क7-च
यीशु की ज़िंदगी की खास घटनाएँ—गलील में बड़े पैमाने पर यीशु की सेवा (भाग 3) और यहूदिया में बाद की सेवा
वक्त |
जगह |
घटना |
मत्ती |
मरकुस |
लूका |
यूहन्ना |
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32, फसह के त्योहार के बाद |
गलील झील; बैतसैदा |
नाव से बैतसैदा जाते वक्त यीशु फरीसियों के खमीर से सावधान करता है; अंधे को ठीक करता है |
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कैसरिया फिलिप्पी का इलाका |
राज की चाबियाँ; अपनी मौत और ज़िंदा होने के बारे में भविष्यवाणी करता है |
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शायद हेरमोन पहाड़ |
रूप बदलने का दर्शन; यहोवा की आवाज़ |
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कैसरिया फिलिप्पी का इलाका |
लड़के में से दुष्ट स्वर्गदूत निकालता है |
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गलील |
दोबारा अपनी मौत की भविष्यवाणी करता है |
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कफरनहूम |
मछली के मुँह से मिले सिक्के से कर चुकाता है |
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राज में सबसे बड़ा कौन; भटकी हुई भेड़ और माफ न करनेवाले दास की मिसाल |
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गलील-सामरिया |
यरूशलेम जाते वक्त चेलों को राज के लिए सबकुछ दरकिनार करने को कहता है |
यहूदिया में यीशु की बाद की सेवा
वक्त |
जगह |
घटना |
मत्ती |
मरकुस |
लूका |
यूहन्ना |
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32, डेरों (या छप्परों) का त्योहार |
यरूशलेम |
त्योहार पर सिखाता है; उसे गिरफ्तार करने के लिए पहरेदार भेजे गए |
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कहता है “मैं दुनिया की रौशनी हूँ”; जन्म से अंधे आदमी को ठीक करता है |
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शायद यहूदिया |
70 चेलों को भेजता है; वे खुशी-खुशी लौटते हैं |
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यहूदिया; बैतनियाह |
दयालु सामरी की मिसाल; मरियम और मारथा के घर जाता है |
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शायद यहूदिया |
आदर्श प्रार्थना फिर से सिखाता है; माँगते रहनेवाले दोस्त की मिसाल |
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परमेश्वर की उँगली से दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालता है; फिर से योना का चिन्ह देता है |
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फरीसी के साथ खाना खाता है; फरीसियों के कपट के लिए उन्हें धिक्कारता है |
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मिसालें: मूर्ख अमीर आदमी और विश्वासयोग्य प्रबंधक |
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सब्त के दिन कुबड़ी औरत को चंगा करता है; राई के दाने और खमीर की मिसालें |
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32, समर्पण का त्योहार |
यरूशलेम |
अच्छे चरवाहे और भेड़शाला की मिसाल; यहूदी उसे पत्थरों से मार डालने की कोशिश करते हैं; यरदन के पार बैतनियाह के लिए रवाना होता है |