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घाटी में उसके नाम का ऐलान

घाटी में उसके नाम का ऐलान

घाटी में उसके नाम का ऐलान

क्या आपने सेंट मोरिस का नाम सुना है? यह स्विट्‌ज़रलैंड की एंगडीन घाटी में स्थित एक बहुत मशहूर रिसोर्ट (होटल) है, जहाँ लोग छुट्टियाँ मनाने आते हैं। स्विट्‌ज़रलैंड के दक्षिण-पूर्व में इटली की सरहद के पास, बर्फ से ढके ऐल्प्‌स पहाड़ों के बीच बसी इस सुंदर एंगडीन घाटी में बहुत-सी खूबसूरत जगह हैं। इनमें से एक है, सेंट मोरिस। बरसों से इस जगह ने लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। यहाँ पर स्विस राष्ट्रीय उद्यान भी है, जहाँ प्रकृति अपनी छटा बिखेरती है और अनगिनत रंग-बिरंगे फूल, पेड़-पौधे और जानवर हमारे महान सृष्टिकर्ता यहोवा की महिमा करते हैं। (भज. 148:7-10) इनके अलावा 17वीं सदी के कुछ रीति-रिवाज़ों के अवशेष भी यहोवा की महिमा करते हैं।

इस घाटी में कई घरों पर एक अनोखी तरह की कारीगरी की गयी है, जो हमारा ध्यान खींच लेती है। मिसाल के लिए, घर के बाहर अकसर दरवाज़े के ऊपर परमेश्‍वर का नाम लिखा हुआ दिखायी देगा। सदियों पहले यहाँ घर की बाहरी दीवारों को इस नाम से सजाने की प्रथा थी। वे दीवार पर यह नाम रंग देते या पलस्तर पर लिख देते या फिर पत्थर पर खोद देते थे। नीचे बीवर गाँव के एक घर की तसवीर दी गयी है। यहाँ खुदे हुए अक्षरों का मतलब है: “सन्‌ 1715 में। यहोवा ही शुरूआत है और यहोवा ही अंत। सारी चीज़ें परमेश्‍वर के करम से ही आयी हैं, बिना उसके कुछ नहीं।” जी हाँ, इस पुरानी खुदाई में यहोवा के नाम का दो बार ज़िक्र किया गया है।

आप यहाँ के मॉडूलाइन गाँव में इससे भी पुराना शिलालेख देख सकते हैं, जिस पर लिखा है: “भजन 127. अगर घर को यहोवा न बनाए, तो उसके बनानेवालों की मेहनत बेकार हो जाएगी। लूक्युस रूमेडइस। सन्‌ 1654.”

एंगडीन घाटी में हमें क्यों हर कहीं परमेश्‍वर का नाम देखने को मिलता है? धर्म-सुधार आंदोलन के युग में यहाँ की भाषा रोमांश में बाइबल छापी गयी थी, जो लैटिन भाषा पर आधारित है। बाइबल ही वह पहली किताब थी, जिसका अनुवाद उनकी भाषा में किया गया था। परमेश्‍वर के वचन में उन्होंने जो पढ़ा उससे वे लोग इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने घरों के दरवाज़ों के ऊपर अपने नाम के साथ-साथ बाइबल की कुछ आयतें लिखवायीं, जिनमें परमेश्‍वर का नाम भी शामिल था।

जी हाँ, सदियों पहले घरों के बाहर लिखे गए ये शब्द आज भी यहोवा के नाम का ऐलान और उसकी महिमा कर रहे हैं। इस घाटी में आनेवाले लोग और यहाँ के निवासियों को हम एक और इमारत का दौरा करने का न्यौता देते हैं, जिस पर परमेश्‍वर यहोवा का नाम अंकित है। वह इमारत है, बीवर गाँव में यहोवा के साक्षियों का राज-घर, जहाँ आप इस बेमिसाल परमेश्‍वर के बारे में और ज़्यादा सीख सकते हैं।

[पेज 7 पर चित्र का श्रेय]

© Stähli Rolf A/age fotostock