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पूरे समय की सेवा करनेवालों की मदद कीजिए

पूरे समय की सेवा करनेवालों की मदद कीजिए

“हम . . . हर वक्‍त तुम्हें याद करते हैं कि किस तरह तुमने विश्‍वास के काम किए और प्यार से कड़ी मेहनत की।”—1 थिस्स. 1:3.

1. पौलुस उन भाई-बहनों के बारे में कैसा महसूस करता था, जो खुशखबरी का प्रचार करने में कड़ी मेहनत करते थे?

 प्रेषित पौलुस उन भाई-बहनों को याद करता था, या उनकी कदर करता था, जो खुशखबरी का प्रचार करने में कड़ी मेहनत करते थे। उसने लिखा: “हम अपने पिता और परमेश्‍वर के सामने हर वक्‍त तुम्हें याद करते हैं कि किस तरह तुमने विश्‍वास के काम किए और प्यार से कड़ी मेहनत की। और यह भी नहीं भूलते कि हमारे प्रभु यीशु मसीह पर आशा रखने की वजह से किस तरह तुमने धीरज धरा है।” (1 थिस्स. 1:3) बेशक, खुद यहोवा भी अपने सेवकों की प्यार से की गयी कड़ी मेहनत को याद रखता है, या उसकी कदर करता है, फिर चाहे वे अपने हालात के मुताबिक ज़्यादा कर पाएँ या कम।—इब्रा. 6:10.

2. हम इस लेख में किस बारे में चर्चा करेंगे?

2 बीते ज़माने में और आज भी, मसीहियों ने यहोवा की सेवा में ज़्यादा करने के लिए बहुत-से त्याग किए हैं। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि पहली सदी में कुछ भाई-बहनों ने किस तरह यहोवा की सेवा में अपना भरसक किया था। हम यह भी देखेंगे कि आज पूरे समय के सेवक क्या-क्या कर रहे हैं और हम उनकी मदद कैसे कर सकते हैं।

पहली सदी के मसीही

3, 4. (क) पहली सदी में भाई-बहनों ने किन तरीकों से यहोवा की सेवा की? (ख) वे अपना गुज़ारा कैसे चलाते थे?

3 अपने बपतिस्मे के कुछ ही वक्‍त बाद, यीशु ने राज का प्रचार करना शुरू किया और दूसरों को भी प्रचार करना सिखाया। (लूका 3:21-23; 4:14, 15, 43) यीशु की मौत के बाद, उसके प्रेषितों ने प्रचार काम की अगुवाई की और यह काम फैलता गया। (प्रेषि. 5:42; 6:7) कुछ मसीहियों ने मिशनरी के तौर पर सेवा की। मिसाल के लिए, फिलिप्पुस ने पैलिस्टाइन के अलग-अलग इलाकों में प्रचार किया। (प्रेषि. 8:5, 40; 21:8) एक और मिशनरी, पौलुस ने कई देशों में खुशखबरी का प्रचार किया। (प्रेषि. 13:2-4; 14:26; 2 कुरिं. 1:19) दूसरों ने, जैसे मरकुस, लूका और सिलवानुस (सीलास) ने बाइबल की किताबें लिखीं या फिर बाइबल लेखकों के सहायक के तौर पर काम किया। (1 पत. 5:12) कई बहनों ने इन भाइयों के काम में उनका हाथ बँटाया। (प्रेषि. 18:26; रोमि. 16:1, 2) मसीही यूनानी शास्त्र में हम इन भाई-बहनों के रोमांचक अनुभवों के बारे में पढ़ सकते हैं। ये वाकए हमें याद दिलाते हैं कि यहोवा अपने सेवकों के काम की कदर करता है और उनकी ज़रूरतें पूरी करता है।

