निर्गमन 11:1-10
11 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं फिरौन और मिस्र पर एक और कहर लानेवाला हूँ। उसके बाद वह तुम्हें अपने देश से ज़रूर भेज देगा,+ यहाँ तक कि वह तुम्हें भगा देगा।+
2 अब तू जाकर इसराएलियों से कह कि सभी आदमी-औरतें अपने मिस्री पड़ोसियों से सोने-चाँदी की चीज़ें माँगें।”+
3 यहोवा ने मिस्रियों को इसराएलियों पर मेहरबान कर दिया। यही नहीं, फिरौन के अधिकारी और मिस्री लोग मूसा का बहुत सम्मान करने लगे।
4 फिर मूसा ने कहा, “यहोवा ने कहा है, ‘आज आधी रात को मैं मिस्र आनेवाला हूँ।+
5 मिस्र देश का हर पहलौठा मर जाएगा।+ राजगद्दी पर बैठे फिरौन के पहलौठे से लेकर चक्की* पीसनेवाली दासी के पहलौठे तक, सब मर जाएँगे और सब जानवरों के पहलौठे भी मर जाएँगे।+
6 देश-भर में ऐसा रोना-बिलखना होगा जैसा न पहले कभी हुआ था, न फिर कभी होगा।+
7 मगर इसराएली और उनके जानवर सब सलामत रहेंगे, उन पर एक कुत्ता भी नहीं भौंकेगा। तब तुम जान जाओगे कि यहोवा इसराएलियों और मिस्रियों में कैसे फर्क कर सकता है।’+
8 जब परमेश्वर यह कहर लाएगा, तब तेरे सभी अधिकारी मेरे पास आएँगे और मेरे सामने गिरकर मुझसे बिनती करेंगे, ‘तू और तेरे सब लोग यह देश छोड़कर चले जाएँ।’+ और तब मैं इस देश से निकल जाऊँगा।” इतना कहकर मूसा तमतमाता हुआ फिरौन के पास से चला गया।
9 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “फिरौन तुम्हारी बात नहीं मानेगा+ क्योंकि मिस्र में मुझे और भी चमत्कार जो दिखाने हैं।”+
10 मूसा और हारून ने फिरौन के देखते ये सारे चमत्कार किए,+ मगर फिरौन का दिल कठोर बना रहा और यहोवा ने उसे कठोर ही रहने दिया। फिरौन ने इसराएलियों को अपने देश से नहीं जाने दिया।+
कई फुटनोट
^ शा., “हाथ की चक्की।”