निर्गमन 25:1-40

25  फिर यहोवा ने मूसा से कहा,  “इसराएल के लोगों से कहना कि वे मेरे लिए दान लेकर आएँ। ऐसे हर इंसान से, जिसका दिल उसे देने के लिए उभारता है, तुम मेरे लिए दान इकट्ठा करना।+  लोगों से तुम दान में ये चीज़ें लेना: सोना,+ चाँदी,+ ताँबा,+  नीला धागा, बैंजनी ऊन,* सुर्ख लाल धागा,* बढ़िया मलमल, बकरी के बाल,  लाल रंग से रंगी हुई मेढ़े की खाल, सील मछली की खाल, बबूल की लकड़ी,+  दीयों के लिए तेल,+ अभिषेक के तेल+ और सुगंधित धूप+ के लिए बलसाँ,  एपोद+ और सीनेबंद+ में जड़ने के लिए सुलेमानी पत्थर और दूसरे रत्न।  वे मेरे लिए एक पवित्र-स्थान बनाएँ और मैं उनके बीच निवास* करूँगा।+  मैं तुझे एक नमूना दिखाऊँगा और तुम लोग ठीक उसी के मुताबिक मेरे लिए एक पवित्र डेरा और उसके सारे साजो-सामान बनाना।+ 10  वे बबूल की लकड़ी से एक संदूक* बनाएँ जिसकी लंबाई ढाई हाथ,* चौड़ाई डेढ़ हाथ और ऊँचाई डेढ़ हाथ हो।+ 11  फिर तू शुद्ध सोने से संदूक को मढ़ना।+ तू अंदर और बाहर से उस पर सोना मढ़ना और उसके चारों तरफ सोने का एक नक्काशीदार किनारा बनाना।+ 12  और तू सोने के चार कड़े ढालकर बनाना और उन्हें संदूक के चारों पायों के ऊपर लगाना, संदूक के एक तरफ दो कड़े हों और दूसरी तरफ दो कड़े। 13  और बबूल की लकड़ी से लंबे-लंबे डंडे बनाना और उन पर सोना मढ़ना।+ 14  फिर तू ये डंडे संदूक के दोनों तरफ लगे कड़ों में डालना ताकि उनके सहारे संदूक उठाया जा सके। 15  ये डंडे हमेशा संदूक के कड़ों के अंदर ही रहें, उन्हें कभी कड़ों से बाहर न निकाला जाए।+ 16  तू संदूक के अंदर गवाही की वे पटियाएँ रखना जो मैं तुझे दूँगा।+ 17  तू संदूक के लिए एक ढकना तैयार करना जो शुद्ध सोने का बना हो। इसकी लंबाई ढाई हाथ हो और चौड़ाई डेढ़ हाथ।+ 18  संदूक के ढकने के दोनों किनारों पर सोने के दो करूब बनाना। सोने को हथौड़े से पीटकर ये करूब बनाना।+ 19  ढकने के दोनों किनारों पर करूब बनाना, एक किनारे पर एक करूब होगा और दूसरे किनारे पर दूसरा करूब। 20  करूबों के दोनों पंख ऊपर की तरफ फैले हुए हों और संदूक के ढकने को ढके हुए हों।+ दोनों करूब आमने-सामने हों और उनके मुँह ढकने की तरफ नीचे झुके हुए हों। 21  तू ढकने को संदूक के ऊपर रखना+ और संदूक के अंदर गवाही की वे पटियाएँ रखना जो मैं तुझे दूँगा। 22  मैं संदूक के ढकने के ऊपर तुझ पर प्रकट होऊँगा और वहीं से तुझसे बात किया करूँगा।+ मैं गवाही के संदूक के ऊपर दोनों करूबों के बीच से तुझे वह सारी आज्ञाएँ दूँगा जिन पर इसराएलियों को चलना है। 23  तू बबूल की लकड़ी से एक मेज़ भी बनाना।+ उसकी लंबाई दो हाथ, चौड़ाई एक हाथ और ऊँचाई डेढ़ हाथ हो।