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2009 प्रहरीदुर्ग की विषय-सूची

2009 प्रहरीदुर्ग की विषय-सूची

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जिस अंक में लेख आया है, उसकी तारीख दी गयी है

अध्ययन लेख

अय्यूब ने यहोवा का नाम रौशन किया, 4/15

अपनी तरक्की ज़ाहिर कर, 12/15

अपने पड़ोसी से सच बोलें, 6/15

‘आ मेरे पीछे हो ले,’ 1/15

आज्ञा मानने और हिम्मत दिखाने में यीशु के जैसे बनिए, 9/15

आपकी खराई से यहोवा का दिल खुश होता है, 4/15

आपकी प्रार्थनाएँ आपके बारे में क्या ज़ाहिर करती हैं? 11/15

आपके छुटकारे के लिए यहोवा ने जो किया, क्या आप उसकी कदर करते हैं? 9/15

आपके मन का स्वभाव वैसा ही हो जैसा मसीह का था, 9/15

इनाम पर नज़र जमाए रखो, 3/15

उसमें “सावधानी से छिपाया गया” खज़ाना ढूँढ़ना, 7/15

ऐसा प्यार बढ़ाइए जो कभी नहीं मिटता, 12/15

क्या आप अपनी प्रार्थनाओं में यीशु की कही बातें लागू करते हैं? 2/15

क्या आप ‘परमेश्‍वर के अनुग्रह’ के भंडारी हैं? 1/15

“खुद को ऐसा इंसान बनाए रखो जिससे परमेश्‍वर प्यार करे,” 8/15

चेले बनाने के काम में खुशी पाइए, 1/15

“जन-सेवा करनेवाले स्वर्गदूत,” 5/15

जवानो—अपनी तरक्की ज़ाहिर कीजिए, 5/15

“जहाँ कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं,” 2/15

“तुम मेरे दोस्त हो,” 10/15

देखो! यहोवा का चुना हुआ दास, 1/15

धरती पर हमेशा की ज़िंदगी की आशा फिर से ढूँढ़ी गयी, 8/15

धरती पर हमेशा की ज़िंदगी—क्या यीशु ने इस आशा के बारे में सिखाया? 8/15

धर्मी जन सदा तक परमेश्‍वर की स्तुति करते रहेंगे, 3/15

“परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति के तेज से भरे रहो,” 10/15

परमेश्‍वर के सेवक के नाते अदब से पेश आइए, 11/15

परमेश्‍वर ने दी धरती पर हमेशा की ज़िंदगी की आशा, 8/15

पूरा ज़ोर लगाकर प्रौढ़ता के लक्ष्य तक बढ़ते जाएँ—“यहोवा का भयानक दिन निकट है,” 5/15

“बढ़िया कामों के लिए जोशीले” बनिए, 6/15

बाइबल के अध्ययन से अपनी प्रार्थनाएँ निखारिए, 11/15

बेवफा दुनिया में वफा निभाना, 10/15

भाइयों जैसा प्यार दिखाने में बढ़ते जाओ, 11/15

मसीह का प्यार हमें भी प्यार करने के लिए उकसाता है, 9/15

“मसीह” के पीछे क्यों हो लें? 5/15

मसीही परिवारो, यीशु की मिसाल पर चलिए! 7/15

मसीही मंडली में अपनी भूमिका को अनमोल समझिए, 11/15

मुसीबतों के दौर में भी अपनी खुशी बरकरार रखें, 12/15

“यहोवा का दास—हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया,” 1/15

यहोवा के घर के लिए जोश दिखाइए, 6/15

यहोवा को हक है कि हम संग मिलकर उसकी स्तुति करें, 3/15

यहोवा से मिलनेवाली शिक्षा का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता, 9/15

यीशु की तरह प्यार से सिखाइए, 7/15

यीशु की तरह हिम्मत से प्रचार कीजिए, 7/15

यीशु की बातें कैसे हमारी खुशी बढ़ाती हैं, 2/15

यीशु की बातों के मुताबिक ढालिए अपनी सोच, 2/15

यीशु मसीह की कदर करना जो दाविद और सुलैमान से महान है, 4/15

यीशु मसीह की कदर करना जो मूसा से महान है, 4/15

विश्‍वासयोग्य प्रबंधक और उसका शासी निकाय, 6/15

“सचेत रहो,” 3/15

‘सबके साथ शांति बनाए रखो,’ 10/15

सृष्टि यहोवा की बुद्धि का बखान करती है, 4/15

हमारा मसीहा! जिसके ज़रिए परमेश्‍वर हमारा उद्धार करता है, 12/15

जीवन कहानियाँ

इंसान सिर्फ रोटी से ज़िंदा नहीं रह सकता (जे. हीज़ीगा), 7/1

तीन अधिवेशनों ने बदल दी मेरी ज़िंदगी (जी. वॉरेनचेक), 10/15

नब्बे साल पहले मैंने शुरू किया (ए. रीजवैल), 7/15

“मार्ग यही है, इसी पर चलो” (ए. पेडर्सन की कहानी आर. पप्पास की ज़ुबानी), 1/15

मुझे जीने का सच्चा मकसद मिला (जी. मारटीनेस), 9/15

मैं बदले में यहोवा को क्या दे सकती हूँ? (आर. डाने) 6/15

‘यहोवा का दूत चारों ओर छावनी किए हुए है’ (सी. कॉनल), 3/15

बाइबल

ज़िंदगी सँवार देती है, 4/1

प्रकाशितवाक्य की किताब की झलकियाँ—I, 1/15

प्रकाशितवाक्य की किताब की झलकियाँ—II, 2/15

‘बड़े लाल द्वीप’ में (मेडागास्कर), 12/15

मसीही जीवन और गुण

अंत्येष्टि, 2/15

अंत के समय हमें कहाँ होना चाहिए? 5/15

अपना ध्यान भटकने मत दीजिए, 8/15

अपनी पसंद पर अड़े रहना? 2/15

अपने हमसफर का साथ निभाइए, 1/1

अविवाहित रहकर खुश, 6/15

अशुद्धता के लिए मंडली से बेदखल? 10/1

आपसी सहयोग से आध्यात्मिक तरक्की, 7/15

उपवास, 10/1

इत्तै, 5/15

एक अच्छा पिता कैसे बनें, 1/1

एहसान-भरे दिल से लीजिए—दिल खोलकर दीजिए, 7/15

काम सौंपना, 6/15

क्या आप पहले सेवा करते थे? 8/15

किशोरों को सिखाएँ ज़िम्मेदार इंसान बनना, 10/1

“चुप रहने का समय,” 5/15

जलन? यूसुफ के भाइयों को हुई थी, 1/1

जो प्रार्थनाएँ परमेश्‍वर सुनता है, 4/1

जिन प्रार्थनाओं का जवाब नहीं मिलता, 7/1

दिल से और खुशी-खुशी दान देना, 11/15

धर्म का चुनाव—मैं खुद करता हूँ या मेरे मम्मी-पापा? 9/15

पतियो, प्यार दिखाने में मसीह की मिसाल पर चलिए! 5/15

परमेश्‍वर की सेवा में व्यस्त और खुश, 12/15

प्यार की ‘सबसे बेहतरीन राह,’ 7/15

प्रचार में कैसे धीरज धरें? 3/15

बच्चों को अनुशासन देना, 4/1

यहोवा को मत भूलिए, 3/15

साइन लैंग्वेज में अनुवाद करते वक्‍त सिर ढकना? 11/15

साफ-सफाई ज़रूरी क्यों? 7/1

यहोवा

अनाथों का पिता, 10/1

अपने बारे में बताया, 10/1

इंसान के बजाय परमेश्‍वर का भय मानिए, 7/1

उपवास आपको परमेश्‍वर के और भी करीब लाता है? 10/1

न्याय से प्रेम करता है, 1/1

न्यायी जो हमेशा इंसाफ करता है, 7/1

“परमेश्‍वर का अनुकरण करो,” 1/1

परमेश्‍वर कौन है? 4/1

पृथ्वी को सिर्फ परमेश्‍वर बचा सकता है, 4/1

प्यार का सबसे बड़ा सबूत, 4/1

“मैं उसका दुःख अच्छी तरह जानता हूँ” (निर्ग 3:1-10), 7/1

यहोवा को मत भूलिए, 3/15

यीशु? 4/1

सिरजनहार हमारी महिमा के योग्य है, 1/1

हमारी सीमाएँ जानता है, 10/1

यहोवा के साक्षी

आपका बहुत-बहुत स्वागत है (सभाएँ), 7/1

क्या आप मकिदुनिया जा सकते हैं? 12/15

गिलियड ग्रेजुएशन, 2/15

छिपा खज़ाना हाथ लगा (एस्टोनिया), 8/15

छोटी लड़की मगर दिल बड़ा, 11/15

म्यानमार में तूफान, 7/1

बधिर भाई-बहनों की संगति का आनंद उठाइए, 11/15

‘यहोवा ने बधिरों पर अपने मुख का प्रकाश चमकाया है,’ 8/15

वहाँ सेवा करना, जहाँ प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है, 4/15, 12/15

सच्चाई का बीज दूर-दराज़ इलाकों में बोया गया (टूवा गणराज्य, रशिया), 7/15

यीशु मसीह

परमेश्‍वर? 2/1, 4/1

परमेश्‍वर कैसी प्रार्थनाएँ सुनता है, उसकी शिक्षाएँ, 4/1

यहोवा को “हे अब्बा, हे पिता” क्यों कहा? 10/1

वे काम जो उसने बढ़ई के तौर पर किए, 7/1

विविध

अपनी गलतियों से सीखा (योना), 4/1

“आमीन,” 10/1

आदम पाप कैसे कर सकता था? 1/1

एक बहादुर जवान (दाविद), 7/1

गर्भ में ही मर चुके बच्चे का पुनरुत्थान? 4/15

चंगाई, 10/1

‘चमत्कार से बीमारी ठीक करना’—क्या यह परमेश्‍वर की शक्‍ति से हो रहा है? 1/1

तकदीर, 7/1

दया दिखाना सीखा (योना), 10/1

दाऊद निडर क्यों था? 1/1

नरक से खौफ खाना? 1/1

नीतिवचन 24:27 से सबक, 10/15

पारिवारिक उपासना, 10/15

पेड़ “जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं,” 7/1

पौलुस का भाँजा, 10/1

बाइबल अध्ययन के लिए समय अलग रखिए, 10/15

बाइबल में बताया कोढ़, 7/1

बारिश, 4/1

मज़बूत विश्‍वास, 10/1

‘मज़बूती से जड़ पकड़कर नींव पर कायम,’ 10/15

मरे हुओं के लिए आशा, 1/1

मरे हुओं से डरना? 4/1

यहूदियों ने जो किया “अनजाने में किया” (प्रेषि 3:17), 6/15

“याशार नामक पुस्तक” और “यहोवा के संग्राम नाम पुस्तक,” 3/15

योआश, 10/1

योशिय्याह, 4/1

वह सब बातें “अपने मन में रखकर सोचती रही” (मरियम), 1/1

शैतान को स्वर्ग से कब खदेड़ा गया? 5/15

हर बात का एक वक्‍त होता है, 7/1

हमारा भविष्य लिख दिया गया है? 10/1