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प्रहरीदुर्ग पढ़नेवालों को

प्रहरीदुर्ग पढ़नेवालों को

प्रहरीदुर्ग पत्रिका की छपाई जुलाई 1879 में शुरू हुई थी। तब से लेकर आज तक, समय ने एक बड़ी करवट ली है और इस पत्रिका में भी बहुत-से बदलाव आए हैं। (ऊपर दी तसवीरें देखिए।) इस अंक की शुरूआत से आप प्रहरीदुर्ग में और भी बदलाव देखेंगे। ये बदलाव क्या होंगे?

बहुत-से देशों में ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग ऑनलाइन से जानकारी लेना पसंद कर रहे हैं। एक बटन दबाते ही वे ऐसी जानकारी पढ़ सकते हैं जो सिर्फ इंटरनेट पर उपलब्ध होती है। बहुत-सी किताबें, पत्रिकाएँ और अखबार ऑनलाइन पढ़े जा सकते हैं।

इस चलन को देखते हुए हमने हाल ही में अपनी वेब साइट www.pr418.com को एक नया रूप दिया है ताकि यह और भी दिलचस्प लगे और लोगों के लिए इस्तेमाल करना आसान हो जाए। इस साइट पर जानेवाले लोग अब तक 430 से ज़्यादा भाषाओं में उपलब्ध हमारे साहित्य पढ़ते आए हैं। मगर इस महीने की शुरूआत से वे ऐसे कुछ लेख भी पढ़ सकेंगे, जो पहले प्रहरीदुर्ग में छपते थे मगर अब सिर्फ ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। *

अब क्योंकि कई लेख सिर्फ ऑनलाइन उपलब्ध होंगे, इसलिए इस अंक से प्रहरीदुर्ग का जनता के लिए संस्करण 32 पेज से घटाकर 16 पेज कर दिया गया है। प्रहरीदुर्ग 204 भाषाओं में प्रकाशित की जाती है। अब जब यह पत्रिका कम पेज की हो गयी है, इसलिए इसका और भी ज़्यादा भाषाओं में अनुवाद करना मुमकिन हो गया है।

हम उम्मीद करते हैं कि इस फेरबदल से हम और भी ज़्यादा लोगों तक बाइबल से ज़िंदगी बचानेवाला संदेश पहुँचा पाएँगे। हमने ठान लिया है कि हम अपनी पत्रिकाओं और वेब साइट के ज़रिए उन लोगों को भरपूर मात्रा में दिलचस्प जानकारी देते रहेंगे, जो बाइबल का सम्मान करते हैं और जानना चाहते हैं कि यह असल में क्या सिखाती है। (w13-E 01/01)

प्रकाशक

^ हिंदी में प्रहरीदुर्ग का जनता के लिए संस्करण हर तीन महीने में एक बार छापा जाएगा।