आज हमारा जोशीला नेता
आज हमारा जोशीला नेता
“वह जीत हासिल करता हुआ अपनी जीत पूरी करने निकला।”—प्रका. 6:2.
1, 2. (क) सन् 1914 से राजा के तौर पर बाइबल मसीह का वर्णन कैसे करती है? (ख) अपने सिंहासन पर बैठने के बाद मसीह ने क्या कदम उठाए हैं?
सन् 1914 में यीशु मसीह को यहोवा के मसीहाई राज का राजा बनाया गया। अपनी मन की आँखों से हम उसे आज किस रूप में देखते हैं? क्या हमारे सामने सोच में डूबे एक ऐसे राजा की तसवीर उभरती है जो अपने सिंहासन पर बैठा है और कभी-कभार ही अपनी मंडली पर नज़र डालता है? अगर हम इस तरह उसकी कल्पना करते हैं तो हमें अपनी राय बदलनी होगी। भजन और प्रकाशितवाक्य की किताबें उसका वर्णन एक घोड़े पर बैठे ताकतवर राजा के तौर पर करती हैं, जो “जीत हासिल करता हुआ अपनी जीत पूरी” करने निकला है और जो तब तक लड़ता रहेगा जब तक कि उसे “सफलता” नहीं मिल जाती।—प्रका. 6:2; भज. 2:6-9; 45:1-4.
2 मसीह ने जब राजा के तौर पर अपना काम शुरू किया, तब उसने “अजगर और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों” को हराकर अपनी पहली जीत हासिल की। प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल ने अपने स्वर्गदूतों को आदेश दिया और उनके साथ मिलकर शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को पवित्र स्वर्ग से खदेड़कर धरती पर फेंक दिया। (प्रका. 12:7-9) फिर यहोवा के ‘वाचा के दूत’ के तौर पर यीशु अपने पिता के साथ आध्यात्मिक मंदिर का मुआयना करने आया। (मला. 3:1) उसने ईसाईजगत का न्याय किया जो “महानगरी बैबिलोन” का सबसे घिनौना हिस्सा है, जो लोगों का खून बहाने और इस दुनिया के राजनेताओं के साथ व्यभिचार करने का दोषी पाया गया है।—प्रका. 18:2, 3, 24.
धरती के अपने सेवकों को शुद्ध करना
3, 4. (क) यहोवा के “दूत” के तौर पर मसीह ने क्या काम किया है? (ख) मंदिर के मुआयने से क्या ज़ाहिर हुआ और मंडली का मुखिया होने के नाते यीशु ने किसे नियुक्त किया है?
3 जब यहोवा और उसके “दूत” ने धरती पर आध्यात्मिक मंदिर का मुआयना किया, तो उन्होंने सच्चे मसीहियों का समूह पाया जो ईसाईजगत के गिरजों का हिस्सा नहीं थे। फिर भी इन अभिषिक्त मसीहियों या “लेवियों” का शुद्ध होना ज़रूरी था। इस बारे में मलाकी ने भविष्यवाणी की थी: “[यहोवा] रूपे का तानेवाला और शुद्ध करनेवाला बनेगा, और लेवियों को शुद्ध करेगा और उनको सोने रूपे की नाईं निर्मल करेगा, तब वे यहोवा की भेंट धर्म से चढ़ाएंगे।” (मला. 3:3) यहोवा ने अपने ‘वाचा के दूत,’ यीशु मसीह के ज़रिए इन आध्यात्मिक इसराएलियों को शुद्ध किया।
4 फिर भी मसीह ने देखा कि उसके वफादार अभिषिक्त मसीही जी-जान से अपने घराने को सही समय पर आध्यात्मिक भोजन देने में लगे हुए हैं। सन् 1879 से अच्छे-बुरे हर हालात में वे इस प्रहरीदुर्ग पत्रिका के ज़रिए परमेश्वर के राज के बारे में बाइबल की सच्चाई बताते आ रहे हैं। यीशु ने भविष्यवाणी की थी कि जब वह “दुनिया की व्यवस्था के आखिरी वक्त” पर अपने घर के कर्मचारियों का मुआयना करने ‘आएगा,’ तब वह अपने दास को “सही वक्त पर . . . खाना” देते हुए पाएगा। वह उस दास को सुखी कहेगा और उसे धरती पर “अपनी सारी संपत्ति पर अधिकारी” ठहराएगा। (मत्ती 24:3, 45-47) तो मंडली का मुखिया होने के नाते मसीह ने ‘विश्वासयोग्य और सूझ-बूझ से काम लेनेवाले दास’ को धरती पर राज के काम की देख-रेख करने के लिए ठहराया है। वह अपने “घर के कर्मचारियों” और उनकी साथी ‘दूसरी भेड़ों’ को शासी निकाय के ज़रिए निर्देशन देता है।—यूह. 10:16.
