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2011 प्रहरीदुर्ग की विषय-सूची

2011 प्रहरीदुर्ग की विषय-सूची

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जिस अंक में लेख आया है, उसकी तारीख दी गयी है

अध्ययन लेख

“अपनी समझ का सहारा न लेना,” 11/15

अविवाहित और शादीशुदा लोगों के लिए बुद्धि-भरी सलाह, 10/15

अविवाहित हालात का पूरा-पूरा फायदा उठाइए, 1/15

आपकी ज़िंदगी में किस व्यक्‍ति की अहमियत सबसे ज़्यादा है? 5/15

उन्हें मसीहा मिल गया! 8/15

उन्होंने मसीहा के आने की आस लगायी, 8/15

उसके अच्छे और बुरे उदाहरण से सीखिए, 12/15

ऐसे फैसले लीजिए जिनसे परमेश्‍वर की महिमा हो, 4/15

क्या आप दुराचार से नफरत करते हैं? 2/15

क्या आप पवित्र शक्‍ति के निर्देशन में चलते हैं? 4/15

क्या आप यहोवा की साफ चेतावनियों पर ध्यान देंगे? 7/15

क्या आप यहोवा के प्यार-भरे मार्गदर्शन के मुताबिक चलेंगे? 7/15

क्या आप यहोवा को अपना भाग बना रहे हैं? 9/15

क्या आपका मनोरंजन सही है? 10/15

क्या यहोवा आपको जानता है? 9/15

खुशखबरी—जिसे जानना सबके लिए ज़रूरी है, 6/15

जीवन और शांति पाने के लिए पवित्र शक्‍ति के मुताबिक चलिए, 11/15

जैसे-जैसे अंत नज़दीक आ रहा है, यहोवा पर भरोसा रखिए, 3/15

“तुम्हारे बीच जो कड़ी मेहनत करते हैं . . . उनकी कदर करो,” 6/15

तैयार रहने का सबूत दीजिए! 3/15

दुष्ट संसार में “मुसाफिर,” 11/15

“दौड़ो कि इनाम पा सको,” 9/15

धीरज से दौड़ते रहिए, 9/15

परमेश्‍वर का विश्राम—इसका मतलब क्या है? 7/15

परमेश्‍वर का विश्राम—क्या आप उसमें दाखिल हुए हैं? 7/15

परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति के मार्गदर्शन में क्यों चलें? 12/15

परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति पाइए, न कि दुनिया की फितरत, 3/15

परमेश्‍वर की मंज़ूरी पाने से हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी, 2/15

“परमेश्‍वर के झुंड की, जो तुम्हारी देख-रेख में है, चरवाहों की तरह देखभाल करो,” 6/15

परमेश्‍वर ने अपने प्यार की अच्छाई हम पर ज़ाहिर की है, 6/15

‘पवित्र शक्‍ति के फल’ से परमेश्‍वर की महिमा होती है, 4/15

पहली सदी और आज पवित्र शक्‍ति के मार्गदर्शन में चलना, 12/15

पुराने ज़माने के वफादार सेवक परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति के मार्गदर्शन में चले, 12/15

पुरुषों को आध्यात्मिक तरक्की करने में मदद दीजिए, 11/15

पूरी गंभीरता के साथ यहोवा की सेवा करना, 4/15

पूरे दिल से धार्मिकता से प्यार कीजिए, 2/15

प्रलोभन और निराशा का सामना करने के लिए ताकत से भरपूर, 1/15

भाइयों को मंडली में ज़िम्मेदारी उठाने के लिए प्रशिक्षण दीजिए, 11/15

मसीही परिवारो—‘जागते रहो,’ 5/15

मसीही परिवारो—“तैयार रहो,” 5/15

‘यहोवा के नाम में शरण लो,’ 1/15

यहोवा पर पूरा भरोसा रखने से हिम्मत बढ़ती है, 5/15

यहोवा पर भरोसा रखिए, जो “हर तरह का दिलासा देनेवाला परमेश्‍वर है,” 10/15

यहोवा मेरा भाग है, 9/15

यहोवा—“शांति देनेवाला परमेश्‍वर,” 8/15

यिर्मयाह की तरह जागते रहिए, 3/15

‘वाह! परमेश्‍वर की बुद्धि क्या ही अथाह है!’ (रोमि 11), 5/15

शांति बनाए रखो, 8/15

शादी परमेश्‍वर का तोहफा है, इसकी कदर कीजिए, 1/15

सब दुखी मनवालों को दिलासा दो, 10/15

सृष्टि में परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति का हाथ, 2/15

