भूत-विद्या में क्या बुराई है?
भूत-विद्या में क्या बुराई है?
बारबरा * को जवानी से अजीब-अजीब सपने दिखायी देते थे और तरह-तरह की आवाज़ें सुनायी देती थीं। उसे यकीन हो गया कि वह अपने मरे हुए रिश्तेदारों से बात कर सकती है। वह और उसका पति योआकिम जादू-टोने की किताबें पढ़ने लगे और दोनों ही टैरो कार्ड देखकर भविष्य बताने में माहिर हो गए। टैरो कार्ड से उन्हें पता चला कि उनके हाथ खूब पैसा लगनेवाला है और वाकई उन्हें बिज़नेस में बहुत मुनाफा हुआ। एक दिन टैरो कार्ड ने उन्हें खबरदार किया कि खतरनाक लोग उनके घर आनेवाले हैं और बताया कि उनसे बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।
हालाँकि कुछ लोगों को जादू-टोने में विश्वास करना पुराने ज़माने की बात लगती है, लेकिन देखा जाए तो अलौकिक शक्तियों के बारे में लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। आज कई लोग अपना भविष्य जानने या बुरी बला से बचने के लिए प्रश्न-फल की तख्तियाँ देखते हैं, ओझों के पास जाते हैं और तावीज़ पहनते हैं। जर्मन पत्रिका फोकस में छपा एक लेख “लैपटॉप एण्ड लूसिफर” कहता है, “इंटरनेट की वजह से भूत-विद्या में लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है।”
क्या आपको मालूम है कि बाइबल भी भूत-विद्या के बारे में बताती है? बाइबल का नज़रिया जानकर शायद आपको हैरानी हो।
भूत-विद्या के बारे में बाइबल क्या कहती है?
परमेश्वर ने अपने लोगों यानी प्राचीन इसराएल राष्ट्र को दिए कानून में उनसे कहा था: “तुझ में कोई ऐसा न हो जो . . . भावी कहनेवाला, वा शुभ अशुभ मुहूर्त्तों का माननेवाला, वा टोन्हा, वा तान्त्रिक, वा बाजीगर, वा ओझों से पूछनेवाला, वा भूत साधनेवाला, वा भूतों का जगानेवाला हो। क्योंकि जितने ऐसे ऐसे काम करते हैं वे सब यहोवा के सम्मुख घृणित हैं।” (व्यवस्थाविवरण 18:10-12) यहोवा ने भूत-विद्या के खिलाफ इतना सख्त कानून क्यों दिया?
जैसा कि इस लेख के शुरू में दिया अनुभव दिखाता है, कई लोग मानते हैं कि हम मरे हुओं से बात कर सकते हैं और भूत-विद्या के ज़रिए जो जानकारी मिलती है वह असल में मरे हुए लोग ही देते हैं। लोगों में यह धारणा इसलिए है, क्योंकि बहुत-से धर्म सिखाते हैं कि मरने के बाद इंसान आत्मिक लोक में जीवित रहता है। मगर बाइबल साफ-साफ बताती है: “मरे हुए कुछ भी नहीं जानते।” (सभोपदेशक 9:5) बाइबल मौत की तुलना गहरी नींद से करती है। मरे हुए लोगों को अपने चारों तरफ होनेवाली घटनाओं की कोई खबर नहीं रहती। * (मत्ती 9:18, 24; यूहन्ना 11:11-14) अगर ऐसा है तो शायद आपके मन में ये सवाल उठें: कई लोग तो कहते हैं कि उन्होंने भूत-प्रेत देखे या उनकी आवाज़ें सुनी हैं। अगर वे मरे हुए लोग नहीं, तो फिर कौन हैं? आखिर सच्चाई क्या है?
आत्मिक लोक से नाता
बाइबल में दर्ज़ ब्यौरे बताते हैं कि धरती पर रहते वक्त कई बार यीशु की बातचीत आत्मिक प्राणियों से हुई। मरकुस 1:23, 24 में लिखा है कि “एक दुष्ट स्वर्गदूत” ने यीशु से कहा, “मैं जानता हूँ तू असल में कौन है।” इसमें कोई शक नहीं कि ये आत्मिक प्राणी आपको भी अच्छी तरह जानते हैं। लेकिन क्या आप उनकी असलियत जानते हैं?
इंसानों को बनाने से पहले परमेश्वर ने करोड़ों आत्मिक बेटों, यानी स्वर्गदूतों की सृष्टि की थी। (अय्यूब 38:4-7) स्वर्गदूतों की रचना इंसानों से कहीं बढ़कर की गयी है। (इब्रानियों 2:6, 7) वे बहुत शक्तिशाली और बुद्धिमान हैं और उन्हें परमेश्वर की मरज़ी पूरी करने के लिए बनाया गया है। भजनहार ने लिखा: “हे यहोवा के दूतो, तुम जो बड़े पराक्रमी हो, और उसके वचन की पुकार को सुनते हो, तुम जो उसके वचन का पालन करते हो, उसको धन्य कहो!”—भजन 103:20, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन।
बाइबल बताती है कि समय के गुज़रते, कुछ स्वर्गदूत परमेश्वर की मरज़ी के खिलाफ गलत तरीके से इंसानों के साथ संपर्क रखने लगे। किस मकसद से? पहली बार जिस स्वर्गदूत ने ऐसा किया, उसने धोखे से पहले इंसानी जोड़े आदम और हव्वा को उनके सृष्टिकर्ता के खिलाफ भड़काया। इस तरह उसने खुद को शैतान या इब्लीस बना लिया, जिसका मतलब है परमेश्वर की निंदा करनेवाला या उसका विरोधी।—उत्पत्ति 3:1-6.
