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‘मैं इसकी मदद से उनके दिल तक पहुँच सका’

‘मैं इसकी मदद से उनके दिल तक पहुँच सका’

‘मैं इसकी मदद से उनके दिल तक पहुँच सका’

पोर्तू एलीग्रे—यह शहर दक्षिण ब्राज़ील में है। कुछ समय पहले वहाँ सामाजिक विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था। इस मौके पर 135 देशों से हज़ारों की तादाद में लोग आए थे। अंतराल के दौरान पोर्तू एलीग्रे मंडली से साक्षियों का एक समूह, कई लोगों के पास परमेश्‍वर के राज का संदेश सुनाने पहुँचा। अलग-अलग भाषा बोलनेवाले इन लोगों से वे कैसे बात कर पाए?

एलीज़ाबैटे नाम की एक पायनियर कहती है: “हमने सब जातियों के लोगों के लिए सुसमाचार पुस्तिका से उन्हें संदेश सुनाया।” फिर आगे कहती है: “सम्मेलन में आए बहुत-से लोगों ने पहले कभी राज की खुशखबरी नहीं सुनी थी, लेकिन उन्होंने हमारे संदेश में दिलचस्पी दिखायी। हमने बोलीविया, चीन, फ्राँस, भारत, इसराइल और नाईजीरिया से आए लोगों के साथ बात की। कुछ लोगों की भाषा में हमारे पास बाइबल के साहित्य थे, जिन्हें उन लोगों ने बड़ी खुशी से कबूल किया।”

मेक्सिको में राऊल नाम का पायनियर भी इस पुस्तिका का इस्तेमाल करता है जिसके उसे अच्छे नतीजे मिले हैं। कुछ समय पहले उसने 80 साल के एक आदमी से बात की जो अरब का रहनेवाला था। हाल ही में उसकी पत्नी की मौत हो गयी थी। जब उस आदमी ने पुस्तिका में राज संदेश पढ़ा तो वह खुशी से रो पड़ा। क्यों? क्योंकि प्रकाशितवाक्य 21:3, 4 में परमेश्‍वर ने वादा किया है कि मौत नहीं रहेगी। यह बात उसने अपनी अरबी भाषा में पढ़ी थी, जो उसका दिल छू गयी। एक बार मौका देखकर गवाही देते वक्‍त राऊल एक पुर्तगाली आदमी से मिला। इस आदमी ने भी अपने अज़ीज़ को खोया था। उसके बेटे की मौत हो गयी थी। राऊल ने पुर्तगाली भाषा में उसे सुसमाचार पुस्तिका से पढ़ने को कहा। पढ़ने के बाद उस आदमी ने बाइबल के बारे में और ज़्यादा जानने की इच्छा ज़ाहिर की और उसने बाइबल अध्ययन कबूल कर लिया।

राऊल ने सब जातियों के लोगों के लिए सुसमाचार पुस्तिका का इस्तेमाल आर्मीनियन, चीनी, अँग्रेज़ी, फ्रेंच, जर्मन, हिंदी, कोरियन, मिक्से, फारसी, रशियन, और ज़ापटेक भाषा बोलनेवाले लोगों को गवाही देने के लिए किया है। वह कहता है: “मैंने अपनी प्रचार सेवा में इस पुस्तिका की अहमियत को बखूबी जाना है। मैं इसकी मदद से उनके दिल तक भी पहुँच सका, जिनकी भाषा मुझे नहीं आती।”

पहले से कहीं ज़्यादा आज लोग सफर करते और दूसरे देशों में रहते हैं। इसकी वजह से हमें प्रचार में अलग-अलग भाषा के लोग मिलते हैं। अगर हमारे पास सब जातियों के लोगों के लिए सुसमाचार पुस्तिका हो तो हम उन सबके साथ खुशखबरी बाँट सकेंगे। क्या आप इसे अपने साथ रखते हैं?

[पेज 32 पर तसवीरें]

राऊल पुस्तिका के साथ, जिसकी मदद से वह लोगों के दिल तक पहुँच पाता है