“ऐसे भाइयों की कदर किया करना”
सन् 1992 से शासी निकाय अलग-अलग समिति की मदद करने के लिए अनुभवी और प्रौढ़ प्राचीनों को नियुक्त करता आ रहा है। * ये मददगार ‘दूसरी भेड़ों’ के सदस्य हैं। ये भाई शासी निकाय की बहुत मदद करते हैं। (यूह. 10:16) इन भाइयों को जिस समिति की मदद के लिए नियुक्त किया गया है, उस समिति की हर हफ्ते होनेवाली सभा में वे जाते हैं। ये भाई उस समिति को ज़रूरी जानकारी देते हैं और सुझाव भी देते हैं। लेकिन फैसला शासी निकाय के सदस्य ही लेते हैं। फिर ये मददगार भाई शासी निकाय की तरफ से इस बात का पूरा खयाल रखते हैं कि उस फैसले के मुताबिक काम किया जाए। इन भाइयों को जो भी काम दिया जाता है, उसे वे खुशी-खुशी करते हैं। ये भाई शासी निकाय के सदस्यों के साथ खास अधिवेशनों और अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशनों में जाते हैं। उन्हें मुख्यालय प्रतिनिधि के तौर पर शाखा दफ्तरों का दौरा करने के लिए भी भेजा जा सकता है।
एक भाई 1992 से मददगार के तौर पर सेवा कर रहे हैं। वे कहते हैं, “जब मैं अपनी ज़िम्मेदारी अच्छी तरह निभाता हूँ, तब शासी निकाय परमेश्वर की उपासना से जुड़े मामलों पर और अच्छी तरह ध्यान दे पाता है।” एक और भाई 20 साल से मददगार के तौर पर सेवा कर रहे हैं। वे कहते हैं, “यह बहुत बड़े सम्मान की बात है। इस बारे में मैं कभी सोच भी नहीं सकता था!”
शासी निकाय ने अपने मददगार भाइयों को बहुत-सी ज़िम्मेदारियाँ दी हैं और शासी निकाय के सदस्य इन वफादार भाइयों की मेहनत की बहुत कदर करते हैं। आइए हम सब “ऐसे भाइयों की कदर” करते रहें।—फिलि. 2:29.
^ पैरा. 2 शासी निकाय की छः समितियों की ज़िम्मेदारियों के बारे में ज़्यादा जानने के लिए परमेश्वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो किताब के अध्याय 14 में “आज का शासी निकाय किस तरह संगठित है” नाम का बक्स देखिए।