जब परमेश्वर ने अपने बारे में बताया
परमेश्वर के करीब आइए
जब परमेश्वर ने अपने बारे में बताया
अगर कोई आपसे पूछे कि परमेश्वर में कौन-से गुण हैं और अलग-अलग हालात में वह कैसे पेश आता है, तो आप क्या कहेंगे? मान लीजिए कि आप यही सवाल परमेश्वर से पूछ रहे हैं। अब वह आपको अपने बारे में बता रहा है और आप बड़े ध्यान से सुन रहे हैं। ऐसा ही कुछ अनुभव बरसों पहले मूसा नाम के एक भविष्यवक्ता के साथ हुआ। और हम परमेश्वर के कितने शुक्रगुज़ार हो सकते हैं कि उसने मूसा को बाइबल में वह ब्यौरा लिखने के लिए कहा!
मूसा जब सीनै पर्वत के ऊपर गया, तब उसने परमेश्वर यहोवा से बिनती की: “मुझे अपना तेज दिखा दे।” (निर्गमन 33:18) अगले दिन, परमेश्वर ने उसे अपनी महिमा की झलक दिखायी। * यह मूसा के लिए क्या ही सम्मान की बात थी! मूसा ने जो-जो देखा, उसने उसका पूरा ब्यौरा नहीं दिया। इसके बजाय, उसने इससे कहीं ज़्यादा ज़रूरी जानकारी दर्ज़ की। वह यह कि परमेश्वर ने उसे अपने बारे में क्या बताया। आइए हम इस बारे में निर्गमन 34:6, 7 में पढ़ें और जाँच करें।
यहोवा ने सबसे पहले कहा कि वह “दयालु और अनुग्रहकारी” परमेश्वर है। (आयत 6) एक विद्वान के मुताबिक, जिस इब्रानी शब्द का अनुवाद “दयालु” किया गया है, उससे पता चलता है कि परमेश्वर के अंदर वही “कोमल करुणा है जैसी एक पिता में अपने बच्चों के लिए होती है।” “अनुग्रहकारी” के लिए जो शब्द इस्तेमाल हुआ है, वह एक क्रिया से जुड़ा है। यह क्रिया “एक ऐसे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल की जाती है, जिसका दिल उसे किसी ज़रूरतमंद की मदद करने के लिए उभारता है।” यहोवा चाहता है, हम यह जानें कि वह अपने उपासकों की ठीक वैसी देखभाल करता है, जैसे एक माता-पिता अपने बच्चों की करते हैं। वह उनसे बेहद प्यार करता है और उनकी ज़रूरतें पूरी करता है।—भजन 103:8, 13.
इसके बाद, यहोवा ने कहा कि वह “विलम्ब से कोप करनेवाला” परमेश्वर है। (आयत 6) जब उसके उपासक कोई गलती करते हैं, तो वह फौरन गुस्से से भड़क नहीं उठता। इसके बजाय, वह सब्र से काम लेता है और उनकी कमज़ोरियों को सहता है। यही नहीं, वह उन्हें अपनी गलतियाँ सुधारने की मोहलत देता है।—2 पतरस 3:9.
परमेश्वर ने आगे कहा कि वह “अति करुणामय [‘सच्चा प्यार,’ NW] और सत्य” है। (आयत 6) सच्चा प्यार वह अनमोल गुण है, जो यहोवा को अपने उपासकों के साथ जोड़ता है। इससे उनके बीच ऐसा मज़बूत बंधन बनता है, जिसे कोई नहीं तोड़ सकता। (व्यवस्थाविवरण 7:9) यहोवा सच्चाई का भी सोता है। वह न तो किसी को धोखा दे सकता है, ना ही किसी से धोखा खा सकता है। वह “सत्यवादी ईश्वर” है। इसलिए हम उसकी हर बात पर विश्वास रख सकते हैं, यहाँ तक कि उसके उन वादों पर भी जो उसने भविष्य के बारे में किए हैं।—भजन 31:5.
यहोवा ने हम पर एक और अहम सच्चाई ज़ाहिर की है कि वह “अधर्म और अपराध और पाप” माफ करता है। (आयत 7) वह उन लोगों को “क्षमा करने को तत्पर रहता है,” जो सच्चे दिल से पश्चाताप करते हैं। (भजन 86:5, NHT) मगर साथ ही, वह किसी भी हाल में बुराई को नज़रअंदाज़ नहीं करता। यहोवा ने कहा कि “दोषी को वह किसी भी प्रकार दण्ड दिए बिना नहीं छोड़ेगा।” (आयत 7, NHT) यहोवा पवित्र और न्याय का परमेश्वर है। इसलिए वह जानबूझकर पाप करनेवालों को सज़ा से नहीं बचाएगा। आज नहीं तो कल, उन्हें अपने किए की सज़ा भुगतनी ही पड़ेगी।
यहोवा ने जिस तरह खुलकर अपने गुणों के बारे में बताया है, उससे ज़ाहिर होता है कि वह चाहता है कि हम उसे जानें। यानी उसमें कौन-से गुण हैं और अलग-अलग हालात में वह कैसे पेश आता है। क्या आपका दिल आपको नहीं उभारता कि आप यहोवा के मनभावने गुणों के बारे में और जानें? (w09 5/1)
[फुटनोट]
^ मूसा ने सचमुच में परमेश्वर को नहीं देखा, क्योंकि कोई भी इंसान परमेश्वर को देखकर ज़िंदा नहीं रह सकता। (निर्गमन 33:20) दरअसल, यहोवा ने मूसा को एक दर्शन दिया जिसमें उसने अपनी महिमा की झलक दी और एक स्वर्गदूत के ज़रिए उससे बातचीत की।