला दिया जो यीशु मसीह पर पूरी हुई थी। उसने कहा: “दरअसल, मूसा ने कहा था, ‘यहोवा परमेश्‍वर तुम्हारे भाइयों के बीच में से तुम्हारे लिए मेरे जैसा एक भविष्यवक्‍ता खड़ा करेगा। जो कुछ वह तुमसे कहे, उन सब बातों को तुम सुनना।’”—प्रेषि. 3:11, 22, 23; व्यवस्थाविवरण 18:15, 18, 19 पढ़िए।

7. हम क्यों कह सकते हैं कि जब पतरस ने लोगों को मूसा से भी महान नबी के बारे में बताया, तो वे उसकी बात समझ गए होंगे?

7 मूसा की इस भविष्यवाणी से वे लोग ज़रूर वाकिफ रहे होंगे। यहूदी होने के नाते, वे मूसा का बड़ा सम्मान करते थे। (व्यव. 34:10) इसलिए वे उसकी भविष्यवाणी के मुताबिक एक ऐसे नबी की राह देख रहे थे जो मूसा से भी महान साबित होता। यह नबी मूसा की तरह सिर्फ एक अभिषिक्‍त जन ही नहीं होता बल्कि वह मसीहा होता जिसका परमेश्‍वर ने लंबे अरसे पहले वादा किया था। जैसा कि बाइबल कहती है, वह “परमेश्‍वर का भेजा हुआ मसीह और उसका चुना हुआ” जन होता।—लूका 23:35; इब्रा. 11:26.

मूसा और यीशु में समानताएँ

8. मूसा और यीशु में कौन-सी समानताएँ थीं?

8 मूसा की ज़िंदगी में जो घटनाएँ घटीं, उससे मिलती-जुलती कुछ घटनाएँ यीशु के साथ भी हुई थीं। मिसाल के लिए, जब दोनों दूध-पीते बच्चे थे तो उन्हें दुष्ट राजाओं के हाथों मरने से बचाया गया था। (निर्ग. 1:22–2:10; मत्ती 2:7-14) एक और समानता यह थी कि दोनों को “मिस्र से बुलाया” गया था। होशे की किताब में यहोवा कहता है: “जब इसराएल बालक था, तब मैं ने उस से प्रेम किया, और अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया।” (होशे 11:1) इस आयत में दो बातों का ज़िक्र किया गया है। एक तो बीते ज़माने की एक घटना की बात की गयी है कि परमेश्‍वर अपने “पुत्र” यानी इसराएल जाति को अपने ठहराए अगुवे, मूसा के ज़रिए मिस्र से बाहर ले आया था। (निर्ग. 4:22, 23; 12:29-37) दूसरी बात, यीशु के साथ होनेवाली एक घटना की भविष्यवाणी की गयी। यह भविष्यवाणी तब पूरी हुई जब हेरोदेस की मौत के बाद यूसुफ और मरियम, यीशु को मिस्र से बाहर ले आए थे। इस तरह मूसा और यीशु, दोनों को “मिस्र से बुलाया” गया था।—मत्ती 2:15, 19-23.

9. (क) मूसा और यीशु ने किस तरह के चमत्कार किए? (ख) मूसा और यीशु में और क्या-क्या समानताएँ हैं? (पेज 26 पर दिया बक्स “मूसा और यीशु में कुछ और समानताएँ” देखिए।)

9 मूसा और यीशु, दोनों ने कई चमत्कार किए जिससे यह साफ पता चला कि यहोवा उनके साथ था। बाइबल के मुताबिक मूसा वह पहला इंसान था जिसने चमत्कार किए। (निर्ग. 4:1-9) उसके कई चमत्कारों का ताल्लुक पानी से था। जैसे, उसके हुक्म देने पर नील नदी और उसकी झीलों का खून में बदल जाना, लाल सागर का दो भागों में बँट जाना और वीराने में चट्टान से पानी का निकलना। (निर्ग. 7:19-21; 14:21; 17:5-7) यीशु के कई चमत्कारों का वास्ता भी पानी से था। जैसे, उसका पहला चमत्कार, जब उसने शादी की दावत में पानी को दाखमधु में बदल दिया था। (यूह. 2:1-11) बाद में उसने गलील सागर में उठे एक भयानक तूफान को शांत किया। और एक मौके पर तो वह पानी पर चला भी! (मत्ती 8:23-27; 14:23-25) मूसा और यीशु में कुछ और समानताएँ जानने के लिए पेज 26 पर दिया बक्स देखिए।

मसीह कैसे एक भविष्यवक्‍ता है, इसे समझना और कदर करना

10. एक सच्चा भविष्यवक्‍ता क्या-क्या काम करता था? मूसा को क्यों एक सच्चा भविष्यवक्‍ता कहा जा सकता है?

10 भविष्यवक्‍ता शब्द सुनते ही ज़्यादातर लोगों के मन में एक ऐसे व्यक्‍ति का खयाल आता है, जो सिर्फ भविष्य में होनेवाली घटनाओं के बारे में बताता है। लेकिन बाइबल दिखाती है कि एक सच्चा भविष्यवक्‍ता, भविष्य के बारे में बताने के अलावा यहोवा का प्रवक्‍ता भी होता था। यानी वह यहोवा का संदेश लोगों तक पहुँचाता था और “परमेश्‍वर के शानदार कामों” का बखान करता था। (प्रेषि. 2:11, 16, 17) और जहाँ तक भविष्यवाणी करने की बात है, इस काम में बहुत कुछ शामिल था। जैसे, भविष्य में होनेवाली घटनाओं का ऐलान करना, यहोवा के मकसद के अलग-अलग पहलुओं के बारे में जानकारी देना, यहोवा के न्यायदंड का संदेश सुनाना वगैरह। मूसा ने ये सारे काम किए थे। उसने मिस्र पर आनेवाली दस विपत्तियों में से हर विपत्ति के बारे में पहले से भविष्यवाणी की, सीनै पर्वत के पास इसराएलियों को करार के नियम बताए और उन्हें परमेश्‍वर की मरज़ी के बारे में सिखाया। इसलिए उसे एक सच्चा भविष्यवक्‍ता कहा जा सकता है। मगर आगे चलकर एक ऐसा भविष्यवक्‍ता आनेवाला था जो मूसा से भी महान साबित होता।

11. यह कैसे साबित हुआ कि यीशु, मूसा से भी महान भविष्यवक्‍ता था?

11 ईसा पूर्व पहली सदी में जकर्याह ने अपने बेटे यूहन्‍ना के बारे में भविष्यवाणी की और बताया कि उसके लिए परमेश्‍वर ने क्या मकसद ठहराया था। (लूका 1:76) उसका यह बेटा बड़ा होकर यूहन्‍ना बपतिस्मा देनेवाला बना। और यूहन्‍ना ने उस भविष्यवक्‍ता के प्रकट होने का ऐलान किया जो मूसा से भी महान होता और जिसका परमेश्‍वर के लोगों को मुद्दतों से इंतज़ार था। वह था, यीशु मसीह। (यूह. 1:23-36) एक भविष्यवक्‍ता के नाते यीशु ने कई बातों की भविष्यवाणी की। मसलन, उसने बताया कि उसकी मौत किस तरह, कहाँ और किसके हाथों होगी। (मत्ती 20:17-19) उसने यरूशलेम के बारे में एक चौंका देनेवाली भविष्यवाणी की। उसने बताया कि यरूशलेम और उसके साथ-साथ वहाँ का मंदिर भी खाक में मिल जाएगा। (मर. 13:1, 2) यीशु ने हमारे ज़माने में होनेवाली घटनाओं के बारे में भी भविष्यवाणी की।—मत्ती 24:3-41.

12. (क) यीशु ने प्रचार काम की शुरूआत कैसे की, जो आगे चलकर पूरी दुनिया में फैल गया? (ख) आज हम किस तरह यीशु के नक्शेकदम पर चलते हैं?

12 भविष्यवक्‍ता होने के साथ-साथ यीशु एक प्रचारक और शिक्षक भी था। उसने परमेश्‍वर के राज की खुशखबरी सुनायी और वह अब तक का सबसे निडर प्रचारक साबित हुआ। (लूका 4:16-21, 43) वह ऐसा महान शिक्षक था कि इंसानों में उसकी कोई मिसाल नहीं। उसका उपदेश सुननेवाले कुछ लोगों ने कहा कि “आज तक किसी भी इंसान ने इस तरह बात नहीं की जिस तरह वह करता है।” (यूह. 7:46) यीशु ने प्रचार का काम पूरे जोश के साथ किया और इसमें बहुत मेहनत की। और उसने अपने चेलों में भी परमेश्‍वर के राज के लिए ऐसा ही जोश भरा। इस तरह उसने प्रचार और सिखाने के काम की एक बढ़िया शुरूआत की। यह काम पूरी दुनिया में फैल गया और आज हमारे दिनों में भी किया जा रहा है। (मत्ती 28:18-20; प्रेषि. 5:42) पिछले साल, करीब 70 लाख साक्षियों ने मसीह के नक्शेकदम पर चलते हुए राज का संदेश सुनाने और दिलचस्पी रखनेवालों को बाइबल की सच्चाइयाँ सिखाने में लगभग 15 करोड़ घंटे बिताए। क्या आप भी इस काम में हिस्सा लेने के लिए अपना भरसक करते हैं?

13. क्या बात हमें ‘जागते रहने’ में मदद देगी?

13 इसमें कोई शक नहीं कि यहोवा ने मूसा के जैसा एक भविष्यवक्‍ता खड़ा करने की अपनी भविष्यवाणी पूरी की है। यह जानकारी हमें कैसे फायदा पहुँचाती है? इससे बाइबल पर हमारा भरोसा बढ़ता है कि इसमें हमारे निकट भविष्य के बारे में जो भविष्यवाणियाँ दी गयी हैं, वे भी ज़रूर पूरी होंगी। वाकई, अगर हम यीशु के बारे में मनन करें जो मूसा से भी महान भविष्यवक्‍ता है, तो हम यह जानने के लिए “जागते” रहेंगे और अपने “होश-हवास” बनाए रखेंगे कि परमेश्‍वर बहुत जल्द क्या करनेवाला है।—1 थिस्स. 5:2, 6.

मसीह कैसे एक बिचवई है, इसे समझना और कदर करना

14. हम क्यों कह सकते हैं कि मूसा, इसराएलियों और परमेश्‍वर के बीच बिचवई था?

14 यीशु एक बिचवई भी है, ठीक जैसे मूसा एक बिचवई था। जब यहोवा ने याकूब की संतान यानी इसराएलियों के साथ कानून का करार किया, तो मूसा को अपने और उनके बीच एक बिचवई ठहराया। यह करार इस शर्त पर किया गया था कि अगर इसराएली परमेश्‍वर के नियमों को मानते रहें, तो वे परमेश्‍वर के खास लोग या उसकी मंडली बने रहेंगे। (निर्ग. 19:3-8) यह करार ईसा पूर्व 1513 में लागू किया गया था और ईसवी सन्‌ पहली सदी तक कायम रहा।

15. यीशु किस तरह मूसा से भी महान बिचवई है?

15 ईसवी सन्‌ 33 में यहोवा ने एक नया करार किया जो कानून के करार से बेहतर था। यह करार उसने पैदाइशी इसराएलियों के साथ नहीं, बल्कि आध्यात्मिक इसराएलियों के साथ किया जिन्हें ‘परमेश्‍वर का इसराएल’ कहा गया है। यह अभिषिक्‍त मसीहियों से बना एक छोटा समूह था, जो बढ़ते-बढ़ते संसार भर में फैल गया। (गला. 6:16) इस नए करार का बिचवई यीशु है और वह मूसा से महान बिचवई है। क्योंकि जिस करार का बिचवई मूसा था, उसके नियम परमेश्‍वर ने पत्थर की पटियाओं पर लिखकर दिए थे। मगर जिस करार का बिचवई यीशु है, उसके नियम परमेश्‍वर किसी पत्थर पर नहीं बल्कि उन लोगों के दिलों पर लिखता है जिनके साथ यह करार किया गया है। (1 तीमुथियुस 2:5; इब्रानियों 8:10 पढ़िए।) इस तरह आध्यात्मिक इसराएली अब परमेश्‍वर के खास लोग बन गए हैं। यही वह “जाति” है जो मसीह के राज के योग्य “फल” पैदा करती है। (मत्ती 21:43) मगर नए करार से आशीषें सिर्फ उन्हीं को नहीं मिलतीं जिनके साथ यह करार किया गया है। उनके अलावा लाखों-करोड़ों लोगों को भी इससे आशीषें मिलेंगी, यहाँ तक कि उन्हें भी जो आज मौत की नींद सो रहे हैं। ये सभी अनगिनत लोग उस नए और बेहतर करार की बदौलत ऐसी आशीषें पाएँगे जो सदा तक कायम रहेंगी।

मसीह कैसे एक उद्धारकर्त्ता है, इसे समझना और कदर करना

16. (क) मूसा ने किन-किन तरीकों से इसराएलियों को छुटकारा दिलाया? (ख) निर्गमन 14:13 के मुताबिक छुटकारा दिलानेवाला असल में कौन है?

16 इसराएलियों के मिस्र से निकलने से पहले की रात उन पर एक बड़ा खतरा आनेवाला था। परमेश्‍वर अपना एक स्वर्गदूत भेजता जो मिस्र में रहनेवाले हर परिवार के पहलौठे को मार डालता। यहोवा ने मूसा के ज़रिए बताया कि इसराएली अपने पहलौठों को कैसे इस खतरे से बचा सकते हैं। उन्हें फसह के मेम्ने का खून अपने घर के दरवाज़े के दोनों अलंगों और चौखट के ऊपरी हिस्से पर छिड़कना था। (निर्ग. 12:1-13, 21-23) इसराएलियों ने ऐसा ही किया जिससे उनके पहलौठों की जान बच गयी। बाद में उनकी पूरी जाति पर इससे भी बड़ा एक संकट आया। वे लाल सागर और मिस्री सेना के बीच बुरी तरह फँस गए। मगर एक बार फिर, यहोवा ने मूसा के ज़रिए उन्हें खतरे से बचाया। मूसा के चमत्कार करने पर लाल सागर दो भागों में बँट गया और इसराएली उस पार सही सलामत निकल गए।—निर्ग. 14:13, 21.

17, 18. किन तरीकों से यीशु, मूसा से भी महान उद्धारकर्त्ता है?

17 वाकई, यहोवा ने मूसा के ज़रिए उद्धार के बड़े-बड़े काम किए थे। मगर वह यीशु के ज़रिए जो उद्धार के काम करता है, वे और भी महान हैं। जो लोग परमेश्‍वर की आज्ञा मानते हैं, उन्हें यीशु के ज़रिए पाप की गुलामी से छुड़ाया जाता है। (रोमि. 5:12, 18) यह छुटकारा “सदा तक कायम रहनेवाला छुटकारा” है। (इब्रा. 9:11, 12) यीशु के नाम का मतलब है, “यहोवा उद्धार करता है।” यीशु ने हमें न सिर्फ अब तक किए पापों से छुड़ाया है, बल्कि भविष्य में हमारे लिए एक खुशहाल ज़िंदगी जीने का रास्ता भी खोल दिया है। हमें पाप की गुलामी से छुटकारा दिलाकर यीशु हमें यहोवा के क्रोध से बचाता है और उसके साथ एक अच्छा रिश्‍ता कायम करने में मदद देता है।—मत्ती 1:21.

18 यीशु हमें बहुत जल्द पाप के बुरे अंजामों से भी छुटकारा दिलाएगा, यानी बीमारी से और यहाँ तक कि मौत से भी। वह समय कैसा होगा, इसे समझने के लिए यीशु के दिनों के इस वाकये पर ध्यान दीजिए। याईर नाम के एक आदमी की 12 साल की बेटी मर गयी थी। यीशु ने याईर को भरोसा दिलाते हुए कहा: “मत डर, बस विश्‍वास रख और वह बच जाएगी।” (लूका 8:41, 42, 49, 50) यीशु ने जैसा कहा, ठीक वैसा ही हुआ। वह लड़की ज़िंदा हो गयी! क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि उस बच्ची के माँ-बाप को कितनी खुशी हुई होगी? तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि भविष्य में जब परमेश्‍वर मरे हुओं को ज़िंदा करेगा, तो वह क्या ही खुशी का समाँ होगा! उस वक्‍त “वे सभी जो स्मारक कब्रों में हैं, [यीशु की] आवाज़ सुनेंगे और बाहर निकल आएँगे।” (यूह. 5:28, 29) जी हाँ, यीशु हमारा महान उद्धारकर्त्ता है, हमारा छुड़ानेवाला है!—प्रेषितों 5:31 पढ़िए; तीतु. 1:4; प्रका. 7:10.