4 पहली सदी के ये प्रचारक अपना गुज़ारा कैसे चलाते थे? वे कभी दूसरों से मदद की उम्मीद नहीं करते थे। इसलिए वे प्रचार करने के अलावा, अपना गुज़ारा चलाने के लिए कभी-कभी कुछ घंटे काम भी किया करते थे। (1 कुरिं. 9:11-15) मगर हाँ, जब भाई-बहन उनकी मदद करने के लिए आगे आते, तो वे उनकी मदद कबूल ज़रूर करते थे। भाई-बहन उन्हें खाने पर बुलाते थे, उन्हें रहने के लिए जगह देते थे, या दूसरे तरीकों से उनकी मदद करते थे। निजी तौर पर और मंडली के तौर पर, भाई-बहन उनकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।प्रेषितों 16:14, 15; फिलिप्पियों 4:15-18 पढ़िए।

आज के ज़माने में पूरे समय के सेवक

5. एक शादीशुदा जोड़े ने पूरे समय की सेवा में अपनी ज़िंदगी के बारे में क्या कहा?

5 आज भी बहुत-से भाई-बहन अलग-अलग तरह से पूरे समय की सेवा करते हैं। (बक्स “अलग-अलग तरह की पूरे समय की सेवा” देखिए।) उन्होंने जो ज़िंदगी चुनी है, उसके बारे में वे कैसा महसूस करते हैं? अगर आप यह सवाल अपने कुछ भाई-बहनों से पूछें, तो आपका हौसला बढ़ेगा। एक भाई पायनियर, खास पायनियर और मिशनरी के तौर पर सेवा कर चुका है, और अब वह विदेश में बेथेल परिवार का एक सदस्य है। वह कहता है: “मुझे लगता है कि मैंने अपनी ज़िंदगी में जो सबसे बेहतरीन फैसले किए हैं, उनमें से एक था पूरे समय की सेवा शुरू करना। अठारह साल की उम्र में, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं यूनिवर्सिटी से तालीम लूँ, पूरे समय की नौकरी करूँ या पायनियर सेवा करूँ। मैं अपने तजुरबे से कह सकता हूँ कि पूरे समय की सेवा करने के लिए आप जो भी त्याग करते हैं, उन्हें यहोवा कभी नहीं भूलता। यहोवा से मिले हुनर और काबिलीयतों का मैं ऐसे-ऐसे तरीकों से इस्तेमाल कर पाया हूँ, जो इस दुनिया में करियर बनाकर मैं कभी भी नहीं कर पाता।” इस भाई की पत्नी कहती है: “यहोवा की सेवा में मिली हर ज़िम्मेदारी ने मुझे तरक्की करते जाने में मदद दी है। हमने कई बार अलग-अलग तरीकों से यहोवा की हिफाज़त और मार्गदर्शन का अनुभव किया है। लेकिन अगर हम आराम की ज़िंदगी जी रहे होते, तो हम कभी उस हिफाज़त और मार्गदर्शन का अनुभव नहीं कर पाते। मैं हर दिन यहोवा का शुक्रिया अदा करती हूँ कि हमें पूरे समय की सेवा में अपनी ज़िंदगी बिताने का मौका मिला है।” क्या आप भी ऐसा ही महसूस करना चाहते हैं?

6. यहोवा हमारी सेवा के बारे में कैसा महसूस करता है?

6 बेशक, आज कई भाई-बहन ऐसे हैं जो पूरे समय की सेवा नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन हाँ, उनसे जितना हो पाता है, वे यहोवा की सेवा में करते हैं। और हम जानते हैं कि यहोवा उनकी सेवा की कदर करता है। मिसाल के लिए, फिलेमोन 1-3 में पौलुस ने कुलुस्से की मंडली के सभी भाई-बहनों को याद किया और उनमें से कुछ भाई-बहनों का नाम लेकर उनका ज़िक्र भी किया। (पढ़िए।) न सिर्फ पौलुस ने, बल्कि यहोवा ने भी उन भाई-बहनों की मेहनत की कदर की। वह आपकी मेहनत की भी कदर करता है। लेकिन आप पूरे समय के सेवकों की मदद करने के लिए क्या कर सकते हैं?

पायनियरों की मदद करने के कुछ तरीके

7, 8. (क) पायनियर सेवा में क्या शामिल है? (ख) दूसरे भाई-बहन पायनियरों की मदद कैसे कर सकते हैं?

7 पहली सदी के जोशीले प्रचारकों की तरह, आज पायनियर मंडली का बहुत हौसला बढ़ाते हैं। उनमें से कई हर महीने प्रचार में करीब 70 घंटे बिताते हैं। आप उनकी मदद कैसे कर सकते हैं?

8 शारी नाम की एक पायनियर बहन ने कहा: “पायनियर हर दिन प्रचार के लिए निकलते हैं, इसलिए ऐसा लगता है कि वे बहुत मज़बूत हैं। लेकिन उन्हें भी हौसला-अफज़ाई की ज़रूरत होती है।” (रोमि. 1:11, 12) कई साल तक पायनियर सेवा कर चुकी एक और बहन ने अपनी मंडली के पायनियरों के बारे में कहा: “वे बिना थके कड़ी मेहनत करते रहते हैं। जब दूसरे उन्हें अपनी गाड़ी में प्रचार के लिए ले जाते हैं, उन्हें खाने पर बुलाते हैं, उन्हें पेट्रोल के लिए कुछ पैसे देते हैं, या किसी और तरह से आर्थिक मदद देते हैं, तो वे इसके लिए बहुत शुक्रगुज़ार होते हैं। इससे उन्हें एहसास होता है कि आप सचमुच उनकी परवाह करते हैं।”

9, 10. कुछ भाई-बहनों ने पायनियरों की मदद करने के लिए क्या किया है?

9 प्रचार में पायनियरों के साथ काम करके भी हम उनकी मदद कर सकते हैं। दो पायनियर बहनों ने कहा कि वे चाहती हैं कि हफ्ते के दौरान और दोपहर के समय उनके साथ प्रचार में काम करने के लिए और भी भाई-बहन आगे आएँ। ब्रुकलिन बेथेल में सेवा कर रही एक बहन बताती है कि जब वह पायनियर थी, तब भाई-बहनों ने कैसे उसकी मदद की थी। वह कहती है: “एक बार एक बहन ने, जिसके पास गाड़ी थी, मुझसे कहा: ‘जब कभी तुम्हें प्रचार में जाने के लिए कोई साथी न मिले, तो बस मुझे एक फोन कर देना। मैं तुम्हारे साथ चलूँगी।’ सच, उस बहन ने मेरी पायनियर सेवा बचा ली।” शारी बताती है कि प्रचार के बाद, अविवाहित पायनियर भाई-बहन अकसर अकेले पड़ जाते हैं। वह कहती है कि भाई-बहन उन्हें समय-समय पर अपनी पारिवारिक उपासना में या दूसरे कामों में शामिल कर सकते हैं। इससे उनका हौसला बढ़ेगा।

10 लगभग 50 साल से पूरे समय की सेवा कर रही एक बहन बताती है कि किस तरह उसे और दूसरी अविवाहित बहनों को मदद दी गयी थी: “हमारे प्राचीन हर दो-तीन महीनों में एक बार पायनियरों से मिलने आते थे। वे हमारी सेहत और नौकरी के बारे में पूछते थे। वे पूछते थे कि हमें कोई परेशानी तो नहीं है। उन्हें सच में हमारी खैरियत की परवाह थी। वे हमारे घर आते थे, ताकि वे यह देख सकें कि हमें किसी मदद की ज़रूरत तो नहीं।” ये प्राचीन और ऐसे ही दूसरे भाई-बहन उनेसिफुरुस की मिसाल पर चलते हैं। उनेसिफुरुस पर अपने परिवार की देखभाल करने की ज़िम्मेदारी थी, लेकिन उसने पौलुस को भी ज़रूरी मदद दी।—2 तीमु. 1:18.

11. खास पायनियर सेवा में क्या शामिल है?

11 एक और तरह की पूरे समय की सेवा है, खास पायनियर सेवा। कई खास पायनियर हर महीने प्रचार में करीब 130 घंटे बिताते हैं। वे मंडली के दूसरे कामों में भी व्यस्त रहते हैं। शाखा दफ्तर उन्हें अपना गुज़ारा चलाने के लिए हर महीने कुछ पैसे देता है, क्योंकि उनके पास नौकरी करने के लिए बहुत कम या बिलकुल भी वक्‍त नहीं होता। इससे खास पायनियर अपनी बुनियादी ज़रूरतें पूरी कर पाते हैं और अपना ज़्यादातर वक्‍त प्रचार काम में बिता पाते हैं।

12. प्राचीन और दूसरे भाई-बहन खास पायनियरों की मदद कैसे कर सकते हैं?

12 हम खास पायनियरों की मदद कैसे कर सकते हैं? शाखा दफ्तर में काम करनेवाला एक प्राचीन, जिसने कई खास पायनियरों से बात की है, कहता है: “प्राचीनों को उनसे बात करनी चाहिए, उनके हालात के बारे में पता लगाना चाहिए और फिर तय करना चाहिए कि वे उनकी मदद कैसे कर सकते हैं। कुछ साक्षियों को लगता है कि खास पायनियरों की सभी ज़रूरतें पूरी की जाती हैं, क्योंकि उन्हें अपना गुज़ारा चलाने के लिए पैसे मिलते हैं। लेकिन मंडली के भाई-बहन कई तरीकों से उनकी मदद कर सकते हैं।” और जब भाई-बहन प्रचार में उनके साथ काम करते हैं, तो पायनियरों की तरह उन्हें भी बहुत खुशी होती है। क्या आप उनके साथ प्रचार में काम कर सकते हैं?

सर्किट निगरानों की मदद करने के कुछ तरीके

13, 14. (क) हमें सर्किट निगरानों और उनकी पत्नियों के बारे में क्या नहीं भूलना चाहिए? (ख) सर्किट निगरानों और उनकी पत्नियों की मदद करने के लिए आप क्या कर सकते हैं?

13 सर्किट निगरान और उनकी पत्नियाँ ऐसे अनुभवी भाई-बहन हैं, जिनमें मज़बूत विश्‍वास होता है और जो हमारा हौसला बढ़ाते हैं। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्हें भी हौसला-अफज़ाई की ज़रूरत होती है। उन्हें भी प्रचार में भाई-बहनों का साथ चाहिए होता है। और जब भाई-बहन उन्हें अपने साथ फुरसत के कुछ पल बिताने या मनोरंजन करने का न्यौता देते हैं, तो उन्हें अच्छा लगता है। जब सर्किट निगरान या उनकी पत्नियाँ अस्पताल में होती हैं, या फिर बीमारी से उबर रही होती हैं, तो हम उनसे मिलने जा सकते हैं और उनकी देखभाल कर सकते हैं। “वैद्य” लूका, अलग-अलग मंडलियों का दौरा करनेवाले पौलुस और दूसरे भाइयों की ज़रूरतों का खयाल रखता था।—कुलु. 4:14; प्रेषि. 20:5–21:18.

14 सर्किट निगरानों और उनकी पत्नियों को करीबी दोस्तों की ज़रूरत होती है और वे उनके साथ की बहुत कदर करते हैं। एक सर्किट निगरान ने लिखा: “मेरे दोस्तों को पता चल जाता है कि कब मुझे हौसले की ज़रूरत है। वे इस तरह सवाल पूछते हैं, जिससे मैं उन्हें अपनी भावनाएँ और अपनी चिंताएँ खुलकर बता पाता हूँ। बस मेरी सुनकर ही वे मेरी बहुत मदद कर देते हैं।” जब भाई-बहन सर्किट निगरानों और उनकी पत्नियों में सच्ची दिलचस्पी लेते हैं और उनके सच्चे दोस्त बन जाते हैं, तो वे इसके लिए बहुत शुक्रगुज़ार होते हैं।

बेथेल परिवार के सदस्यों की मदद कीजिए

15, 16. (क) बेथेल में सेवा करनेवाले भाई-बहन क्या अहम भूमिका निभाते हैं? (ख) हम उनकी मदद कैसे कर सकते हैं?

