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ऐसा परमेश्‍वर, जो माफ करने को तैयार रहता है

ऐसा परमेश्‍वर, जो माफ करने को तैयार रहता है

परमेश्‍वर के करीब आइए

ऐसा परमेश्‍वर, जो माफ करने को तैयार रहता है

यूहन्‍ना 21:15-17

“हे [यहोवा], तू भला है और क्षमा करने को तत्पर रहता है।” (भजन 86:5, NHT) दिल छू लेनेवाले इन शब्दों से बाइबल हमें यकीन दिलाती है कि यहोवा परमेश्‍वर माफ करने को हमेशा तैयार रहता है। इस बारे में यीशु के एक चेले, पतरस की ज़िंदगी में हुई एक घटना पर गौर कीजिए। यह घटना साफ दिखाती है कि यहोवा “पूरी रीति से” माफ करता है।—यशायाह 55:7.

पतरस यीशु के सबसे करीबी साथियों में से एक था। लेकिन धरती पर यीशु की ज़िंदगी की आखिरी रात, पतरस लोगों के डर से एक गंभीर पाप कर बैठा। जिस जगह यीशु पर गैर-कानूनी मुकदमा चलाया जा रहा था, पतरस ने वहाँ आँगन में सबके सामने यीशु को जानने से इनकार कर दिया। उसने ऐसा एक बार नहीं, बल्कि तीन बार किया। उसने जब तीसरी बार ज़ोर देकर कहा कि वह यीशु को नहीं जानता, तब यीशु “ने घूमकर पतरस की ओर देखा।” (लूका 22:55-61) ज़रा सोचिए, उस वक्‍त पतरस के दिल पर क्या बीती होगी? उसे एहसास हुआ कि उसने कितना बड़ा पाप किया है। इसलिए वह खुद पर काबू नहीं रख पाया और “फूट-फूट कर रोने लगा।” (मरकुस 14:72, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) हालाँकि पतरस को अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ, लेकिन उसे इस बात की शंका थी कि क्या परमेश्‍वर उसे कभी माफ करेगा।

पतरस की यह शंका तब दूर हुई जब यीशु, मरे हुओं में से ज़िंदा होने के बाद उससे मिला। यीशु ने उससे कड़वी बातें नहीं कहीं और ना ही उसकी नुक्‍ताचीनी की। इसके बजाय, उसने पतरस से पूछा, ‘क्या तू मुझ से प्रेम रखता है?’ पतरस ने जवाब दिया, “हां, प्रभु, तू तो जानता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं।” फिर यीशु ने उससे कहा, “मेरे मेमनों को चरा।” यीशु ने अपना सवाल दूसरी बार दोहराया और पतरस ने पूरे यकीन के साथ वही जवाब दिया, जो उसने पहले दिया था। यीशु ने उससे कहा, “मेरी भेड़ों की रखवाली कर।” फिर यीशु ने लगभग वैसा ही सवाल तीसरी बार पूछा, “क्या तू मुझ से प्रीति रखता है?” इस पर “पतरस उदास हुआ” और कहा, “प्रभु, तू तो सब कुछ जानता है: तू यह जानता है कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूं।” यीशु ने उससे कहा, “मेरी भेड़ों को चरा।”—यूहन्‍ना 21:15-17.

यीशु जानता था कि पतरस उससे प्यार करता है, क्योंकि वह लोगों का दिल पढ़ सकता था। (मरकुस 2:8) तो फिर उसने पतरस से तीन बार सवाल क्यों किए? दरअसल यीशु पतरस को यह कहने का मौका देना चाहता था कि पतरस उससे प्यार करता है। यीशु की इन बातों से, “मेरे मेमनों को चरा। . . . मेरी भेड़ों की रखवाली कर। . . . मेरी भेड़ों को चरा,” पछतावे की आग में घुल रहे पतरस को कितना दिलासा मिला होगा कि यीशु को अब भी उस पर भरोसा है। आखिर यीशु पतरस को एक बहुत ही बेशकीमती चीज़ सँभालने की ज़िम्मेदारी सौंप रहा था। और वह थी, उसकी भेड़ों यानी उसके प्यारे चेलों की देखभाल करना। (यूहन्‍ना 10:14, 15) पतरस को यह जानकर कितनी राहत मिली होगी कि वह अब भी यीशु की नज़रों में भरोसे के लायक है!

इस वाकये से साफ पता चलता है कि यीशु ने पतरस को माफ कर दिया। यीशु हू-ब-हू अपने पिता जैसा था, इसलिए हम इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि यहोवा ने भी पतरस को माफ कर दिया। (यूहन्‍ना 5:19) यहोवा माफ करने में बिलकुल भी नहीं हिचकिचाता है। इसके बजाय, वह एक दयालु परमेश्‍वर है जो पश्‍चाताप करनेवाले पापी को “क्षमा करने को तत्पर रहता है।” क्या यह जानकर हमारे दिल को सुकून नहीं मिलता? (w08 6/1)