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यहोवा की दरियादिली के लिए कदरदानी दिखाइए

यहोवा की दरियादिली के लिए कदरदानी दिखाइए

यहोवा दरियादिल परमेश्वर है। (याकू. 1:17) तारों से जगमगाते आसमान से लेकर, धरती पर बिछी हरियाली की चादर तक, पूरी सृष्टि यहोवा की दरियादिली का बखान कर रही है।—भज. 65:12, 13; 147:7, 8; 148:3, 4.

यहोवा की बनायी सृष्टि के लिए भजनहार के दिल में इतनी गहरी कदर थी कि वह यहोवा की महिमा में गीत लिखे बिना नहीं रह पाया। ज़रा भजन 104 पढ़िए और देखिए कि क्या आप भी उसी की तरह महसूस नहीं कर रहे। उसने कहा, “मैं जीवन भर यहोवा का गीत गाता रहूँगा; जब तक मैं बना रहूँगा तब तक अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूँगा।” (भज. 104:33) क्या आप भी ऐसा ही करना चाहते हैं?

दरियादिली की सबसे अच्छी मिसाल

यहोवा चाहता है कि हम भी उसकी तरह दरियादिल बनें। उसने हमें दरियादिल बनने के वाजिब कारण भी दिए। गौर कीजिए कि यहोवा ने प्रेषित पौलुस को क्या लिखने के लिए उभारा। उसने लिखा, “जो इस ज़माने में दौलतमंद हैं, उन्हें आदेश दो कि वे अभिमानी न बनें और अपनी आशा उस धन पर न रखें जो आज है और कल नहीं रहेगा, बल्कि उस परमेश्वर पर रखें जो सब चीज़ों का लुत्फ उठाने के लिए हमें सबकुछ भरपूर देता है। उन दौलतमंदों को यह आदेश दे कि वे ऐसे काम करें जो दूसरों के लिए अच्छे हैं, भले कामों में धनी बनें, दरियादिल हों और जो उनके पास है वह दूसरों में बाँटने के लिए तैयार रहें। और अपने लिए ऐसा खज़ाना जमा करें, जो सही-सलामत रहेगा और भविष्य के लिए एक बढ़िया नींव बन जाएगा ताकि वे असली ज़िंदगी पर मज़बूत पकड़ हासिल कर सकें।”—1 तीमु. 6:17-19.

परमेश्वर की प्रेरणा से पौलुस ने कुरिंथ की मंडली को जब दूसरा खत लिखा, तब उसने ज़ोर देकर कहा कि जब हम किसी को कुछ देते हैं, तो हमें सही इरादे से ऐसा करना चाहिए। उसने लिखा, “हर कोई जैसा उसने अपने दिल में ठाना है, वैसा ही करे, न कुड़कुड़ाते हुए, न ही किसी दबाव में, क्योंकि परमेश्वर खुशी-खुशी देनेवाले से प्यार करता है।” (2 कुरिं. 9:7) फिर पौलुस ने उन लोगों का ज़िक्र किया जो दरियादिली से फायदा पाते हैं। एक तो वे जिन्हें कुछ मिलता है, उससे उनकी ज़रूरतें पूरी होती हैं। दूसरे वे, जो कुछ देते हैं क्योंकि ऐसा करने से उन्हें परमेश्वर की भरपूर आशीष मिलती है।—2 कुरिं. 9:11-14.

प्रेषित पौलुस कुरिंथियों को लिखे अपने दूसरे खत का यह भाग (अध्याय 8 और 9) परमेश्वर की दरियादिली का सबसे ज़बरदस्त सबूत देकर खत्म करता है। वह लिखता है, “परमेश्वर के उस मुफ्त वरदान के लिए जिसका शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता, उसका धन्यवाद हो।” (2 कुरिं. 9:15) ज़ाहिर है यहोवा के दिए इस मुफ्त वरदान में उसकी भलाई के सभी काम शामिल हैं, उस भलाई के जो वह यीशु मसीह के ज़रिए अपने लोगों के लिए करता है। यह ऐसा वरदान है जिसका मोल शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।

यहोवा और यीशु ने हमारे लिए कितना कुछ किया है और आगे भी करेंगे। इसके लिए हम अपनी कदरदानी कैसे दिखा सकते हैं? एक तरीका है, हमें दिल खोलकर अपना समय, अपनी ताकत और अपने साधन यहोवा की शुद्ध उपासना को आगे बढ़ाने में लगाने चाहिए, फिर चाहे हमारा दिया दान कम हो या ज़्यादा।—1 इति. 22:14; 29:3-5; लूका 21:1-4.

^ पैरा. 11 भारत में यह “Jehovah’s Witnesses of India” को देय किया जाना चाहिए।

^ पैरा. 13 जिनके पास भारत का पासपोर्ट है, वे www.jwindiagift.org वेब साइट के ज़रिए दान कर सकते हैं।

^ पैरा. 18 आखिरी फैसला लेने से पहले अपने देश के शाखा दफ्तर से पूछिए।

^ पैरा. 26 भारत में ‘अपनी संपत्ति के द्वारा यहोवा का आदर कर’ अँग्रेज़ी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, मलयालम और हिंदी भाषाओं में उपलब्ध है।