बाद में दूसरे कुछ स्वर्गदूतों ने स्वर्ग में “अपने रहने की सही जगह छोड़ दी” और धरती पर इंसानों का शरीर धारण करके सुंदर स्त्रियों के साथ रहने लगे। (यहूदा 6; उत्पत्ति 6:1, 2) इन स्वर्गदूतों के जो बच्चे हुए, वे इंसानों से कहीं ज़्यादा ताकतवर थे। इन्होंने और बगावती स्वर्गदूतों ने इतना आतंक मचाया कि पूरी धरती “उपद्रव से भर गई।” बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने नूह के दिनों में जलप्रलय लाकर उस समय की दुष्ट और हिंसक पीढ़ी का सफाया कर दिया।—उत्पत्ति 6:3, 4, 11-13.
जलप्रलय में बगावती स्वर्गदूत, इंसानी शरीर छोड़कर वापस स्वर्ग जाने पर मजबूर हो गए। लेकिन सृष्टिकर्ता ने उन्हें स्वर्ग में उस जगह लौटने नहीं दिया, जो धरती पर आने से पहले उनकी थी। इसके बजाय, उन्हें एक ऐसी गिरी हुई दशा में कैद कर दिया गया, जिसकी तुलना “घोर अंधकार से भरे गड्ढों” से की गयी है। (2 पतरस 2:4, 5) बाइबल इन बागी स्वर्गदूतों को “दुष्ट स्वर्गदूत” कहती है और भूत-विद्या के पीछे इन्हीं का हाथ है।—याकूब 2:19.
दुष्ट स्वर्गदूत क्या चाहते हैं
दुष्ट स्वर्गदूतों का इंसानों से बात करने का पहला मकसद है, उन्हें सच्चे परमेश्वर यहोवा की उपासना से गुमराह करना। जादू-टोना करनेवाले दावा करते हैं कि उन्हें वरदान या शक्तियाँ मिली हैं। लेकिन इनसे सिर्फ लोगों का ध्यान भटकता है और ये उन्हें परमेश्वर के बारे में सच्चा ज्ञान लेने और उसके साथ एक रिश्ता कायम करने से दूर रखती हैं।
उनका दूसरा मकसद क्या है? यह हमें उस बातचीत से पता चलता है, जो दुष्ट स्वर्गदूतों के सरदार शैतान और यीशु के बीच हुई। शैतान ने यीशु को “दुनिया के तमाम राज्य और उनकी शानो-शौकत दिखायी।” बदले में वह क्या चाहता था? उसने यीशु से कहा, ‘एक बार मेरे सामने गिरकर मेरी उपासना कर।’ जी हाँ, शैतान और दुष्ट स्वर्गदूत चाहते हैं कि लोग उनकी उपासना करें। लेकिन यीशु, शैतान के झाँसे में नहीं आया। उसने परमेश्वर और सच्ची उपासना को नहीं छोड़ा।—मत्ती 4:8-10.
दुष्ट स्वर्गदूतों ने जिस तरह यीशु से आमने-सामने बात की, आजकल वे शायद ही ऐसा करते हों। लेकिन भोले-भाले
लोगों को फँसाने के लिए वे ऐसे तरीके इस्तेमाल करते हैं, जिनमें लोगों को कोई नुकसान नज़र नहीं आता। जैसे क्रिस्टल-बॉल, तोते के ज़रिए भविष्य बताना, टैरो कार्ड, पेंडुलम और राशिफल। मगर इनसे धोखा मत खाइए! ये चीज़ें हमारे लिए रहस्यमय दुनिया का रास्ता नहीं खोलतीं। जादू-टोना लोगों को दिलचस्प लगता है और दुष्ट स्वर्गदूत इसी का फायदा उठाकर उन्हें यहोवा की उपासना से दूर ले जाते हैं। जब इन सब तरीकों से भी दुष्ट स्वर्गदूत अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाते, तो अकसर वे उन लोगों का जीना दूभर कर देते हैं जो उनके चंगुल में फँसे होते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो आप उनसे बचने के लिए क्या कर सकते हैं?भूत-विद्या के चंगुल से कैसे छूटें
इसमें कोई दो राय नहीं कि जो आत्मिक प्राणी इंसानों से बात करने की कोशिश करते हैं, वे परमेश्वर के दुश्मन हैं और उनका नाश तय है। (यहूदा 6) वे बहरूपिये और झूठे हैं, जो मरे हुओं का स्वाँग रचते हैं। सोचिए, अगर आपको पता चलता है कि जिसे आप अपना दोस्त समझ रहे हैं, वह असल में एक बहरूपिया है और आपको नुकसान पहुँचाना चाहता है, तो आपको कैसा लगेगा? या अगर आपको पता चलता है कि आप अनजाने में इंटरनेट पर किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रिश्ता बना बैठे हैं जो लोगों को अपनी हवस का शिकार बनाता है, तो आप क्या करेंगे? दुष्ट स्वर्गदूतों के जाल में फँसना इससे कई गुना खतरनाक है। आपको उनसे नाता तोड़ने की हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए आप क्या कर सकते हैं?
