निर्गमन 17:1-16

17  इसराएलियों की पूरी मंडली यहोवा के आदेश के मुताबिक सीन वीराने से आगे बढ़ी।+ वे जगह-जगह से होते हुए रपीदीम+ पहुँचे और वहाँ उन्होंने डेरा डाला।+ मगर लोगों के पीने के लिए कहीं पानी नहीं था।  इसलिए लोग मूसा से झगड़ने लगे+ और कहने लगे, “हमें पीने के लिए पानी दे।” मूसा ने उनसे कहा, “तुम लोग क्यों मुझसे झगड़ रहे हो? क्यों बार-बार यहोवा की परीक्षा लेते हो?”+  फिर भी वे मूसा के खिलाफ कुड़कुड़ाते रहे क्योंकि उन्हें बहुत प्यास लगी थी।+ वे मूसा से कहते रहे, “तू क्यों हमें मिस्र से यहाँ ले आया? क्यों हमें और हमारे बच्चों और जानवरों को प्यासा मार रहा है?”  आखिरकार मूसा ने यहोवा को पुकारा, “मैं इन लोगों का क्या करूँ? कुछ ही देर में ये लोग मुझे पत्थरों से मार डालेंगे!”  यहोवा ने मूसा से कहा, “तू अपने हाथ में वह छड़ी ले, जिसे तूने नील नदी पर मारा था+ और इसराएल के कुछ मुखियाओं को लेकर लोगों के आगे-आगे चल  और होरेब जा। देख! मैं वहाँ होरेब में चट्टान के पास तेरे सामने खड़ा रहूँगा। तुझे उस चट्टान पर छड़ी मारनी होगी, तब उसमें से पानी निकलेगा और लोग पीएँगे।”+ मूसा ने इसराएल के मुखियाओं के देखते ऐसा ही किया।  उसने उस जगह का नाम मस्सा*+ और मरीबा*+ रखा, क्योंकि वहीं पर इसराएलियों ने उससे झगड़ा किया था और यह कहते हुए यहोवा की परीक्षा ली थी,+ “यहोवा हमारे बीच है भी या नहीं?”  जब इसराएली रपीदीम में थे, तब अमालेकी+ लोगों ने आकर उन पर हमला बोल दिया।+  इस पर मूसा ने यहोशू+ से कहा, “तू हमारे कुछ आदमियों को चुन और उन्हें साथ लेकर कल अमालेकियों से लड़ने जा। मैं अपने हाथ में सच्चे परमेश्‍वर की छड़ी लिए पहाड़ी की चोटी पर खड़ा रहूँगा।” 10  यहोशू ने ठीक वैसा ही किया जैसा मूसा ने उसे बताया था।+ उसने जाकर अमालेकियों से लड़ाई की। मूसा, हारून और हूर+ पहाड़ी की चोटी पर गए। 11  इस लड़ाई के दौरान जब मूसा अपने हाथ ऊपर उठाए रहता तो इसराएली जीतने लगते, मगर जैसे ही वह अपने हाथ नीचे करता अमालेकी जीतने लगते। 12  कुछ समय बाद जब मूसा के हाथ थकने लगे तो वे उसके बैठने के लिए एक पत्थर ले आए और मूसा उस पर बैठ गया। फिर हारून और हूर ने मूसा के हाथों को सहारा दिया, एक ने बायीं तरफ से और दूसरे ने दायीं तरफ से। इसलिए सूरज ढलने तक मूसा अपने हाथ ऊपर उठाए रहा। 13  इस तरह यहोशू ने अपनी तलवार से अमालेकियों और उनके साथियों को हरा दिया।+ 14  फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “मैं अमालेकियों को धरती* से इस तरह मिटा दूँगा कि कोई उन्हें याद तक नहीं करेगा। मेरी यह बात किताब में लिखकर रख ताकि यह कभी भुलायी न जाए* और यहोशू को भी सुना।”+ 15  इसके बाद मूसा ने एक वेदी बनायी और उसका नाम यहोवा-निस्सी* रखा। 16  उसने कहा, “अमालेक ने याह की राजगद्दी के खिलाफ हाथ उठाया है,+ इसलिए यहोवा पीढ़ी-पीढ़ी तक उससे युद्ध करता रहेगा।”+

कई फुटनोट

मतलब “झगड़ा करना।”
मतलब “परीक्षा लेना; आज़माइश।”
शा., “आकाश के नीचे।”
या “यादगार बन जाए।”
मतलब “यहोवा मेरी निशानी का खंभा है।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो