सारांश चलाएँ 1 नीतिवचन का मकसद (1-7) बुरी संगति के खतरे (8-19) सच्ची बुद्धि सरेआम पुकारती है (20-33) 2 बुद्धि का मोल (1-22) इसे छिपे हुए खज़ाने की तरह खोज (4) सोचने की शक्ति एक हिफाज़त है (11) बदचलनी तबाही लाती है (16-19) 3 बुद्धिमान बन, यहोवा पर भरोसा रख (1-12) अनमोल चीज़ों से यहोवा का सम्मान कर (9) बुद्धि खुशी देती है (13-18) बुद्धि सुरक्षा देती है (19-26) दूसरों के साथ सही व्यवहार (27-35) भला कर सकता है, तो कर (27) 4 पिता की बुद्धि-भरी हिदायतें (1-27) सबसे बढ़कर बुद्धि हासिल कर (7) दुष्टों की राह से दूर रह (14, 15) नेक की राह रौशन होती जाती है (18) “अपने दिल की हिफाज़त कर” (23) 5 बदचलन औरतों से खबरदार (1-14) अपनी पत्नी के साथ खुश रह (15-23) 6 दूसरों का ज़ामिन बनने से बच (1-5) “हे आलसी, चींटी के पास जा” (6-11) निकम्मा और दुष्ट इंसान (12-15) यहोवा को सात चीज़ों से नफरत है (16-19) बुरी औरत से बच (20-35) 7 परमेश्वर की आज्ञाएँ मान और जीवित रह (1-5) नादान जवान का बहकना (6-27) “जैसे बैल हलाल होने जा रहा हो” (22) 8 बुद्धि कहती है (1-36) ‘मैं परमेश्वर की पहली कारीगरी हूँ’ (22) “कुशल कारीगर की तरह उसके साथ थी” (30) ‘इंसानों से मुझे लगाव था’ (31) 9 सच्ची बुद्धि का न्यौता (1-12) मेरी बदौलत तू बहुत दिन जीएगा (11) मूर्ख औरत का न्यौता (13-18) “चोरी का पानी मीठा होता है!” (17) सुलैमान के नीतिवचन (10:1–24:34) 10 बुद्धिमान बेटा पिता को खुशी देता है (1) मेहनती हाथ अमीर बनाते हैं (4) बहुत बोलने पर गलतियाँ होती हैं (19) यहोवा की आशीष अमीर बनाती है (22) यहोवा का डर ज़िंदगी बढ़ाता है (27) 11 मर्यादा में रहनेवाला बुद्धिमान है (2) भक्तिहीन दूसरों को तबाह करता है (9) “बहुतों की सलाह से कामयाबी” (14) दरियादिल फलता-फूलता है (25) दौलत पर भरोसा रखनेवाला मिटेगा (28) 12 डाँट से नफरत करनेवाला नासमझ है (1) “बिना सोचे-समझे बोलना, तलवार से वार करना है” (18) शांति को बढ़ावा देने से खुशी मिलेगी (20) झूठ बोलनेवाले होंठ से यहोवा को घिन है (22) चिंताओं से मन दब जाता है (25) 13 सलाह करनेवाला बुद्धिमान है (10) उम्मीद पूरी होने में देर, तो मन उदास (12) विश्वासयोग्य दूत फायदा पहुँचाता है (17) बुद्धिमानों का साथी बुद्धिमान बनेगा (20) सुधारना, प्यार का सबूत है (24) 14 इंसान अपने दिल का दर्द जानता है (10) सही लगनेवाला रास्ता मौत ला सकता है (12) नादान हर बात पर यकीन करता है (15) अमीर के कई दोस्त होते हैं (20) शांत मन से शरीर भला-चंगा रहता है (30) 15 नरमी से जवाब देना क्रोध शांत करता है (1) यहोवा की आँखें हर जगह लगी हैं (3) वह सीधे इंसान की प्रार्थना से खुश होता है (8) सलाह न करने से योजनाएँ नाकाम (22) जवाब देने से पहले मन में सोच (28) 16 यहोवा इरादे जाँचता है (2) अपने काम यहोवा को सौंप दे (3) सच्चे पलड़े यहोवा की तरफ से हैं (11) विनाश से पहले घमंड (18) पके बाल खूबसूरत ताज हैं (31) 17 अच्छाई का बदला बुराई से मत चुका (13) बात बढ़ने से पहले निकल जा (14) सच्चा दोस्त हर समय प्यार करता है (17) “दिल का खुश रहना बढ़िया दवा है” (22) समझवाला सँभलकर बोलता है (27) 18 खुद को अलग करना मूर्खता और स्वार्थ है (1) यहोवा का नाम मज़बूत मीनार है (10) दौलत झूठी हिफाज़त है (11) दोनों पक्षों की सुनना बुद्धिमानी है (17) दोस्त भाई से बढ़कर वफा निभाता है (24) 19 अंदरूनी समझ, गुस्सा शांत करती है (11) झगड़ालू पत्नी टपकती छत जैसी है (13) सूझ-बूझवाली पत्नी यहोवा से मिलती है (14) जब तक उम्मीद है, बच्चे को सिखा (18) सलाह को सुनना बुद्धिमानी है (20) 20 दाख-मदिरा हँसी उड़ाती है (1) आलसी सर्दियों में जुताई नहीं करता (4) इंसान के विचार गहरे पानी की तरह हैं (5) उतावली में मन्नत मत मान (25) जवानों की शान उनकी ताकत है (29) 21 राजा का मन यहोवा मोड़ता है (1) न्याय करना बलिदान चढ़ाने से बेहतर (3) मेहनत से सफलता मिलती है (5) जो दीन जन की नहीं सुनता, उसकी भी नहीं सुनी जाएगी (13) यहोवा के खिलाफ कोई बुद्धि नहीं टिकती (30) 22 अच्छा नाम बेशुमार दौलत से बढ़कर है (1) बचपन की सीख जीवन-भर याद रहेगी (6) आलसी डरता है कि बाहर शेर है (13) शिक्षा से मूर्खता दूर होती है (15) काम में माहिर आदमी, राजाओं की सेवा करता है (29) 23 सोच-समझकर न्यौता कबूल कर (2) पैसे के पीछे मत भाग (4) पैसा पंख लगाकर उड़ जाएगा (5) बहुत ज़्यादा पीनेवालों जैसा मत बन (20) शराब साँप की तरह डसेगी (32) 24 बुरे लोगों से ईर्ष्या मत कर (1) बुद्धि से घर बनता है (3) नेक जन चाहे गिरे, वह उठ खड़ा होगा (16) बदला मत ले (29) झपकी लेने से गरीबी टूट पड़ती है (33, 34) सुलैमान के नीतिवचन, जिनकी नकल हिजकियाह के आदमियों ने तैयार की (25:1–29:27) 25 राज़ की बात मत खोल (9) सोच-समझकर कहे गए शब्द (11) दूसरों के घर बार-बार मत जा (17) दुश्मन के सिर पर अंगारों का ढेर लगाना (21, 22) अच्छी खबर ठंडे पानी जैसी है (25) 26 आलसी का ब्यौरा (13-16) दूसरों के झगड़े से दूर रह (17) किसी का मज़ाक मत बना (18, 19) लकड़ी नहीं तो आग नहीं (20, 21) बदनाम करनेवाले की बातें लज़ीज़ खाने जैसी (22) 27 दोस्त की डाँट फायदेमंद है (5, 6) मेरे बेटे, मेरा दिल खुश कर (11) लोहा लोहे को तेज़ करता है (17) अपने झुंड को जान (23) दौलत हमेशा नहीं रहती (24) 28 बात न माननेवाले की प्रार्थना घिनौनी है (9) अपराध माननेवाले पर दया की जाती है (13) रातों-रात अमीर बननेवाला निर्दोष नहीं रहता (20) चिकनी-चुपड़ी बातों से डाँट अच्छी (23) दरियादिल को कोई कमी नहीं (27) 29 बच्चे पर रोक न हो तो वह शर्मिंदा करेगा (15) मार्गदर्शन नहीं, लोग करें मनमानी (18) गुस्सैल इंसान झगड़े पैदा करता है (22) नम्र इंसान आदर पाएगा (23) इंसान का डर एक फंदा है (25) 30 आगूर का संदेश (1-33) मुझे न गरीबी दे, न अमीरी (8) चीज़ें जो तृप्त नहीं होतीं (15, 16) बातें जो समझ से बाहर हैं (18, 19) बदचलन औरत (20) सहज बुद्धिवाले जंतु (24) 31 राजा लमूएल की बातें (1-31) अच्छी पत्नी कौन पा सकता है? (10) कामकाजी और मेहनती (17) भली बातें कहती है (26) बच्चों और पति से तारीफ पाती है (28) आकर्षण, खूबसूरती पल-भर की (30) पिछला अगला प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें नीतिवचन—सारांश बाइबल की किताबें नीतिवचन—सारांश हिंदी नीतिवचन—सारांश https://cms-imgp.jw-cdn.org/img/p/1001070000/univ/art/1001070000_univ_sqr_xl.jpg nwtsty नीतिवचन इस प्रकाशन की कॉपीराइट Copyright © 2024 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania. इस्तेमाल की शर्तें | गोपनीयता नीति | PRIVACY SETTINGS