प्राचीन इफिसुस के कुछ लोगों ने जब बाइबल से सीखा कि भूत-विद्या गलत है, तब उन्होंने जादू-टोने से जुड़ी अपनी सारी किताबें नष्ट कर देने का फैसला किया। हालाँकि उन किताबों की कीमत बहुत ज़्यादा थी, फिर भी उन्होंने “सबके सामने उन्हें जला दिया।” (प्रेषितों 19:19, 20) आज सिर्फ किताबों, तावीज़, प्रश्न-फल की तख्तियों के ज़रिए ही भूत-विद्या नहीं की जाती, बल्कि ऐसी कई डीवीडी, कंप्यूटर गेम और इंटरनेट साइट हैं जो इससे जुड़ी होती हैं। ऐसी हर चीज़ से दूर रहिए जो भूत-विद्या से जुड़ी हो सकती है।
जैसा कि इस लेख की शुरूआत में बताया गया था, बारबरा और योआकिम को टैरो कार्ड से पता चला कि उनके घर कुछ खतरनाक लोग आनेवाले हैं। और उन्हें न तो उनकी सुननी चाहिए, न ही उनसे कुछ लेना चाहिए। लेकिन जब कॉनी और गुडरून नाम के दो यहोवा के साक्षी उनके घर आए और उनसे कहा कि वे परमेश्वर के बारे में खुशखबरी देने आए हैं, तो बारबरा और योआकिम ने उनकी बात सुनने का फैसला किया। बातों-ही-बातों में भूत-विद्या का विषय छिड़ गया और कॉनी और गुडरून ने उन्हें इस बारे में बाइबल से सही-सही जानकारी दी। नतीजा यह हुआ कि बारबरा और योआकिम नियमित तौर पर बाइबल से चर्चा करने लगे।
जल्द ही योआकिम और बारबरा ने फैसला किया कि वे दुष्ट स्वर्गदूतों से अपने सारे नाते तोड़ देंगे। साक्षियों ने उन्हें समझाया कि ऐसा करने से दुष्ट स्वर्गदूत उन्हें परेशान कर सकते हैं। उनके साथ यही हुआ, उन्हें कई मुश्किलों से गुज़रना पड़ा और दुष्ट स्वर्गदूतों ने उन्हें बहुत सताया। वे डर के मारे रात को भी चैन से नहीं सो पाते थे। जब उन्होंने अपना घर बदला, तब जाकर उन्हें थोड़ी राहत मिली। इस मुश्किल दौर में उन्होंने फिलिप्पियों 4:13 के शब्दों पर अपना भरोसा बनाए रखा: “जो मुझे ताकत देता है, उसी से मुझे सब बातों के लिए शक्ति मिलती है।” यहोवा ने उनके इस फैसले पर आशीष दी और आखिरकार दुष्ट स्वर्गदूतों ने उन्हें सताना छोड़ दिया। आज वे खुशी-खुशी सच्चे परमेश्वर यहोवा की सेवा कर रहे हैं।
जो कोई यहोवा की आशीष पाना चाहता है, बाइबल उसे बढ़ावा देती है: “खुद को परमेश्वर के अधीन करो, मगर शैतान का सामना करो और वह तुम्हारे पास से भाग जाएगा। परमेश्वर के करीब आओ और वह तुम्हारे करीब आएगा।” (याकूब 4:7, 8) अगर आप दुष्ट स्वर्गदूतों के चंगुल से आज़ाद होना चाहते हैं, तो यकीन रखिए कि यहोवा परमेश्वर ज़रूर आपकी मदद करेगा। योआकिम और बारबरा आज जब पीछे मुड़कर देखते हैं कि वे किस तरह भूत-विद्या से आज़ाद हुए, तो वे भजन 121:2 में लिखे शब्दों को सच पाते हैं: “मुझे सहायता यहोवा की ओर से मिलती है।” (w12-E 03/01)
[फुटनोट]
^ नाम बदल दिए गए हैं।
^ मरे हुए किस दशा में हैं, इस बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए बाइबल असल में क्या सिखाती है? किताब का अध्याय 6 देखिए। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।
[पेज 27 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
जादू-टोना लोगों को परमेश्वर के साथ एक अच्छा रिश्ता बनाने से रोकता है
[पेज 28 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]
“परमेश्वर के करीब आओ और वह तुम्हारे करीब आएगा।”—याकूब 4:8