धरती पर कटनी
5. प्रेषित यूहन्ना ने दर्शन में राजा का कौन-सा काम देखा?
5 प्रेषित यूहन्ना ने दर्शन में देखा कि 1914 में सिंहासन पर बैठने के बाद, मसीहाई राजा “प्रभु के दिन” में कुछ और भी करेगा। यूहन्ना ने लिखा: “देखो मैंने देखा कि एक सफेद बादल था जिस पर इंसान के बेटे जैसा कोई बैठा है। उसके सिर पर सोने का ताज और उसके हाथ में तेज़ हँसिया है।” (प्रका. 1:10; 14:14) यूहन्ना ने यहोवा के एक स्वर्गदूत को किसान से यह कहते हुए सुना कि अपना हँसिया चला क्योंकि “धरती की फसल पूरी तरह पक चुकी है।”—प्रका. 14:15, 16.
6. यीशु के मुताबिक समय के बीतने पर क्या होता?
6 “धरती की फसल” से यीशु की वह मिसाल याद आती है जो उसने गेहूँ और जंगली पौधों के बारे में दी थी। यीशु ने अपनी तुलना बीज बोनेवाले से की, जो अपने खेत में यह सोचकर गेहूँ बोता है कि वह गेहूँ की अच्छी फसल काटेगा। यह फसल “राज के बेटे” यानी सच्चे मसीहियों को दर्शाता है जो यीशु के साथ राज करने के लिए अभिषिक्त किए गए हैं। लेकिन रात के अंधेरे में दुश्मन, “शैतान” खेत में जंगली पौधों के बीज बो देता है जो “दुष्ट के बेटे” को दर्शाते हैं। बीज बोनेवाला मज़दूरों को निर्देश देता है कि वे “व्यवस्था के आखिर” यानी कटनी तक गेहूँ और जंगली दानों को एकसाथ बढ़ने दें। और तब वह अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा जो गेहूँ को जंगली दानों से अलग करेंगे।—मत्ती 13:24-30, 36-41.
7. मसीह “धरती की फसल” की कटनी कैसे कर रहा है?
7 यूहन्ना को दिए गए दर्शन के मुताबिक यीशु पूरी दुनिया में कटाई का काम कर रहा है। “धरती की फसल” की कटनी का काम 1,44,000 के शेष जनों से शुरू हुआ, जो यीशु की मिसाल के “गेहूँ” या “राज के बेटे” हैं। खासकर पहले विश्व युद्ध के बाद से सच्चे और झूठे मसीहियों में अंतर साफ हो गया। इस वजह से “धरती की फसल” के दूसरे भाग यानी दूसरी भेड़ों को इकट्ठा किया जा सका। ये दूसरी भेड़ें “राज के बेटे” नहीं बल्कि “बड़ी भीड़” हैं जो राज के अधीन रहेंगी। उन्हें “सब राष्ट्रों और गोत्रों और जातियों और भाषाओं” से इकट्ठा किया गया है। उन्होंने खुद को मसीहाई राज के अधीन कर दिया है। यह राज यीशु मसीह और उन 1,44,000 ‘पवित्र लोगों’ से मिलकर बना है, जो स्वर्ग की सरकार में मसीह के साथ होंगे।—प्रका. 7:9, 10; दानि. 7:13, 14, 18.
मंडली की अगुवाई
8, 9. (क) किस बात से पता चलता है कि मसीह न सिर्फ संगठन के तौर पर पूरी मंडली के चालचलन पर बल्कि हरेक सदस्य के जीने के तरीके पर भी गौर करता है? (ख) जैसा कि पेज 26 पर दिखाया गया है, हमें “शैतान की” किन ‘गूढ़ बातों’ से दूर रहना चाहिए?