हर परीक्षा पार करने के लिए ताकत से भरपूर, 1/15

जीवन कहानियाँ

“अपाहिज हूँ, मगर हमेशा के लिए नहीं!” (एस. वान दर मॉन्ड), 11/15

‘कमाल के निगरान, प्यारे दोस्त’ (जे. बार), 5/15

परीक्षाओं में यहोवा की सेवा (एम. डी यॉन्ग-वॉन डेन हॉवल), 1/15

पहले मौत का खौफ—अब ‘बहुतायत में जीवन’ की आस (पी. गॉट्टी), 7/15

फेरबदल करने से आशीषें मिलीं (जे. थॉम्पसन), 12/15

बहुत-सी अच्छी चीज़ें पायीं (ए. बोनो), 4/15

बाइबल पढ़ाई से जीवन-भर हिम्मत (एम. लरवा), 9/15

यहोवा की सेवा से मुझे खुशी मिली (एफ. रस्क), 10/15

बाइबल

नौजवानों के लिए, 1/1

परमेश्‍वर के वचन से खुशी? 5/15

मसीही जीवन और गुण

अकेले बच्चों की परवरिश करनेवालों का लिहाज़, 4/1

‘अपना मार्ग सफल बनाइए,’ 6/15

अपने बच्चों को सिखाइए, 4/1, 10/1

आशीषों की कदर, 2/15

इंटरनेट का इस्तेमाल, 8/15

किशोर बच्चों का बपतिस्मा? 6/15

“जागते रहो,” 10/15

झूठी दलीलों से खुद को धोखा मत दीजिए, 3/15

नन्हा मेहमान, शादी में लाए बदलाव, 10/1

परमेश्‍वर के मार्गदर्शन का सबूत पहचानिए, 4/15

पारिवारिक उपासना, 8/15

पीनहास की तरह चुनौतियों का सामना, 9/15

बच्चों को आदर से पेश आना सिखाइए, 2/15

बच्चों में नैतिक स्तर, 7/1

बाइबल पर सवाल, समस्या के लिए सलाह? 10/15

बीमार दोस्त की मदद, 1/1

बीमारी आपकी खुशी छीनने न पाए, 12/15

बुरी भावनाओं से लड़ना, 4/1

बेईमान दुनिया में ईमानदारी, 4/15

‘मानना तो बली चढ़ाने से उत्तम है,’ 2/15

मिलकर खुशियाँ मनाएँ! 10/15

मेहनत रंग लाएगी! (पारिवारिक उपासना), 2/15

यहोवा ने आपके लिए जो किया है उसके बारे में सोचिए, 1/15

शादी का पहला साल, 1/1

शादी कैसे अटूट रह सकती है? 7/1

संगी भाइयों को मत छोड़िए, 3/15

संतोष के राज़, 4/1

सेक्स के बारे में अपने बच्चों से बात कीजिए, 4/1

यहोवा

कोई संगठन है? 10/1

घाटी में नाम (स्विट्‌ज़रलैंड), 1/15

जानने का एक जैसा मौका? 4/1

पता था आदम और हव्वा पाप करेंगे? 7/1

परमेश्‍वर का नाम जानना? 1/1

परमेश्‍वर के करीब आइए, 1/1, 4/1, 7/1, 10/1

परमेश्‍वर कौन है? 7/1

पृथ्वी के लिए मकसद, 10/1

बुराई, दुख-तकलीफें क्यों रहने दीं? 10/1

यहोवा से क्यों सीखें? 7/1

शैतान को बनाया? 7/1

यहोवा के साक्षी

कानूनी संघर्ष के बाद जीत! (रूस), 7/15

खुश होने की वजह (संगठन), 3/15

चंगाई का काम, 4/1

‘दान करने का सम्मान’, 11/15

सरल अँग्रेज़ी संस्करण (प्रहरीदुर्ग पत्रिका), 7/15

सालाना रिपोर्ट में दिए आँकड़े, 8/15

सालाना सभा, 8/15

यीशु मसीह

कहाँ से आया; कैसे जिया; क्यों जान दी, 10/1

मसीहा के बारे में कितनी भविष्यवाणियाँ? 8/15

यीशु मसीह कौन है? 7/1

सिद्ध नेता, मसीह के पीछे चलना, 5/15

सूली पर चढ़ाने की सज़ा का सही वक्‍त, 11/15

स्वर्गदूतों के बारे में शिक्षाएँ, 4/1

विविध

अब्राहम के पास अपने ऊँट थे? 6/15

उसने दिल खोलकर प्रार्थना की (हन्‍ना), 1/1

‘खर्रे, चर्मपत्र लेते आना,’ 6/15

‘जीत का जुलूस’ (2 कुरिं. 2:14-16), 4/15

जुआ खेलना, 7/1

निराशाओं के बावजूद धीरज रखा (शमूएल), 7/1

पूरी दुनिया में प्रचार करना और सिखाना, 8/15

प्रेषितों को लाठियाँ लेकर और जूते पहनकर प्रचार करना था, 3/15

फिरदौस कहाँ? 3/15

फिरदौस में जिंदगी उबाऊ? 10/1

मंदिर में पैसा बदलनेवाले सौदागरों की ज़रूरत क्यों? 12/15

मरे हुओं के लिए आशा, 10/1

“मैंने विश्‍वास किया है” (मारथा), 10/1

“यहोवा के संग . . . बढ़ता गया” (शमूएल), 4/1

येहू, सच्ची उपासना का हिमायती, 11/15

लोग बुरे काम क्यों करते हैं, 1/1

हारून के बेटों से मूसा नाराज़ क्यों (लैव्य 10:16-20), 2/15