19, 20. (क) यीशु जिन तरीकों से मूसा से भी महान था, उन पर मनन करने से हमें क्या फायदा होता है? (ख) अगले लेख में हम किस बारे में चर्चा करेंगे?

19 आज दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें हम यीशु के उद्धार के कामों से फायदा पाने में मदद दे सकते हैं। यह बात हमें उकसाती है कि हम प्रचार और सिखाने के काम में जी-जान से लगे रहें। (यशा. 61:1-3) जब हम इस बारे में मनन करते हैं कि यीशु किन-किन तरीकों से मूसा से भी महान है, तो इससे यीशु पर हमारा भरोसा मज़बूत होता है कि वह दुष्टों पर आनेवाले नाश से हमें ज़रूर बचाएगा।—मत्ती 25:31-34, 41, 46; प्रका. 7:9, 14.

20 इसमें कोई शक नहीं कि यीशु, मूसा से भी महान है। उसने ऐसे कई शानदार काम किए हैं जो मूसा कभी नहीं कर पाता। यीशु ने एक भविष्यवक्‍ता के नाते जो बातें सिखायीं और एक बिचवई के नाते जो-जो काम किए, उनसे सभी इंसानों को फायदा हो सकता है। और एक छुड़ानेवाले की हैसियत से यीशु सिर्फ कुछ समय के लिए नहीं बल्कि हमेशा-हमेशा के लिए इंसानों का उद्धार करता है। मूसा की ज़िंदगी पर गौर करने से हमने यीशु के बारे में कितना कुछ सीखा है। प्राचीन समय के दूसरे वफादार पुरुषों से भी हम यीशु के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। अगले लेख में हम देखेंगे कि यीशु किन मायनों में दाविद और सुलैमान से महान था।

क्या आप समझा सकते हैं?

• यीशु किस तरह मूसा से भी महान भविष्यवक्‍ता है?

• यीशु किस तरह मूसा से भी महान बिचवई है?

• यीशु किस तरह मूसा से भी महान उद्धारकर्त्ता है?

[अध्ययन के लिए सवाल]

[पेज 26 पर बक्स/तसवीर]

मूसा और यीशु में कुछ और समानताएँ

◻ दोनों ने यहोवा की और उसके लोगों की सेवा करने के लिए ऊँचे ओहदे त्याग दिए।—2 कुरिं. 8:9; फिलि. 2:5-8; इब्रा. 11:24-26.

◻ दोनों यहोवा के अभिषिक्‍त जन या “मसीह” थे।—मर. 14:61, 62; यूह. 4:25, 26; इब्रा. 11:26.

◻ दोनों यहोवा के नाम से आए थे, यानी वे उसके प्रतिनिधि थे।—निर्ग. 3:13-16; यूह. 5:43; 17:4, 6, 26.

◻ दोनों ने नम्रता दिखायी।—गिन. 12:3; मत्ती 11:28-30.

◻ जिस तरह मूसा हज़ारों लोगों के लिए भोजन का प्रबंध करने में शामिल था, उसी तरह यीशु बहुतों के लिए जीवन की रोटी है।—निर्ग. 16:12; यूह. 6:48-51.

◻ दोनों को न्याय करने और यहोवा के लोगों को उसके कानून बताने की ज़िम्मेदारी दी गयी।—निर्ग. 18:13; मला. 4:4; यूह. 5:22, 23; 15:10.

◻ दोनों को परमेश्‍वर के घराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी।—गिन. 12:7; इब्रा. 3:2-6.

◻ दोनों को यहोवा के विश्‍वासयोग्य गवाह कहा गया है।—इब्रा. 11:24-29; 12:1; प्रका. 1:5.

◻ दोनों की लाशें परमेश्‍वर ने गायब कर दीं।—व्यव. 34:5, 6; लूका 24:1-3; प्रेषि. 2:31; 1 कुरिं. 15:50; यहू. 9.