गिनती 17:1-13
17 यहोवा ने अब मूसा से कहा,
2 “इसराएलियों से कहना कि हर गोत्र की तरफ से एक छड़ी लायी जाए। तू हर गोत्र के प्रधान+ से एक छड़ी लेना जिससे कुल मिलाकर 12 छड़ियाँ होंगी। और हर प्रधान का नाम उसकी छड़ी पर लिखना।
3 लेवी गोत्र की छड़ी पर हारून का नाम लिखना। हर गोत्र के मुखिया के लिए एक छड़ी होनी चाहिए।
4 ये सारी छड़ियाँ भेंट के तंबू में गवाही के संदूक+ के सामने रखना जहाँ मैं अकसर तुम लोगों पर प्रकट होता हूँ।+
5 मैं जिस आदमी को चुनूँगा+ उसकी छड़ी पर कलियाँ फूट निकलेंगी। इस तरह मैं इसराएलियों का कुड़कुड़ाना बंद कर दूँगा+ ताकि वे फिर कभी न मेरे खिलाफ और न ही तुम्हारे खिलाफ कुड़कुड़ाएँ।”+
6 तब मूसा ने जाकर इसराएलियों को यह बात बतायी। फिर सभी प्रधानों ने उसे अपनी-अपनी छड़ी लाकर दी। हर गोत्र के प्रधान के लिए एक छड़ी थी। इस तरह कुल मिलाकर 12 छड़ियाँ थीं। उनमें से एक छड़ी हारून की थी।
7 मूसा उन छड़ियों को लेकर उस तंबू में गया जहाँ गवाही का संदूक था और उन्हें यहोवा के सामने रख दिया।
8 अगले दिन जब मूसा तंबू में गया तो उसने देखा कि हारून की छड़ी में कलियाँ फूट निकली हैं! उसकी छड़ी में, जो लेवी गोत्र की तरफ से रखी गयी थी, कलियाँ और फूल खिले हुए थे और पके बादाम भी लगे हुए थे।
9 फिर मूसा यहोवा के सामने रखी वे सारी छड़ियाँ लेकर बाहर इसराएल के सब लोगों के सामने आया। उन सबने वे छड़ियाँ देखीं और फिर हर आदमी ने अपनी छड़ी वापस ले ली।
10 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून की छड़ी+ वापस गवाही के संदूक के सामने रख दे। यह छड़ी बगावत करनेवालों+ के लिए चेतावनी होगी+ कि वे मेरे खिलाफ कुड़कुड़ाना बंद कर दें ताकि वे मर न जाएँ।”
11 मूसा ने फौरन जाकर वैसे ही किया जैसे यहोवा ने आज्ञा दी थी। उसने ठीक वैसा ही किया।
12 इसके बाद इसराएली मूसा से कहने लगे, “अब तो लगता है कि हममें से कोई मौत से नहीं बच सकता। हम ज़रूर नाश हो जाएँगे, सब-के-सब नाश हो जाएँगे!
13 अगर कोई यहोवा के पवित्र डेरे के पास भी जाएगा, तो वह मर जाएगा!+ क्या इसी तरह हम सबका अंत हो जाएगा?”+