+ 24  मेज़ को शुद्ध सोने से मढ़ना और उसके चारों तरफ सोने का एक नक्काशीदार किनारा बनाना। 25  फिर उस किनारे के साथ-साथ मेज़ के चारों तरफ एक पट्टी भी बनाना। उस पट्टी की चौड़ाई चार अंगुल* हो। पट्टी के नीचे सोने का एक नक्काशीदार किनारा बनाना। 26  मेज़ के लिए सोने के चार कड़े बनाना और उन्हें मेज़ के चारों कोनों पर उस जगह लगाना जहाँ उसके चार पाए जुड़े हों। 27  ये कड़े मेज़ की पट्टी के बिलकुल पास हों ताकि उनके अंदर वे डंडे डाले जाएँ जिनके सहारे मेज़ उठायी जाएगी। 28  तू ये डंडे बबूल की लकड़ी से बनाना और उन पर सोना मढ़ना। इन डंडों के सहारे ही मेज़ उठायी जाएगी। 29  तू मेज़ के लिए थालियाँ और प्याले बनाना और अर्घ चढ़ाने के लिए सुराहियाँ और कटोरे बनाना। तू ये सारे बरतन शुद्ध सोने के बनाना।+ 30  तू मेज़ पर मेरे सामने नज़राने की रोटी नियमित तौर पर रखना।+ 31  तू शुद्ध सोने की एक दीवट बनाना।+ सोने को हथौड़े से पीटकर यह दीवट बनाना। दीवट का पाया, उसकी डंडी, डालियाँ, फूल, कलियाँ और पंखुड़ियाँ, ये सब सोने के एक ही टुकड़े के बने हों।+ 32  दीवट की डंडी के दोनों तरफ से छ: डालियाँ निकलेंगी, एक तरफ से तीन और दूसरी तरफ से तीन। 33  हर डाली पर बादाम के फूल जैसे तीन फूलों की बनावट होनी चाहिए। और इन फूलों के बीच एक कली और एक पंखुड़ी की रचना होनी चाहिए। इस तरह की रचनाएँ दीवट की डंडी से निकलनेवाली छ: की छ: डालियों पर होनी चाहिए। 34  दीवट की डंडी पर बादाम के फूल जैसे चार फूलों की बनावट होनी चाहिए और फूलों के बीच एक कली और एक पंखुड़ी होनी चाहिए। 35  दीवट की डंडी के जिस हिस्से से डालियों का पहला जोड़ा निकलता है उसके नीचे एक कली जैसी रचना होनी चाहिए। इसी तरह जहाँ से डालियों का दूसरा और तीसरा जोड़ा निकलता है, उसके नीचे भी एक-एक कली जैसी रचना होनी चाहिए। कली जैसी रचनाएँ सभी छ: डालियों के नीचे होनी चाहिए। 36  शुद्ध सोने के एक ही टुकड़े को हथौड़े से पीटकर कलियाँ, डालियाँ और पूरी दीवट बनाना।+ 37  दीवट पर रखने के लिए सात दीए बनाना जिनके जलने से सामने की पूरी जगह रौशन हो जाएगी।+ 38  दीवट के चिमटे और आग उठाने के करछे शुद्ध सोने से बनाए जाएँ।+ 39  दीवट और ये सारी चीज़ें एक तोड़े* शुद्ध सोने से बनायी जाएँ। 40  ध्यान रखना कि ये सारी चीज़ें ठीक उसी नमूने के मुताबिक बनायी जाएँ जो तुझे इस पहाड़ पर दिखाया गया है।+

कई फुटनोट

या “लाल-बैंजनी रंग से रंगा ऊन।”
या “किरमिज़ी लाल रंग का धागा।”
या “डेरा।”
या “पेटी।”
एक हाथ 44.5 सें.मी. (17.5 इंच) के बराबर था। अति. ख14 देखें।
करीब 7.4 सें.मी. (2.9 इंच)। अति. ख14 देखें।
एक तोड़ा 34.2 किलो के बराबर था। अति. ख14 देखें।

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो