जकरयाह 9:1-17
9 परमेश्वर की तरफ से संदेश:
“यहोवा ने हदराक देश को सज़ा सुनायी है,दमिश्क उसका खास निशाना है।+
(क्योंकि यहोवा की आँखें इसराएल के सब गोत्रों के साथ-साथ इंसानों पर लगी हैं।)+
2 उसके पड़ोसी हमात को भी सज़ा सुनायी गयी है,+यह सोर और सीदोन के लिए भी है,+क्योंकि वे खुद को बहुत बुद्धिमान समझते हैं।+
3 सोर ने अपने लिए मज़बूत गढ़* खड़े किए हैं,
धूल के कणों के समान बेशुमार चाँदी जमा कर ली है,सड़क की मिट्टी के समान सोने का ढेर लगा लिया है।+
4 देखो! यहोवा उसका खज़ाना उससे छीन लेगा,उसकी सेना को समुंदर में मार डालेगा,+वह नगरी आग में भस्म हो जाएगी।+
5 यह देखकर अश्कलोन के होश उड़ जाएँगे,गाज़ा दुख के मारे तड़प उठेगीऔर एक्रोन का भी वही हाल होगा, क्योंकि उसकी आशा टूट जाएगी।
गाज़ा से राजा का नामो-निशान मिट जाएगाऔर अश्कलोन फिर कभी नहीं बसेगी।+
6 अशदोद में परदेसियों की औलाद आकर बसेरा करेगी,मैं पलिश्त का घमंड तोड़ दूँगा।+
7 मैं खून से सनी चीज़ें उसके मुँह से हटा दूँगा,घिनौनी चीज़ें उसके दाँतों के बीच से निकाल दूँगा,उसके बचे हुए लोग हमारे परमेश्वर के हो जाएँगेऔर यहूदा में शेख* की तरह रहेंगे।+एक्रोन के लोग यबूसियों के जैसे हो जाएँगे।+
8 मैं अपने घर के बाहर तंबू लगाकर पहरा दूँगा+ताकि कोई आ-जा न सके।फिर कभी कोई ज़ालिम वहाँ से नहीं गुज़रेगा,+क्योंकि मैंने अपनी आँखों से यह* देखा है।
9 हे सिय्योन की बेटी, खुशियाँ मना!
हे यरूशलेम की बेटी, जयजयकार कर!
देख! तेरा राजा तेरे पास आ रहा है।+
वह नेक है और उद्धार दिलाएगा,*वह नम्र है,+ वह गधे पर सवार होकर आ रहा है,हाँ, गधी के बच्चे पर आ रहा है।+
10 मैं एप्रैम से युद्ध-रथोंऔर यरूशलेम से घोड़ों को ले लूँगा।
युद्ध के धनुष छीन लिए जाएँगे।
वह देश-देश में शांति का ऐलान करेगा,+उसका राज एक सागर से दूसरे सागर तकऔर महानदी* से धरती के छोर तक फैला होगा।+
11 हे औरत,* जहाँ तक तेरी बात है,मैं तेरे कैदियों को सूखे गड्ढे से बाहर निकालूँगा।+मैं तेरे उस करार की वजह से ऐसा करूँगा, जिसे खून से पक्का किया गया था।
12 हे आशा रखनेवाले कैदियो, मज़बूत गढ़ में लौट आओ।+
आज मैं तुझसे कहता हूँ,‘हे औरत, मैं तुझे दुगनी आशीष दूँगा।+
13 मैं यहूदा को अपने धनुष की तरह मोड़ूँगाऔर एप्रैम को उस कमान पर तानूँगा।*
हे सिय्योन, मैं तेरे बेटों कोयूनान के बेटों के खिलाफ उभारूँगा।
मैं तुझे योद्धा की तलवार बना दूँगा।’
14 यहोवा दिखा देगा कि वह अपने लोगों के साथ है,उसके तीर, बिजली की फुर्ती से छूटेंगे।
सारे जहान का मालिक यहोवा, नरसिंगा फूँकेगा+और दक्षिण की आँधी की तरह दुश्मनों पर टूट पड़ेगा।
15 सेनाओं का परमेश्वर यहोवा अपने लोगों की रक्षा करेगा,दुश्मन गोफन के पत्थरों से उन पर वार करेंगे, मगर वे दुश्मनों को हरा देंगे,+
वे खुश होकर ऐसे शोर मचाएँगे, जैसे दाख-मदिरा के नशे में हों,वे कटोरे की तरह भर जाएँगे,वेदी के कोनों की तरह भीग जाएँगे।+
16 उस दिन उनका परमेश्वर यहोवा,अपने लोगों को, अपने झुंड को बचाएगा।+वे मुकुट में जड़े रत्नों की तरह उसके देश में चमकेंगे।+
17 परमेश्वर की भलाई लाजवाब है!+
उसकी शोभा बेमिसाल है!
जवान, अनाज खाकर फलेंगे-फूलेंगेऔर कुँवारियाँ नयी दाख-मदिरा पीकर खुश होंगी।”+
कई फुटनोट
^ शा., “सुरक्षा की ढलान।”
^ शेख, गोत्र का प्रधान था।
^ ज़ाहिर है, उसके लोगों का दुख।
^ या “और विजयी है; और बचाया गया है।”
^ यानी फरात नदी।
^ यानी सिय्योन या यरूशलेम।
^ यानी तीर की तरह।