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ज़िंदगी सँवार देती है बाइबल

“आखिरकार मुझे सच्ची आज़ादी मिल गयी!”

“आखिरकार मुझे सच्ची आज़ादी मिल गयी!”
  • जन्म: 1981

  • देश: अमरीका

  • उसका अतीत: उड़ाऊ बेटा

मेरा बीता कल:

मेरा जन्म माउंड्‌सविल नाम के एक शांत कसबे में हुआ था। यह कसबा, अमरीकी राज्य वेस्ट वर्जिनिया के उत्तर में ओहायो नदी के पास बसा है। हम चार बच्चे थे, तीन लड़के और एक लड़की। मैं दूसरे नंबर पर था। चार बच्चों के रहते घर में हमेशा शोर-शराबा मचा रहता था। मेरे माँ-बाप मेहनती और ईमानदार थे। उनके दिल में दूसरों के लिए प्यार था। हम अमीर नहीं थे, लेकिन ज़रूरत की हर चीज़ हमारे पास थी। मेरे माँ-बाप यहोवा के साक्षी थे, इसलिए जब हम छोटे थे तभी से उन्होंने हमें बाइबल सिद्धांत सिखाना शुरू किया।

लेकिन किशोर उम्र का होते-होते मेरा मन बहकने लगा। मैं खुद से सवाल करने लगा कि क्या वाकई बाइबल सिद्धांतों के मुताबिक जीने से मुझे खुशी मिलेगी। मुझे लगा कि खुशी पाने का सिर्फ एक ही रास्ता है, अपने मन मुताबिक काम करना। इसलिए जल्द ही मैंने मसीही सभाओं में जाना छोड़ दिया। मेरे बड़े भाई और मेरी छोटी बहन ने भी यही रास्ता इख्तियार किया। हमारे माँ-बाप ने हमारी मदद करने की भरसक कोशिश की, लेकिन हमने उनकी तमाम कोशिशें ठुकरा दीं।

उस वक्‍त मुझे एहसास नहीं हुआ कि जिस आज़ादी के पीछे मैं भाग रहा था, उसी वजह से मैं कई तरह की बुरी आदतों का गुलाम बन जाऊँगा। एक दिन जब मैं स्कूल से घर लौट रहा था, मेरे एक दोस्त ने मुझे सिगरेट दी। मैंने सिगरेट लेकर पी ली। उस दिन से मैं और भी कई बुरी लतों के लिए हामी भरने लगा। समय के गुज़रते, मैंने ड्रग्स लेना, शराब पीना और बदचलनी की ज़िंदगी जीना शुरू कर दिया। अगले कई सालों तक मैं और भी खतरनाक ड्रग्स आज़माने लगा और इनमें से कई ड्रग्स का आदी हो गया। मेरी ये लत दिन-ब-दिन बढ़ती गयी, इसलिए इन्हें पूरा करने के लिए मैं ड्रग्स बेचने लगा।

मैंने अपने अंदर की आवाज़ दबाने की बहुत कोशिश की, मगर यह मुझसे बार-बार कहती कि मेरे जीने का तरीका गलत है। फिर भी मुझे लगता था कि मैं गलत राह पर इतनी दूर आ गया हूँ कि अब लौटना नामुमकिन है। हालाँकि मैं पार्टियों और संगीत के प्रोग्रामों में लोगों से घिरा रहता था, फिर भी मैं अकेला और निराश महसूस करता था। कभी-कभी मैं सोचता कि कहाँ मेरे माँ-बाप जो इतने अच्छे और भले हैं, और कहाँ मैं जो उनकी बतायी राह से भटक गया हूँ।

बाइबल ने किस तरह मेरी ज़िंदगी सँवार दी:

मैंने अपने सुधरने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन दूसरों ने नहीं। सन्‌ 2000 में मेरे माँ-बाप ने मुझे यहोवा के साक्षियों के ज़िला अधिवेशन में आने के लिए कहा। मेरा जाने का मन तो नहीं था, फिर भी मैं गया। हैरानी की बात थी कि वहाँ मेरे भाई और बहन भी आए हुए थे, जो मेरी तरह भटक चुके थे।

अधिवेशन के दौरान अचानक मुझे याद आया कि करीब एक साल पहले मैं ठीक इसी जगह रॉक संगीत के प्रोग्राम के लिए आया था। उस दौरान जो माहौल था और इस अधिवेशन में जो माहौल था, इन दोनों के बीच के फर्क ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया। संगीत के प्रोग्राम में जगह-जगह कूड़ा-करकट बिखरा हुआ था और हर कहीं सिगरेट का धुआँ था। वहाँ मौजूद ज़्यादातर लोग बेरुखे और उखड़े-उखड़े से थे और संगीत में दिया जानेवाला संदेश निराशा भरा था। लेकिन अधिवेशन में मैं ऐसे लोगों से घिरा हुआ था जो सचमुच खुश थे। हालाँकि मैं सालों तक उनसे दूर रहा फिर भी उन्होंने प्यार से मेरा स्वागत किया। अधिवेशन की जगह साफ-सुथरी थी और जो संदेश दिया जा रहा था वह एक अच्छे भविष्य के बारे में था। बाइबल सच्चाई का यह असर देखकर मुझे पछतावा होने लगा कि मैंने सच्चाई क्यों ठुकरा दी!—यशायाह 48:17, 18.

“बाइबल में वाकई ज़बरदस्त ताकत है, इसी की बदौलत मैं ड्रग्स लेने और बेचने की आदत छोड़ पाया और एक बेहतर इंसान बन पाया हूँ”

अधिवेशन के तुरंत बाद मैंने फैसला किया कि मैं मसीही मंडली में वापस लौट जाऊँगा। मेरे भाई और बहन ने भी अधिवेशन में जो अनुभव किया, उसकी वजह से उन्होंने भी वापस लौट आने का फैसला किया। हम तीनों ने बाइबल अध्ययन करना शुरू किया।

बाइबल की जिस आयत ने मुझ पर सबसे गहरा असर किया, वह थी याकूब 4:8 जहाँ लिखा है: “परमेश्‍वर के करीब आओ और वह तुम्हारे करीब आएगा।” मुझे एहसास हुआ कि अगर मैं परमेश्‍वर के करीब आना चाहता हूँ तो मुझे अपनी ज़िंदगी में बदलाव करने होंगे। जैसे तंबाकू और ड्रग्स छोड़ना और ज़्यादा शराब पीने की लत छोड़ना।—2 कुरिंथियों 7:1.

मैंने अपने पुराने दोस्त छोड़ दिए और उनकी जगह नए दोस्त बनाए जो यहोवा के उपासक थे। जिस प्राचीन भाई ने मेरे साथ अध्ययन किया उसने मेरी बहुत मदद की। वह हमेशा मुझे फोन करता था और बीच-बीच में मुझसे मिलने भी आता था। आज तक यह भाई मेरे करीबी दोस्तों में से एक है।

सन्‌ 2001 में, मैंने और मेरे दोनों भाई-बहन ने यहोवा को अपना जीवन समर्पित कर पानी में बपतिस्मा लिया। जब हमारा पूरा परिवार यहोवा की उपासना में एक हो गया, तो आप सोच सकते हैं कि मेरे माँ-बाप और मेरे छोटे भाई को कितनी खुशी हुई होगी। हम चारों में से मेरा यही भाई शुरू से यहोवा का वफादार बना रहा।

मुझे क्या फायदा हुआ:

पहले मुझे बाइबल सिद्धांत बंदिश लगते थे, लेकिन अब मैं जान गया हूँ कि ये असल में हमारी हिफाज़त करते हैं। बाइबल में वाकई ज़बरदस्त ताकत है, इसी की बदौलत मैं ड्रग्स लेने और बेचने की आदत छोड़ पाया और एक बेहतर इंसान बन पाया हूँ।

मैं दुनिया-भर में फैले भाइयों की बिरादरी का एक हिस्सा हूँ और यह मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है। ये लोग एक-दूसरे से सच्चा प्यार करते हैं और यहोवा की उपासना में एक हैं। (यूहन्‍ना 13:34, 35) भाइयों की इसी बिरादरी से मुझे एक बहुत ही खास आशीष मिली, मेरी पत्नी एड्रीआन। मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ और उसकी कदर करता हूँ। हम दोनों मिलकर अपने सृष्टिकर्ता की सेवा करते हैं और इससे हमें बहुत खुशी मिलती है।

एक मतलबी ज़िंदगी जीने के बजाय आज मैं एक स्वंयसेवक के तौर पर सेवा करता हूँ। मैं अपना पूरा समय लोगों को यह सिखाने में बिताता हूँ कि कैसे वे भी मेरी तरह परमेश्‍वर के वचन से फायदा पा सकते हैं। इस काम से मुझे सबसे ज़्यादा खुशी मिलती है। मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूँ कि बाइबल ने मेरी ज़िंदगी बदलकर रख दी। आखिरकार मुझे सच्ची आज़ादी मिल गयी! ▪ (w13-E 01/01)