8 पिछले लेख में हमने देखा कि मसीह ने पहली सदी की एक-एक मंडली की आध्यात्मिक हालत पर किस तरह गौर किया। हमारे दिनों में राजा के तौर पर उसे “स्वर्ग में और धरती पर सारा अधिकार” दिया गया है इसलिए वह पूरी लगन से दुनिया की सारी मंडलियों और प्राचीनों की देख-रेख कर रहा है। (मत्ती 28:18; कुलु. 1:18) यहोवा ने उसे अभिषिक्त जनों की ‘मंडली की सब चीज़ों पर मुखिया ठहराया’ है। (इफि. 1:22) इसलिए पूरी दुनिया में यहोवा के साक्षियों की 1,00,000 से ज़्यादा मंडलियों में जो भी कुछ हो रहा है वह यीशु की नज़र से छिप नहीं सकता।
9 पुराने ज़माने की थुआतीरा मंडली को यीशु ने यह संदेश भेजा: “वह जो परमेश्वर का बेटा है, जिसकी आँखें आग की ज्वाला जैसी हैं, . . . कहता है, ‘मैं तेरे काम . . . जानता हूँ।’” (प्रका. 2:18, 19) उस मंडली के सदस्य अनैतिक कामों और खुद की इच्छा पूरी करने में डूबे हुए थे, उन्हें ताड़ना देते हुए यीशु ने कहा: “मैं वही हूँ जो गुरदों और दिलों को जाँचता है और मैं तुममें से हरेक को तुम्हारे कामों के हिसाब से बदला दूँगा।” (प्रका. 2:23) इस बात से पता चलता है कि मसीह न सिर्फ संगठन के तौर पर पूरी मंडली के चालचलन पर ध्यान देता है बल्कि वह हरेक सदस्य के जीने के तरीके पर भी गौर करता है। यीशु ने थुआतीरा मंडली के सदस्यों की तारीफ की जो ‘शैतान की गूढ़ बातों’ के बारे में “बिलकुल नहीं जानते” थे। (प्रका. 2:24) उसी तरह आज यीशु उन सभी जवानों और बुज़ुर्गों पर अपनी मंज़ूरी देता है जो इंटरनेट, मार-धाड़वाले वीडियो गेम्स या हर चीज़ को खुली छूट देने के रवैए से दूर रहते हैं, जो दरअसल “शैतान की गूढ़ बातें” हैं। जब यीशु देखता है कि उसके कई सेवक अपने जीवन की छोटी-बड़ी बातों में उसके निर्देश मानने के लिए पूरी कोशिश और त्याग करते हैं, तो उसे बहुत खुशी मिलती है!
10. मसीह के निर्देशन में चलनेवाले मंडली के प्राचीनों को कैसे दर्शाया गया है, लेकिन उन्हें मसीह के किस इंतज़ाम को कबूल करने की ज़रूरत है?
10 मसीह ने अपनी मंडलियों पर प्राचीन नियुक्त किए हैं, जिनके ज़रिए वह प्यार से अगुवाई करता है। (इफि. 4:8, 11, 12) पहली सदी में, सभी निगरान पवित्र शक्ति से अभिषिक्त थे। प्रकाशितवाक्य की किताब में उन्हें मसीह के दाएँ हाथ के तारे कहा गया है। (प्रका. 1:16, 20) आज ज़्यादातर प्राचीन दूसरी भेड़ों के वर्ग से हैं। उन्हें भी पवित्र शक्ति के मार्गदर्शन और प्रार्थना के बाद ही चुना जाता है, इसलिए कहा जा सकता है कि वे भी मसीह के निर्देशन के अधीन हैं। (प्रेषि. 20:28) लेकिन वे यह कबूल करते हैं कि मसीह शासी निकाय यानी अभिषिक्त पुरुषों के छोटे समूह की मदद से धरती पर अपने चेलों की अगुवाई करता और निर्देश देता है।—प्रेषितों 15:6, 28-30 पढ़िए।
“प्रभु यीशु, आ”
11. हम क्यों चाहते हैं कि हमारा अगुवा जल्द आए?
11 प्रेषित यूहन्ना को दिए दर्शन में, यीशु ने कई बार कहा कि वह जल्द ही आनेवाला है। (प्रका. 2:16; 3:11; 22:7, 20) इसमें शक नहीं कि वह महानगरी बैबिलोन और शैतान की दुष्ट व्यवस्था का न्याय करने के लिए आनेवाला था। (2 थिस्स. 1:7, 8) बुज़ुर्ग प्रेषित यूहन्ना इन सभी शानदार घटनाओं को पूरा होते देखने के लिए बेसब्र था इसलिए उसने कहा: “आमीन! प्रभु यीशु, आ।” आज हम इस दुष्ट व्यवस्था के अंतिम समय में जी रहे हैं और हम भी चाहते हैं कि हमारा अगुवा और राजा अपने अधिकार का इस्तेमाल करके अपने पिता का नाम पवित्र करे और उसकी हुकूमत बुलंद करे।
12. मसीह का कौन-सा काम पूरा हो जाने तक विनाश की हवाओं को रोका जाएगा?
12 इससे पहले कि यीशु धरती पर शैतान के संगठन का नाश करने आए, आत्मिक इसराएल के बचे हुए सदस्यों पर अंतिम मुहर लग चुकी होगी। बाइबल साफ-साफ बताती है कि शैतान की व्यवस्था पर विनाश की हवाओं को तब तक रोका जाएगा जब तक कि सभी 1,44,000 पर मुहर नहीं लग जाती।—प्रका. 7:1-4.
13. “महा-संकट” के पहले चरण में मसीह अपनी मौजूदगी कैसे ज़ाहिर करेगा?
13 सन् 1914 से मसीह की ‘मौजूदगी’ शुरू हुई मगर दुनिया के ज़्यादातर लोग इसे पहचान नहीं पाए हैं। (2 पत. 3:3, 4) लेकिन जल्द ही जब यीशु यहोवा की तरफ से शैतान की व्यवस्था के हर भाग का न्याय करेगा तब उसकी ‘मौजूदगी’ सब पर ज़ाहिर हो जाएगी। “दुराचारी पुरुष” या ईसाईजगत के पादरियों के विनाश के वक्त यीशु की “मौजूदगी” साफ “ज़ाहिर” होगी। (2 थिस्सलुनीकियों 2:3, 8 पढ़िए।) यह इस बात का ठोस सबूत होगा कि यहोवा के ठहराए न्यायी के तौर पर यीशु ने अपना काम शुरू कर दिया है। (2 तीमुथियुस 4:1 पढ़िए।) ईसाईजगत के विनाश के बाद महानगरी बैबिलोन, यानी झूठे धर्म के साम्राज्य के बाकी हिस्सों का भी सर्वनाश कर दिया जाएगा। यहोवा ही राजनेताओं के दिलों में उस वेश्या को तबाह करने की बात डालेगा। (प्रका. 17:15-18) और इसी से “महा-संकट” की शुरूआत होगी।—मत्ती 24:21.
14. (क) महा-संकट के पहले भाग के दिन क्यों घटाए जाएँगे? (ख) यहोवा के लोगों के लिए “इंसान के बेटे की निशानी” का क्या मतलब होगा?
14 यीशु ने कहा कि “चुने हुओं की खातिर” यानी धरती पर बचे हुए अभिषिक्त जनों की वजह से महा-संकट के दिन घटाए जाएँगे। (मत्ती 24:22) जब झूठे धर्मों का नाश करने के लिए हमला किया जाएगा, तब यहोवा अभिषिक्त जनों और उनकी साथी दूसरी भेड़ों की हिफाज़त करेगा। यीशु ने आगे कहा कि “उन दिनों के संकट के . . . बाद” सूरज, चाँद और तारों में निशानियाँ दिखायी देंगी “और इसके बाद इंसान के बेटे की निशानी आकाश में दिखायी देगी।” इसके कारण धरती की सारी जातियाँ “विलाप करती हुईं छाती पीटेंगी।” मगर स्वर्ग जाने की आशा रखनेवाले अभिषिक्त जन और धरती पर जीने की आशा रखनेवाले उनके साथी ऐसा नहीं करेंगे। वे ‘अपने सिर उठाकर सीधे खड़े होंगे, क्योंकि उनके छुटकारे का वक्त पास आ रहा होगा।’—मत्ती 24:29, 30; लूका 21:25-28.
15. जब मसीह धरती पर आएगा तब वह क्या करेगा?
15 अपनी जीत पूरी करने से पहले इंसान का बेटा एक और तरीके से आएगा। उसने भविष्यवाणी की: “जब इंसान का बेटा अपनी पूरी महिमा के साथ आएगा और सब स्वर्गदूत उसके साथ होंगे, तब वह अपनी शानदार राजगद्दी पर बैठेगा। और सब राष्ट्रों के लोग उसके सामने इकट्ठे किए जाएँगे। तब वह लोगों को एक-दूसरे से अलग करेगा, ठीक जैसे एक चरवाहा भेड़ों को बकरियों से अलग करता है। वह भेड़ों को अपनी दायीं तरफ मगर बकरियों को बायीं तरफ करेगा।” (मत्ती 25:31-33) यह इस बात को दर्शाता है कि मसीह एक न्यायी के तौर पर आएगा। वह “सब राष्ट्रों” के लोगों को दो वर्गों में बाँटेगा। एक को “भेड़ों” के वर्ग में, जिन्होंने उसके आध्यात्मिक भाइयों (धरती पर अभिषिक्त मसीह) के काम में पूरा-पूरा साथ दिया था। दूसरे को “बकरियों” के वर्ग में, “जो . . . हमारे प्रभु यीशु के बारे में खुशखबरी को नहीं मानते।” (2 थिस्स. 1:7, 8) भेड़ें जिन्हें “नेक जन” कहा गया है, उन्हें धरती पर “हमेशा की ज़िंदगी” मिलेगी, मगर बकरियों को “हमेशा के लिए नाश” किया जाएगा।—मत्ती 25:34, 40, 41, 45, 46.
यीशु अपनी जीत पूरी करता है
16. हमारे अगुवे मसीह की जीत कब पूरी होगी?
16 जब मसीह के सभी अभिषिक्त राजाओं पर मुहर लग जाएगी और उद्धार पाने के लिए उसकी भेड़ें उसकी दाहिनी ओर आ जाएँगी, तब वह “अपनी जीत पूरी करने” के लिए निकलेगा। (प्रका. 5:9, 10; 6:2) शक्तिशाली स्वर्गदूतों और दोबारा ज़िंदा किए अपने भाइयों की अगुवाई करते हुए यीशु इस धरती पर शैतान की सारी राजनैतिक, फौजी और व्यापारिक व्यवस्था का नाश कर देगा। (प्रका. 2:26, 27; 19:11-21) शैतान की दुष्ट व्यवस्था का नाश करने के बाद मसीह जीत हासिल कर लेगा। फिर वह शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को एक हज़ार साल के लिए अथाह-कुंड में डाल देगा।—प्रका. 20:1-3.
17. एक हज़ार साल की हुकूमत के दौरान मसीह दूसरी भेड़ों को किस राह पर ले जाएगा और हमें क्या ठान लेना चाहिए?
17 दूसरी भेड़ों की “बड़ी भीड़” जो महा-संकट से बचकर निकलेगी, उसके बारे में प्रेषित यूहन्ना ने भविष्यवाणी की कि “वह मेम्ना जो राजगद्दी के पास है, उन्हें चरवाहे की तरह जीवन के पानी के सोतों तक ले जाएगा।” (प्रका. 7:9, 17) जी हाँ, एक हज़ार साल की हुकूमत के दौरान मसीह उसकी आवाज़ सुननेवाली दूसरी भेड़ों की अगुवाई करता रहेगा और उन्हें अनंत जीवन की राह पर ले जाएगा। (यूहन्ना 10:16, 26-28 पढ़िए।) आइए, हम आज और यहोवा की वादा की गयी नयी दुनिया में भी वफादारी से अपने राजा और अगुवे मसीह के पीछे चलते रहें!
दोहराने के लिए
• मसीह ने राजा बनने के बाद क्या कदम उठाया?
• मसीह आज धरती पर किन लोगों की मदद से मंडलियों की अगुवाई कर रहा है?
• किन और तरीकों से हमारा अगुवा, मसीह आनेवाला है?
• नयी दुनिया में ले जाने के लिए मसीह कैसे हमारी अगुवाई करता रहेगा?
[अध्ययन के लिए सवाल]
[पेज 29 पर तसवीर]
मसीह जब शैतान की दुष्ट व्यवस्था का नाश करेगा तब उसकी मौजूदगी साफ ज़ाहिर होगी