दानियेल 11:1-45
11 मादी दारा के राज के पहले साल,+ मैं उसकी हिम्मत बँधाने और उसे मज़बूत करने के लिए* खड़ा हुआ।
2 अब मैं तुझे एक सच्ची बात बताने जा रहा हूँ:
देख! फारस में तीन और राजा उठेंगे और चौथा राजा बाकियों से ज़्यादा दौलत इकट्ठी करेगा। और जब वह अपनी दौलत के दम पर ताकतवर हो जाएगा, तो वह हर किसी को यूनान के राज्य+ के खिलाफ भड़काएगा।
3 फिर एक ताकतवर राजा उठेगा और एक बड़े इलाके पर राज करेगा+ और अपनी मनमानी करेगा।
4 मगर उसके उठने के बाद उसके राज्य के टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाएँगे और चार दिशाओं में बिखरा दिए जाएँगे।+ उसका राज्य उसके वंशजों को नहीं दिया जाएगा और जो उसके बाद आएँगे उनका इलाका उसके इलाके जितना नहीं होगा, क्योंकि उसका राज्य जड़ से उखाड़ दिया जाएगा और दूसरों का हो जाएगा।
5 दक्षिण का राजा यानी उसके हाकिमों में से एक ताकतवर हो जाएगा। मगर कोई और उससे ज़्यादा ताकतवर होगा और एक बड़े इलाके पर राज करेगा और वह उससे ज़्यादा अधिकार पाएगा।
6 कुछ साल बाद वे एक संधि करेंगे। दक्षिण के राजा की बेटी उत्तर के राजा के पास आएगी ताकि उनके बीच एक समझौता हो। मगर उस बेटी की ताकत मिट जाएगी और न राजा टिकेगा, न ही उसकी ताकत रहेगी और बेटी दूसरे के हवाले कर दी जाएगी। बेटी और उसे लानेवाले और उसका पिता और वह जिसने उन दिनों उसे ताकतवर बनाया था, सब दूसरों के हवाले कर दिए जाएँगे।
7 उस बेटी की जड़ों में से एक अंकुर निकलकर अपने पिता की जगह लेगा। वह सेना के पास आएगा और उत्तर के राजा के किले पर हमला करेगा और उनके खिलाफ कदम उठाकर उन्हें जीत लेगा।
8 साथ ही, वह उनके देवताओं, उनकी धातु की मूरतों* और उनके सोने-चाँदी की मनभावनी* चीज़ों को लेकर और उनके लोगों को बंदी बनाकर मिस्र लौट आएगा। वह कुछ साल तक उत्तर के राजा पर हमला नहीं करेगा।
9 मगर उत्तर का राजा दक्षिण के राजा के राज्य पर हमला करेगा, लेकिन फिर वह अपने देश लौट जाएगा।
10 उसके बेटे युद्ध की तैयारी करेंगे और एक बड़ी, विशाल सेना इकट्ठी करेंगे। वह ज़रूर आगे बढ़ेगा और एक बाढ़ की तरह सबकुछ बहा ले जाएगा। मगर फिर वह वापस चला जाएगा और युद्ध करता हुआ अपने किले में लौट जाएगा।
11 दक्षिण का राजा कड़वाहट से भर जाएगा और निकल पड़ेगा और उससे यानी उत्तर के राजा से युद्ध करेगा। वह एक बड़ी भीड़ इकट्ठी करेगा, मगर भीड़ उसके हवाले कर दी जाएगी।
12 उस भीड़ को ले जाया जाएगा। उसका मन घमंड से फूल जाएगा और वह लाखों लोगों को गिराएगा, फिर भी वह अपनी ताकत का फायदा नहीं उठाएगा।
13 उत्तर का राजा लौट आएगा और पहले से भी बड़ी भीड़ इकट्ठी करेगा। उस दौर के खत्म होने पर, यानी कुछ साल बाद वह एक विशाल सेना के साथ ज़रूर आएगा, जो हथियारों से पूरी तरह लैस होगी।
14 उस समय दक्षिण के राजा के खिलाफ बहुत-से लोग उठ खड़े होंगे।
तेरे लोगों में से जो खूँखार* हैं वे बहकावे में आकर दर्शन को पूरा करने की कोशिश करेंगे, मगर वे ठोकर खाकर गिर जाएँगे।
15 उत्तर का राजा आएगा और एक किलेबंद शहर के चारों तरफ घेराबंदी की ढलान खड़ी करेगा और उस पर कब्ज़ा कर लेगा। दक्षिण की सेनाएँ और उनके बड़े-बड़े सूरमा नहीं टिक पाएँगे। उनके पास मुकाबला करने की ताकत नहीं होगी।
16 दक्षिण के राजा के खिलाफ आनेवाला अपनी मनमानी करेगा और उसके सामने कोई नहीं टिक पाएगा। वह सुंदर देश*+ में जाकर खड़ा होगा और उसके पास नाश करने की ताकत होगी।
17 वह अपने राज्य की पूरी ताकत को लेकर पक्के इरादे के साथ आएगा, मगर फिर वह उस राजा के साथ समझौता करेगा और कदम उठाएगा। उसे औरतों की बेटी को नाश करने का अधिकार दिया जाएगा। वह बेटी नहीं टिकेगी, न ही उसकी बनी रहेगी।
18 वह फिर से समुंदर किनारे के इलाकों की तरफ मुँह करके बहुत-सी जगहों पर कब्ज़ा कर लेगा। इसने दूसरे के हाथों जो बेइज़्ज़ती सही है, उसे एक सेनापति आकर दूर कर देगा। वह और बेइज़्ज़त न होगा, क्योंकि वह बेइज़्ज़ती करनेवाले को ही बेइज़्ज़त कर देगा।
19 फिर राजा अपने देश के किले की तरफ मुँह करेगा। वह लड़खड़ाकर गिर जाएगा और उसका पता भी न चलेगा।
20 उसकी जगह एक और राजा आएगा जो वैभवशाली राज्य के पूरे इलाके में कर-वसूलनेवाले* को भेजेगा, लेकिन वह राजा कुछ ही दिनों में मिटा दिया जाएगा, मगर न क्रोध से न ही युद्ध से।
21 उसकी जगह एक तुच्छ* आदमी उठेगा और वे राज्य का प्रताप उसके हाथ में नहीं देंगे। वह अमन-चैन के दौर में* आएगा और चिकनी-चुपड़ी* बातें करके राज्य पर अधिकार कर लेगा।
22 वह बाढ़ जैसी सेनाओं को हरा देगा और वे कुचल दी जाएँगी और करार+ का अगुवा+ भी कुचल दिया जाएगा।
23 उन्होंने उसके साथ जो संधि की होगी उसकी वजह से वह छल करेगा और उठेगा और एक छोटे राष्ट्र के दम पर शक्तिशाली बन जाएगा।
24 वह अमन-चैन के एक दौर में* प्रांत* की सबसे बढ़िया जगहों में आएगा और ऐसा काम करेगा जो उसके पुरखों ने नहीं किया था। वह लूट का सारा माल उनमें बाँट देगा और किलेबंद जगहों को लेने की साज़िशें रचेगा, मगर सिर्फ कुछ समय के लिए।
25 वह ताकत और हिम्मत* जुटाएगा और एक विशाल सेना लेकर दक्षिण के राजा पर हमला करने आएगा। दक्षिण का राजा एक बहुत बड़ी और ताकतवर सेना के साथ युद्ध की तैयारी करेगा। वह खड़ा नहीं रह पाएगा क्योंकि वे उसके खिलाफ साज़िशें रचेंगे।
26 उसके साथ शाही खाना खानेवाले ही उसे गिरा देंगे।
जहाँ तक उसकी सेना की बात है, उसका सफाया कर दिया जाएगा* और बहुत-से लोग मार डाले जाएँगे।
27 इन दोनों राजाओं का मन बुराई की तरफ झुका रहेगा। वे एक ही मेज़ पर बैठकर एक-दूसरे से झूठ बोलेंगे। मगर उन्हें किसी भी बात में कामयाबी नहीं मिलेगी क्योंकि अंत भविष्य में तय समय पर होगा।+
28 वह खूब सारा माल लेकर अपने देश लौट जाएगा और उसका मन पवित्र करार के खिलाफ होगा। वह कार्रवाई करेगा और अपने देश लौट जाएगा।
29 वह तय समय पर लौट आएगा और दक्षिण पर हमला करेगा। मगर इस बार हालात पहले जैसे नहीं होंगे,
30 क्योंकि कित्तीम+ के जहाज़ उस पर हमला करेंगे और उसे नीचा किया जाएगा।
वह लौट जाएगा और पवित्र करार पर अपना गुस्सा निकालेगा+ और कदम उठाएगा। वह लौट जाएगा और पवित्र करार छोड़नेवालों पर ध्यान देगा।
31 उसकी सेनाएँ खड़ी होंगी और पवित्र-स्थान और किले को दूषित कर देंगी+ और नियमित बलियाँ बंद कर देंगी।+
और वे उजाड़नेवाली घिनौनी चीज़ खड़ी करेंगे।+
32 जो लोग करार के खिलाफ दुष्ट काम करते हैं उन्हें वह चिकनी-चुपड़ी बातों से* बगावत की राह पर ले जाएगा। मगर जो लोग अपने परमेश्वर को जानते हैं वे उससे भी मज़बूत साबित होंगे और कदम उठाएँगे।
33 लोगों में से जिनके पास अंदरूनी समझ है+ वे बहुतों को समझ देंगे। उन्हें कुछ दिनों तक तलवार, आग की ज्वाला, बँधुआई और लूटमार से गिराया जाएगा।
34 मगर जब उन्हें गिराया जाएगा तो उन्हें थोड़ी मदद दी जाएगी। बहुत-से लोग चिकनी-चुपड़ी बातें कहकर* उनसे मिल जाएँगे।
35 और अंदरूनी समझ रखनेवालों में से कुछ लोग गिरा दिए जाएँगे ताकि उनकी वजह से शुद्ध करने का काम हो सके और साफ करने और उजला करने का काम+ अंत के समय तक चलता रहे क्योंकि यह सब भविष्य में तय समय पर पूरा होगा।
36 राजा अपनी मनमानी करेगा। वह हर देवता से खुद को ऊपर उठाएगा और उनसे ज़्यादा खुद की बड़ाई करेगा। वह सब ईश्वरों से महान ईश्वर+ के खिलाफ चौंकानेवाली बातें कहेगा। वह तब तक कामयाब होता जाएगा जब तक कि क्रोध पूरी तरह प्रकट नहीं हो जाता क्योंकि जो तय किया गया है वह होकर ही रहेगा।
37 वह अपने पिताओं के ईश्वर की कोई कदर नहीं करेगा, न ही औरतों की ख्वाहिश की या किसी और देवता की परवाह करेगा। वह खुद को सबसे ऊँचा उठाएगा।
38 इसके बजाय* वह किलों के देवता की महिमा करेगा, ऐसे देवता को सोना-चाँदी, कीमती रत्न और मनभावनी* चीज़ें चढ़ाएगा जिसे उसके पिता नहीं जानते थे और ऐसा करके उसकी महिमा करेगा।
39 वह एक पराए देवता के साथ मिलकर* मज़बूत-से-मज़बूत गढ़ों के खिलाफ कदम उठाएगा। जो उसे मानते हैं उनकी* वह बहुत बड़ाई करेगा और उन्हें बहुतों पर राज करने का अधिकार देगा और दाम लेकर उनमें ज़मीन बाँट देगा।
40 अंत के समय में दक्षिण का राजा उससे भिड़ेगा* और उत्तर का राजा रथों, घुड़सवारों और बहुत-से जहाज़ों के साथ उस पर आँधी की तरह टूट पड़ेगा। वह कई देशों में घुस जाएगा और बाढ़ की तरह सबकुछ बहा ले जाएगा।
41 वह सुंदर देश* में भी घुस जाएगा+ और बहुत-से देश हरा दिए जाएँगे। मगर जो उसके हाथ से बच जाएँगे, वे ये हैं: एदोम, मोआब और अम्मोनियों का सबसे खास हिस्सा।
42 वह कई देशों की तरफ अपना हाथ बढ़ाता जाएगा और मिस्र देश भी नहीं बचेगा।
43 वह मिस्र के छिपे खज़ाने यानी सोने-चाँदी और वहाँ की सारी मनभावनी* चीज़ों का मालिक बन जाएगा। लिबिया और इथियोपिया के लोग उसके कदमों में होंगे।*
44 मगर पूरब और उत्तर से मिलनेवाली खबरों से वह बेचैन हो उठेगा और बड़ी जलजलाहट में आकर बहुतों को नाश करने और मिटाने के लिए निकल पड़ेगा।
45 वह अपने शाही* तंबू विशाल सागर और सुंदर देश* के पवित्र पहाड़ के बीच खड़े करेगा।+ आखिरकार उसका अंत हो जाएगा और उसकी मदद करनेवाला कोई न होगा।
कई फुटनोट
^ या “उसके लिए एक किले की तरह बनने।”
^ या “ढली हुई मूरतों।”
^ या “अनमोल।”
^ या “लुटेरों के बेटे।”
^ या “सरताज।”
^ या “काम लेनेवाले जल्लाद।”
^ या “नीच।”
^ या “साज़िशों के बारे में।”
^ या शायद, “बिना चेतावनी दिए।”
^ या शायद, “बिना चेतावनी दिए।”
^ या “ज़िला अधिकार-क्षेत्र।”
^ शा., “अपना दिल।”
^ या “उसे बाढ़ से बहा दिया जाएगा।”
^ या “चापलूसी करके; धोखे से।”
^ या “चापलूसी करके; धोखे से।”
^ या “अनमोल।”
^ या “उसके बदले।”
^ या “की मदद से।”
^ या शायद, “जिसे भी वह मानता है उसकी।”
^ या “उससे सींग लड़ाएगा।”
^ या “सरताज।”
^ या “अनमोल।”
^ या “उसके पीछे जाएँगे।”
^ या “आलीशान।”
^ या “सरताज।”