आमोस 4:1-13
4 “बाशान की गायो, यह संदेश सुनो,तुम जो सामरिया के पहाड़ों पर हो,+तुम ऐसी औरतें हो जो दीन-दुखियों को ठगती हैं,+ गरीबों को कुचल देती हैं,तुम अपने पतियों* से कहती हो, ‘शराब लाओ कि हम पीएँ!’
2 सारे जहान का मालिक यहोवा अपनी पवित्रता की शपथ खाकर कहता है,‘“देखो! तुम पर ऐसे दिन आनेवाले हैं जब वह तुम्हें कसाई के काँटों से उठाएगाऔर बाकियों को मछली पकड़ने के काँटों से उठाएगा।
3 तुम शहरपनाह की दरारों से निकलोगी, हर किसी को अपने सामने की दरार से निकलना होगाऔर तुम्हें हरमोन में फेंक दिया जाएगा।” यहोवा का यह ऐलान है।’
4 ‘बेतेल आओ और अपराध* करो,+गिलगाल आओ और अपराध-पर-अपराध करो!+
सुबह अपने बलिदान लाओ+और तीसरे दिन दसवाँ हिस्सा लाओ।+
5 धन्यवाद-बलि के लिए खमीरी रोटी जलाओ,+अपनी स्वेच्छा-बलियों का ढिंढोरा पीटो!
क्योंकि इसराएल के लोगो, तुम्हें यही तो पसंद है।’ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।
6 यहोवा ऐलान करता है, ‘मैंने तुम्हारे हर शहर में अकाल भेजा,*तुम्हारे सभी घरों में रोटी की तंगी फैलायी,+फिर भी तुम मेरे पास नहीं लौटे।’+
7 ‘मैंने कटाई से पहले के तीन महीने बारिश भी रोक दी,+एक शहर पर पानी बरसाया, दूसरे पर नहीं।
एक खेत पर बारिश होती,तो दूसरा खेत बारिश न होने की वजह से सूख जाता था।
8 दो-तीन शहरों के लोग लड़खड़ाते हुए पानी के लिए एक शहर जाते,+मगर उनकी प्यास नहीं बुझती,फिर भी तुम मेरे पास नहीं लौटे।’+ यहोवा का यह ऐलान है।
9 यहोवा ऐलान करता है, ‘मैंने तुम्हारी फसलों को झुलसन और बीमारी से मारा।+
तुम अपने बगीचे और अंगूरों के बाग बढ़ाते गए,मगर टिड्डी तुम्हारे अंजीर और जैतून के पेड़ों को चट कर जाती थी,+इसके बाद भी तुम मेरे पास नहीं लौटे।’+
10 यहोवा ऐलान करता है, ‘मैंने तुम्हारे बीच ऐसी महामारी भेजी जैसी मिस्र में आयी थी।+
मैंने तलवार से तुम्हारे जवानों को मार डाला+ और तुम्हारे घोड़े ले लिए।+
मैंने तुम्हारी छावनी की बदबू तुम्हारी नाकों में भर दी,+फिर भी तुम मेरे पास नहीं लौटे।’
11 यहोवा ऐलान करता है, ‘मैंने तुम्हारे देश को नाश कर दिया,जैसे मैंने सदोम और अमोरा को नाश किया था।+
तुम ऐसी लकड़ी जैसे थे जिसे आग से खींचकर निकाला गया हो,फिर भी तुम मेरे पास नहीं लौटे।’+
12 इसलिए हे इसराएल, मैं तुझे फिर से सज़ा दूँगा।
मैं तेरे साथ ऐसा ही करूँगा,हे इसराएल, अपने परमेश्वर के सामने आने के लिए तैयार हो जा।
13 क्योंकि देख! उसी ने पहाड़ बनाए+ और हवा की सृष्टि की थी,+वह इंसान को अपने विचार बताता है,भोर को अँधेरे में बदल देता है,+धरती की ऊँची जगहों को रौंद देता है,+उसका नाम सेनाओं का परमेश्वर यहोवा है।”