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अपनी आध्यात्मिक ज़रूरत पूरी कीजिए

अपनी आध्यात्मिक ज़रूरत पूरी कीजिए

पाँचवा राज़

अपनी आध्यात्मिक ज़रूरत पूरी कीजिए

बाइबल क्या सिखाती है? “सुखी हैं वे जिनमें परमेश्‍वर से मार्गदर्शन पाने की भूख है।”—मत्ती 5:3.

चुनौती क्या है? दुनिया में ऐसे हज़ारों धर्म हैं जो आध्यात्मिक भूख मिटाने के अलग-अलग तरीके सिखाते हैं। आप कैसे पहचान सकते हैं कि कौन-सा धर्म सच्चाई सिखाता है और जिससे परमेश्‍वर खुश है? कुछ जाने-माने लेखक दावा करते हैं कि परमेश्‍वर पर विश्‍वास करना और उसकी उपासना करना बेतुका है, यहाँ तक कि नुकसानदेह भी है। परमेश्‍वर के वजूद के बारे में मैक्लेन्स पत्रिका एक मशहूर नास्तिक के विचार का सारांश यूँ देती है, “ईसाइयों की यह धारणा कि विज्ञान और हमारी समझ से बढ़कर कुछ है, . . . जीवन की अहमियत को कम करती है और हमें हिंसा का रास्ता इख्तियार करने के लिए उभारती है।”

आप क्या कर सकते हैं? परमेश्‍वर वजूद में है, इसके सबूतों की जाँच कीजिए। (रोमियों 1:20; इब्रानियों 3:4) ध्यान रखिए, कोई भी आपको इन ज़रूरी सवालों के जवाब ढूँढ़ने से रोक न पाए। जैसे, हम दुनिया में क्यों आए हैं? क्या इंसान मरने के बाद भी ज़िंदा रहता है? इतनी दुख-तकलीफें क्यों हैं? परमेश्‍वर मुझसे क्या चाहता है? इन सवालों के सही जवाब जानना बेहद ज़रूरी है क्योंकि तभी आपको ज़िंदगी में हमेशा कायम रहनेवाला संतोष मिल सकता है।

लेकिन दूसरे जो कहते हैं उस पर आँख मूँदकर भरोसा मत कीजिए। परमेश्‍वर का वचन बढ़ावा देता है कि आपको अपनी “सोचने-समझने की शक्‍ति” का इस्तेमाल करना चाहिए और परखकर खुद के लिए मालूम करते रहना चाहिए कि परमेश्‍वर को क्या भाता है। (रोमियों 12:1, 2) अगर आप ऐसा करेंगे, तो आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। बाइबल पढ़ाई के लिए वक्‍त निकालने और उसकी कारगर सलाहों को अपनी ज़िंदगी में लागू करने से आप कई मुश्‍किलों से बच सकते हैं, आपकी चिंताएँ कम हो सकती हैं और आपकी खुशी दुगनी हो सकती है। यह कोई खोखला वादा नहीं! असल में, अलग-अलग भाषा और तबके के लाखों लोगों को परमेश्‍वर के बारे में सच्चाई सिखने और उसके मकसद को जानने से फायदा हुआ है।

बाइबल की बुद्धि-भरी सलाह पर अमल करने से आपके दिल में परमेश्‍वर के लिए श्रद्धा बढ़ेगी। यहोवा के साक्षी बाइबल अध्ययन करने का जो न्यौता देते हैं, क्यों न आप उसे कबूल करें? अगर आप ऐसा करते हैं तो आप भी प्रेषित पौलुस से सहमत होंगे जिसने लिखा, “परमेश्‍वर की भक्‍ति ही अपने आप में बड़ी कमाई है, बशर्ते कि जो हमारे पास है हम उसी में संतोष करें।”—1 तीमुथियुस 6:6. (w10-E 11/01)

[पेज 8 पर तसवीर]

परखकर खुद के लिए मालूम करते रहो कि परमेश्‍वर को क्या भाता है