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क्या आपको याद है?

क्या आपको याद है?

क्या आपको याद है?

क्या आपने हाल की प्रहरीदुर्ग पत्रिकाएँ पढ़ने का आनंद लिया है? देखिए कि क्या आप नीचे दिए गए सवालों के जवाब दे पाते हैं या नहीं:

• अगर कोई बच्चा माँ के गर्भ में ही मर जाता है, तो क्या उसके पुनरुत्थान की कोई आशा है?

एक बच्चे के जीवन की शुरूआत तभी हो जाती है, जब वह अपनी माँ के गर्भ में पड़ता है। यहोवा “परमेश्‍वर के लिए सबकुछ मुमकिन है,” इसलिए वह मरे हुए लोगों को जी उठा सकता है फिर चाहे वे किसी भी चरण में क्यों न मरे हों। (मर. 10:27) लेकिन बाइबल यह खुलकर नहीं बताती कि परमेश्‍वर गर्भ में मरनेवाले बच्चों का पुनरुत्थान करेगा या नहीं।—4/15, पेज 12,13.

• चींटी, चट्टानी बिज्जू, टिड्डी और छिपकली पर गौर करना फायदेमंद क्यों है?

ये चारों जंतु दिखाते हैं कि वे सहज-वृत्ति से बुद्धिमान हैं। इस तरह वे यहोवा की बुद्धि का बखान करते हैं। (नीति. 30:24-28)—4/15, पेज 16-19.

• बाइबल चुप रहने को अच्छा क्यों कहती है?

बाइबल दिखाती है कि चुप या खामोश रहना आदर देने की निशानी है, मनन के लिए मददगार और समझ-बूझ और बुद्धिमानी का सबूत है। (भज. 37:7; 63:6; नीति. 11:12)—5/15, पेज 3-5.

• यहूदा राज्य के कितने राजाओं ने परमेश्‍वर के घर के लिए बेमिसाल जोश दिखाया?

दक्षिण के यहूदा राज्य पर 19 राजाओं ने राज किया था। उनमें से चार राजाओं ने परमेश्‍वर के घर के लिए बेमिसाल जोश दिखाया। वे थे आसा, यहोशापात, हिजकिय्याह और योशिय्याह।—6/15, पेज 7-11.

• क्या धरती पर रहनेवाले सभी अभिषिक्‍त मसीही आध्यात्मिक खुराक मुहैया कराने के काम में हिस्सा लेते हैं?

नहीं। परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति से अभिषिक्‍त सभी जन विश्‍वासयोग्य और सूझ-बूझ से काम लेनेवाले दास वर्ग का हिस्सा हैं। लेकिन आध्यात्मिक खुराक मुहैया कराने की देखरेख सिर्फ वे लोग करते हैं, जो शासी निकाय के सदस्य हैं।—6/15, पेज 22-24.

• यह क्यों कहा जा सकता है कि यीशु और उसके समय के धर्म-गुरुओं के व्यवहार में सबसे बड़ा फर्क था, प्यार?

यीशु के समय के धर्म-गुरु आम लोगों से प्यार करने के बजाय उनसे घृणा करते थे। इसके अलावा, वे परमेश्‍वर से भी प्यार नहीं करते थे। यीशु अपने पिता से प्यार करता था और लोगों का हाल देखकर तड़प उठता था। (मत्ती 9:36) वह उनके साथ कोमलता, करुणा और कृपा से पेश आता था।—7/15, पेज 15.