अय्यूब 16:1-22

16  अय्यूब ने कहा,   “इस तरह की बातें मैंने खूब सुनी हैं, दिलासा देना तो दूर, तुम सब मेरी तकलीफ और बढ़ा रहे हो।+   क्या तुम्हारी खोखली बातें कभी खत्म होंगी? तुम मुझसे इस तरह बात क्यों कर रहे हो?   अगर तुम मेरी जगह होते, तो मैं भी इस तरह की बातें कर सकता था,लंबे-लंबे भाषण झाड़ सकता था,सिर हिला-हिलाकर तुम्हारी खिल्ली उड़ा सकता था।+   मगर मैं ऐसा नहीं करता बल्कि अपने शब्दों से तुम्हें हिम्मत देता,अपनी बातों से तुम्हारा दुख हलका करता।+   मेरा दर्द न तो बोलने से दूर हो रहा है,+न चुप रहने से कम हो रहा है।   अब तो परमेश्‍वर ने मेरी हिम्मत तोड़ दी,+मेरा घर-परिवार तबाह कर दिया।   उसने मुझे भी इस कदर दबोचा कि मेरा शरीर कुम्हला गयाऔर मेरी हालत मेरे खिलाफ गवाही दे रही है।   गुस्से में आकर उसने मुझे फाड़ डाला, वह मुझसे दुश्‍मनी पाल रहा है,+मुझे देखकर दाँत पीसता है,मेरा दुश्‍मन मुझे आँखें दिखाता है।+ 10  लोग मेरे खिलाफ अपना मुँह खोलते हैं,+थप्पड़ मारकर मेरी बेइज़्ज़ती करते हैं,भीड़ लगाकर मुझे घेर लेते हैं।+ 11  परमेश्‍वर ने मुझे जवान लड़कों के हवाले कर दिया,मुझे खींचकर दुष्टों के हाथ कर दिया।+ 12  मैं चैन से जी रहा था, पर उसने मुझे हिलाकर रख दिया,+मेरी गरदन पकड़कर मुझे रौंद डाला,फिर खड़ा करके मुझे अपना निशाना बनाया। 13  उसके तीरंदाज़ मुझे घेरे हुए हैं,+वह मुझ पर बिलकुल तरस नहीं खाता,मेरे गुरदों को भेदता है,+ मेरे पित्त को ज़मीन पर उँडेल देता है। 14  मुझ पर वार-पे-वार करता है, मानो शहरपनाह तोड़ रहा हो,योद्धा की तरह मुझ पर टूट पड़ता है। 15  मैंने टाट सीकर पहन लिया है,+मैं इतना लाचार हूँ कि धूल में बैठा हूँ।*+ 16  रो-रोकर मेरा चेहरा लाल हो गया है,+मेरी आँखों में उदासी* है, 17  जबकि मैंने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ाऔर मेरी प्रार्थनाएँ सच्ची और निष्कपट हैं। 18  हे धरती, मेरे खून को मत ढकना,+ मेरे रोने की आवाज़ दबा न देना। 19  देखो! मेरा गवाह स्वर्ग में है,मेरे पक्ष में बोलनेवाला ऊपर बैठा है। 20  मेरे साथी मेरा मज़ाक उड़ाते हैं+और मैं परमेश्‍वर के आगे आँसू बहाता हूँ।*+ 21  जैसे दो आदमियों के बीच मामला सुलझाया जाता है,वैसे ही कोई तो आए, जो मेरे और परमेश्‍वर के बीच न्याय करे,+ 22  क्योंकि समय बहुत कम रह गया है,जल्द ही मैं उस राह पर चला जाऊँगा, जहाँ से लौटकर नहीं आऊँगा।+

कई फुटनोट

शा., “मैंने अपना सींग मिट्टी में गाड़ दिया है।”
या “मौत का साया।”
या शायद, “को ऐसे देखता हूँ मानो मेरी नींद उड़ गयी हो।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो