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“क्या आप हमारी फोटो खींच सकते हैं?”

“क्या आप हमारी फोटो खींच सकते हैं?”

“क्या आप हमारी फोटो खींच सकते हैं?”

यह मेक्सिको की बात है। वहाँ के बेथेल में सेवा करनेवाला होस्वे नाम का एक भाई, ज़िला अधिवेशन के दूसरे दिन, अपने दोस्तों के साथ केरेटारो शहर में सैर के लिए गया। वहाँ कोलम्बिया से आए एक दंपत्ति, काव्येर और मारू ने उससे उनकी फोटो खींचने की गुज़ारिश की। उन्होंने भाई और उसके दोस्तों के सलीकेदार कपड़े और अधिवेशन का बैज कार्ड देखकर उनसे पूछा कि क्या वे किसी ग्रेजुएशन से या किसी और समारोह से आ रहे हैं। होस्वे ने बताया कि वे यहोवा के साक्षियों के अधिवेशन के लिए आए हैं। इसके बाद, उसने उन्हें रविवार को अधिवेशन में आने का न्यौता दिया।

लेकिन उस दंपत्ति ने कहा कि उनके पास ऐसे मौके के लिए ढंग के कपड़े नहीं हैं, इसलिए उन्हें अधिवेशन आने में बड़ी हिचक महसूस होगी। इस पर होस्वे ने उन्हें अपना नाम और शाखा दफ्तर का टेलिफोन नंबर दे दिया।

होस्वे को बड़ी हैरानी हुई जब चार महीने बाद उसे काव्येर का फोन आया। काव्येर ने बताया कि वे उस अधिवेशन में गए थे। अब वे चाहते थे कि मेक्सिको सिटी में, जहाँ वे उस वक्‍त रह रहे थे, कोई यहोवा का साक्षी उनके साथ अध्ययन करे। काव्येर और मारू के साथ तुरंत बाइबल अध्ययन शुरू किया गया और जल्द ही वे सभाओं में भी जाने लगे। दस महीने बाद वे प्रचारक बन गए। बाद में उन्हें कनाडा के टोरॉन्टो शहर जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने आध्यात्मिक तरक्की जारी रखी और बपतिस्मा ले लिया।

कुछ समय बाद, होस्वे को काव्येर से एक खत मिला, जिसमें उसने बताया कि किस बात ने उसे सच्चाई कबूल करने में मदद दी थी। काव्येर ने लिखा: “अधिवेशन में जाने से पहले, मैं और मेरी पत्नी बात कर रहे थे कि हमें परमेश्‍वर के मार्गदर्शन की ज़रूरत है। जब हमने आप लोगों को सलीकेदार कपड़े पहने देखा, तो हमें लगा कि आप ज़रूर किसी खास समारोह से आए होंगे। हम अधिवेशन गए तो वहाँ हमें प्यार से बैठने के लिए जगह दी गयी। जब बाइबल के वचन पढ़े जा रहे थे, तो किसी ने हमें अपनी बाइबल दिखायी। सबका व्यवहार बहुत अच्छा था। इन बातों का हम पर गहरा असर हुआ। हालाँकि हम सैर-सपाटेवाले कपड़ों में थे, मगर किसी ने इस बात का बुरा नहीं माना।”

होस्वे के मामले में बुद्धिमान राजा सुलैमान के शब्द कितने सच साबित हुए! उसने लिखा: “भोर को अपना बीज बो, और सांझ को भी अपना हाथ न रोक; क्योंकि तू नहीं जानता कि कौन सुफल होगा, यह या वह, वा दोनों के दोनों अच्छे निकलेंगे।” (सभो. 11:6) क्या आप भी लोगों को आनेवाले अधिवेशन या जन-भाषण का न्यौता देकर बीज बो सकते हैं? काव्येर और मारू की तरह बहुत-से लोग, परमेश्‍वर के मार्गदर्शन के भूखे-प्यासे हैं। हो सकता है कि उन्हें सच्चाई की ओर आकर्षित करने के लिए यहोवा आपको एक ज़रिया बनाए।—यशा. 55:1.

[पेज 32 पर तसवीर]

बाएँ से दाएँ: आलेहान्द्रो वोगलिन, मारू पेनेडा, आलेहान्द्रो पेनेडा, काव्येर पेनेडा और होस्वे रामेरेज़, मेक्सिको के शाखा दफ्तर में