15 बेथेल में सेवा करनेवाले भाई-बहन भी प्रचार काम को आगे बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आपकी मंडली या सर्किट में बेथेल परिवार के सदस्य हैं, तो आप उनकी मदद कैसे कर सकते हैं?

16 जब ये भाई-बहन बेथेल आते हैं, तो शुरू-शुरू में वे शायद अकेला महसूस करें और उन्हें अपने परिवार और दोस्तों की बहुत याद आए। जब बेथेल परिवार के दूसरे सदस्य और मंडली के भाई-बहन इन नए सदस्यों को जानने की कोशिश करते हैं और उनसे दोस्ती करते हैं, तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है। (मर. 10:29, 30) बेथेल का शेड्‌यूल इस तरह है कि बेथेल परिवार के सदस्य हर हफ्ते सभाओं और प्रचार में जा पाते हैं। लेकिन कभी-कभी बेथेल सदस्यों को कुछ और ज़िम्मेदारियाँ भी मिलती हैं। जब मंडली के भाई-बहन इस बात को समझते हैं और दिखाते हैं कि वे बेथेल सदस्यों के काम की कितनी कदर करते हैं, तो इससे सभी को फायदा होता है।—1 थिस्सलुनीकियों 2:9 पढ़िए।

विदेश जाकर पूरे समय की सेवा करनेवालों की मदद कीजिए

17, 18. विदेश जाकर सेवा करनेवाले पूरे समय के सेवकों की ज़िम्मेदारियों में क्या-क्या शामिल है?

17 कुछ पूरे समय के सेवक किसी दूसरे देश जाकर सेवा करने की ज़िम्मेदारी कबूल करते हैं। उन्हें शायद नए तरह के खान-पान की आदत डालनी पड़े, एक नयी भाषा सीखनी पड़े, नए तौर-तरीकों के हिसाब से खुद को ढालना पड़े और जीने का एक नया तरीका अपनाना पड़े। विदेश जाकर सेवा करनेवाले पूरे समय के सेवकों की ज़िम्मेदारियों में क्या-क्या शामिल है?

18 इनमें से कुछ मिशनरी हैं, जो अपना ज़्यादातर समय प्रचार में बिताते हैं। वे प्रचार करने और सिखाने के काम में बहुत कुशल होते हैं। और उन्होंने जो कुछ सीखा है, उसे वे मंडली में दूसरों के साथ बाँटते हैं। शाखा दफ्तर मिशनरियों को रहने के लिए एक साधारण-सी जगह और बुनियादी ज़रूरतें पूरी करने के लिए थोड़े-से पैसे देता है। दूसरों को शाखा दफ्तर में सेवा करने के लिए विदेश भेजा जाता है। इसके अलावा, निर्माण स्वयंसेवकों को इसलिए विदेश भेजा जाता है, ताकि वे रिमोट ट्रांस्लेशन ऑफिस (अनुवाद काम के लिए बनाया गया दफ्तर), सम्मेलन भवन, राज-घर या शाखा दफ्तर के निर्माण काम में मदद दे सकें। शाखा दफ्तर या मंडली के भाई-बहन उनके खाने-पीने और रहने वगैरह का इंतज़ाम करते हैं। बेथेल सदस्यों की तरह, ये निर्माण स्वयंसेवक हर हफ्ते सभाओं में हाज़िर होते हैं और प्रचार में हिस्सा लेते हैं। मंडली को इन अनुभवी भाई-बहनों की संगति से बहुत फायदा होता है।

19. आप उन पूरे समय के सेवकों की मदद कैसे कर सकते हैं, जो आपके देश में सेवा करने आए हैं?

19 आप उन पूरे समय के सेवकों की मदद कैसे कर सकते हैं, जो आपके देश में सेवा करने आए हैं? याद रखिए कि उन्होंने एक नए देश में कदम रखा है और हो सकता है कि आप जो खाना खाते हैं उसके वे आदी न हों। इसलिए जब आप उन्हें खाने पर बुलाते हैं, तो आप उनसे पूछ सकते हैं कि क्या वे कुछ नया खाना पसंद करेंगे या कुछ ऐसा है, जो वे नहीं खाना चाहेंगे। जब वे आपकी भाषा और आपके देश के तौर-तरीके सीखने की कोशिश करते हैं, तो उनके साथ सब्र और प्यार से पेश आइए। आप जो कहते हैं उसे समझने में उन्हें वक्‍त लगेगा, लेकिन आप उन्हें नयी भाषा अच्छी तरह बोलना सीखने में मदद दे सकते हैं। वे सीखना चाहते हैं!

20. हम पूरे समय के सेवकों और उनके माता-पिताओं की मदद कैसे कर सकते हैं?

20 घर से दूर रह रहे पूरे समय के सेवकों को वक्‍त के गुज़रते शायद यह फैसला करना पड़े कि वे अपने बुज़ुर्ग माता-पिता की देखभाल कैसे करेंगे। अगर माता-पिता साक्षी हैं, तो उनकी यही ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे अपनी सेवा में बने रहें। (3 यूह. 4) बेशक, पूरे समय के सेवक अपने माता-पिता की देखभाल करने में अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे और जितनी बार हो सके उनसे मिलने जाएँगे। लेकिन जो उनके बुज़ुर्ग माता-पिता के घर के पास रहते हैं, वे भी पूरे समय के सेवकों की मदद कर सकते हैं। कैसे? अगर उनके बुज़ुर्ग माता-पिता को देखभाल की ज़रूरत है, तो उनकी देखभाल करके। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पूरे समय के सेवक आज धरती पर किए जा रहे सबसे ज़रूरी काम में लगे हुए हैं, और वह है प्रचार काम को आगे बढ़ाना। (मत्ती 28:19, 20) क्या आप या आपकी मंडली ऐसे बुज़ुर्ग भाई-बहनों की देखभाल करके पूरे समय के सेवकों की मदद कर सकती है?

21. दूसरों से मिलनेवाली मदद या हौसले से पूरे समय के सेवकों को कैसा महसूस होता है?

21 कई लोग इसलिए कड़ी मेहनत करते हैं, क्योंकि वे अमीर बनना चाहते हैं। लेकिन पूरे समय के सेवक इसलिए कड़ी मेहनत करते हैं क्योंकि वे यहोवा की सेवा में अपना भरसक करना चाहते हैं और दूसरों की मदद करना चाहते हैं। इसलिए जब दूसरे उनकी तरफ किसी भी तरह से मदद का हाथ बढ़ाते हैं, तो वे इसके लिए बहुत एहसानमंद होते हैं। विदेश में सेवा कर रही एक पूरे समय की सेवक कहती है: “जब आपको कोई कदरदानी-भरे दो शब्द भी लिखता है, तो इससे आपको एहसास होता है कि दूसरे आपको याद करते हैं और उन्हें खुशी है कि आप इस सेवा में लगे हुए हैं।”

22. आपको पूरे समय की सेवा के बारे में कैसा महसूस होता है?

22 जो पूरे समय की सेवा कर रहे हैं, उन्होंने एक ऐसी ज़िंदगी चुनी है, जो वाकई रोमांचक है और जिससे बहुत संतोष मिलता है। यह आज के वक्‍त में ज़िंदगी जीने का सबसे बेहतरीन तरीका है। पूरे समय के सेवक ऐसे गुण और सबक सीखते हैं, जिनकी आज और नयी दुनिया में भी ज़रूरत होगी। जल्द ही यहोवा के सभी सेवक ऐसा काम करेंगे, जिससे उन्हें हर दिन गहरा संतोष मिलेगा। आइए हम सभी “हर वक्‍त” पूरे समय की सेवा करनेवाले भाई-बहनों के ‘विश्‍वास के कामों’ और “प्यार से [की जानेवाली] कड़ी मेहनत” को याद करते रहें और उनकी कदर करते रहें।—1 थिस्स. 1:3.