प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण सितंबर 2014

इस अंक में 27 अक्टूबर—30 नवंबर, 2014 के अध्ययन लेख दिए गए हैं।

क्या आपको यकीन है कि आपके पास सच्चाई है? क्यों?

इस लेख में कुछ वजहों पर चर्चा की जाएगी कि क्यों कई लोग कबूल करते हैं कि यहोवा के साक्षियों के पास सच्चाई है। हम उन वजहों पर भी गौर करेंगे कि क्यों खुद साक्षियों को यकीन है कि उनके पास सच्चाई है।

‘बहुत तकलीफों’ के बावजूद वफादारी से परमेश्‍वर की सेवा कीजिए

शैतान की दुनिया में रहने की वजह से हम सभी तकलीफों का सामना करते हैं। शैतान किन तरीकों से हमला करता है? हम उनका सामना करने के लिए कैसे तैयारी कर सकते हैं?

माता-पिताओ—अपने बच्चों की चरवाही कीजिए

माता-पिताओं को यह ज़िम्मेदारी दी गयी है कि वे अपने बच्चों को “यहोवा की तरफ से आनेवाला अनुशासन देते हुए और उसी की सोच के मुताबिक उनके मन को ढालते हुए” उनकी परवरिश करें। (इफिसियों 6:4) इस लेख में तीन तरीकों पर चर्चा की गयी है, जिनके ज़रिए माता-पिता अपने बच्चों की चरवाही कर सकते हैं और उन्हें यहोवा से प्यार करने में मदद दे सकते हैं।

आपने पूछा

भजन 37:25 और मत्ती 6:33 में बाइबल जो कहती है, क्या उसका यह मतलब है कि यहोवा कभी किसी मसीही को भूखे पेट नहीं रहने देगा?

सबसे आखिरी दुश्‍मन, मौत को मिटा दिया जाएगा

मौत और मौत का कारण बननेवाली सभी चीज़ें इंसानों को बहुत दुख पहुँचाती हैं। लोग क्यों मरते हैं? ‘सब से आखिरी दुश्‍मन, मौत’ को कैसे ‘मिटाया जाएगा’? (1 कुरिंथियों 15:26) जानिए कि कैसे इन सवालों के जवाबों से यहोवा का न्याय, उसकी बुद्धि और सबसे बढ़कर उसका प्यार झलकता है।

पूरे समय की सेवा करनेवालों की मदद कीजिए

यहोवा के कई उपासक पूरे समय की सेवा में कड़ी मेहनत करते हैं। हम उनके ‘विश्‍वास के कामों’ और “प्यार से [की जानेवाली] कड़ी मेहनत” को कैसे याद कर सकते हैं और कैसे उनकी कदर कर सकते हैं?—1 थिस्सलुनीकियों 1:3.